जान बची तो लाखों पाये – एक सच
हे भगवान.. ऐसा भी होता है/ सफाई अभियान
राखी का त्योहार गया. घर मे बहुत फल और मिठाई रखी थी कुछ बांट दी और कुछ रह गई. सोचा सुबह तो निबटा ही दूंगी. खाना बनाकर टीवी देखा और देखते देखते नींद भी आ गई. अचानक फोन की घंटी हुई. फोन उठाया तो रॉग नम्बर था. चाय पीने के बाद शुरु हुआ सफाई अभियान.
मिठाई का दुबारा देखा और सूंधा कि क्या वाकई खराब है या चलाई जा सकती है पर सोचा कि पंगा नही लेते… अचानक गेट पर घंटी बजी और बाहर सफाई कमर्चारी था. कूडा लेने आया था. मैने फटाफट डिब्बा बंद किया और उसे पकडा दिया कि खा लेना.. लगभग आधा धंटे बाद फिर घंटी बजी. बाहर आई तो देखा जमादार के साथ दो तीन लोग खडे थे. जमादार बता रहा था कि इन्ही बीबी ने मिठाई का डिब्बा दिया था. उसने मुझे बताया कि उसके बच्चों ने मिठाई खाई और उनकी तबियत खराब हो गई अस्पताल मेंं है … अरे बाप रे … !!
अस्पताल् के डाक्टर मुझे जानते थे तो मैने फोन करके मरीज का हाल पूछा तो उन्होने बताया कि दोनो बच्चे अभी गम्भीर हैं… हे भगवान !! मैने तो तौबा कर ली कि आगे से कभी किसी को खराब मिठाई नही दूंगी और देना क्या मैं तो कभी घर में भी नही लाऊंगी मिठाई …
मैने सारे देवी देवता याद कर लिए कि बस इस बार बचा लो भगवान !! क्षमा करो … क्षमा करो… दो चार आदमी तो मेरे घर के आगे ही बैठ गए कि अगर बच्चों को कुछ हुआ तो वो यही तोड फोड शुरु कर देंगें…
हे भगवान !! खिडकी से बाहर झांका तो वो लोग बात कर रहे थे कि पुलिस केस तो है ही पुलिस को सूचित कर दिया है आने वाली होगी वो कभी भी …
हे भगवान !! मैं झांक ही रही थी बाहर तभी दरवाजे की घंटी बजी.. मैने सोचा मर गए अब क्या करु … क्या करु …
अचानक मेरी नींद खुल गई… अरे !! मैं पसीना पसीना थी… वो सपना था … क्या ?? वो सब सपना था … जान में जान आई … बाहर आई तो देखा वही सफाई कर्मचारी खडा था कूडा लेने आया था.. मैं जैसे ही कूडा लाने के लिए मुडी वो बोला बीबी जी राखी की मिठाई ?? मैने हसंते हुए कहा कि वो तो खत्म हो गई तुम पैसे ले जाओ और बच्चो के लिए फल खरीद लेना.. खिला देना…
वो वाली मिठाई भी कूडे की भेट चढ चुकी थी और अब मैं बहुत अच्छा महसूस कर रही थी … वो नमस्ते करता आगे बढ गया और मैं चाय बनाती हुई अपना अपना सोच रही हूं !! जान बची तो लाखों पाये – एक सच !!
सपने से ही सही एक सबक तो मिला !!…
वैसे आप क्या सोचते हैं !!
Photo by 412 digital
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