कलाम को सलाम – बात परसों रात की है जब मैं ट्विटर पर कुछ पोस्ट कर रही थी. अचानक मेरे देखते ही देखते ट्वीट्स पर ट्वीट्स होने लगे कलाम साहब की तबियत को लेकर…
कलाम को सलाम –
मैनें उस पर ध्यान इसलिए नही दिया कि कुछ दिनों पहले भी ऐसी अफवाह थी और छतीसगढ की एक 22 july की ये खबर
Jharkhand education minister pays floral tribute to APJ Abdul Kalam, pictures go viral | The Indian Express
Jharkhand Education Minister Neera Yadav has landed into a controversy after she reportedly paid floral tributes to former President APJ Abdul Kalam at an event. The pictures which appeared on a local daily have gone viral on social networking sites.
The pictures, shot during a school event, show the minister offering a garland on a photograph of the former president.
After the pictures went viral, twitterati slammed the minister for the blooper. Here are some of the tweets:
Our beloved, and breathing, Dr Kalam just after a tilak was applied on him by the BJP minister in fond remembrance. pic.twitter.com/70fy9WV9pk See more…
इस खबर ने बहुत धक्का पहुंचाया. इसके इलावा पहले भी बहुत बार टवीटर पर उनके शीध्र स्वस्थ होने की कामना की गई और ये कहा गया कि वो अस्तपाल मे भर्ती हैं जबकि वो भले चंगे थे…!!
खैर, इसके बाद टीवी चलाया तो स्क्रोल पर चल रहा था कि वो कलाम साहब गम्भीर … शिलांग की खबर थी और सुनते ही सुनते … बस एक ऐसी खबर आ ही गई किसकी भरपाई कभी नही हो सकेगी… खबर थी उनकी मौत की..
फिर खबरों में सुना उनके अंतिम शब्द … धरती को रहने लायक कैसे बनाया जाए … संसद का डेडलाक कैसे खत्म किया जा सकता है वो परेशान थे कि जिस तरह से संसद ठप्प हो जाती है… उनकी मंशा ये थी कि वो आईआईटी शिलांग के बच्चों से ही इस बारे में विचार लेंगें कि उनकी इस बारे में क्या सोच है…
अब मैं अपनी असली बात पर आती हूं …इन दो दिनों में इतना सब कुछ होने के बाद भी ससंद वासी हंगामा ही करते रहे. बात उस दिन सुबह की है जिस दिन पंजाब मे आतंकी हमला हुआ था मैने सोचा शायद हमले से कुछ सीख कर चुपचाप सत्र चलने देंगें पर बडे शर्म की बात है कि एक तरफ हमारे जवान पंजाब में आतंकियों का सामना कर रहे थे और उसी दिन संसद में हमेशा की तरह तू तू मैं मैं और हो हल्ला होता रहा. सोचा तो था कि जिस तरह से आतंकवादी हमला पंजाब में हुआ है उसे मद्देनजर रखते हुए शायद मानसून सत्र में कोई हंगामा नही होगा और सत्र चल जाएगा पर खबरों में फिर, एक तरफ सत्र का हंगामा दिखा रहे थे तो दूसरी तरफ आतंकवादी हमले ही तस्वीरे… मन बेहद खिन्न हो गया और कलाम साहब की मानसिक परेशानी जो सत्र के न चलने को लेकर थी काश सांसद उन्हे सच्ची श्रधांजलि यही दें कि सत्र आराम से चलने दे …
एक अन्य बात की धरती को रहने लायक कैसे बनाए… आज मैं इस बारे में बाहर बैठ कर सोच रही थी. तभी माली आ गया क्योकि घास बहुत बढ गई थी तो वो उसे काटने लगा. अचानक मैने देखा सामने सडक पर गाय आ रही है मैने सोचा अरे वाह…. आज तो गाय को ताजी ताजी घास खिला देती हूं पुण्य का काम हो जाएगा… इसलिए खूब सारी घास उठाई और गेट के बाहर सडक पर डाल दी. पहले तो गाय ने लेफ्ट राईट देखा …फिर अपनी गर्दन झटकते हुए भवें हिलाई शायद हैरान हो रही होगी क्योकि मैंने कभी उसे घास नही डाली … हा हा यानि कभी कुछ खाने को नही दिया और वैसे भी सडक पर कुछ भी डालने के हमेशा से ही खिलाफ रही हूं पर उस दिन शायद मेरा कोई पुण्य जाग उठा था. उसने घास खाना शुरु ही किया था कि उसकी चार पांच सहेलियां भी आ गई जिसमें भारी भरकम बैल भी थे. मैने मन ही मन सोचा रे वाह … आज तो सारी घास इन सभी को ही खिला दूगी तो देवी देवता सब प्रसन्न हो जाएगें… माली घास काटता रहा और मैं बाहर डालती रही. कुछ ही पल में बाहर देखा तो मेरी वजह से सारी सडक घास युक्त हो चुकी थी और तो और गाय अपनी सहेलियों समेत सडक के बीचोबीच आसन जमा चुकी थी और बैल महाराज जी तो वहां मजे से गोबर भी कर रहे थे…. जिस वजह से , शायद नही, यकीनन ही आने जाने वालो को परेशानी भी हो रही होगी… एक मोटर साईकिल वाले ने वहां से जाते हुए मुझे ऐसे गुस्से से देखा मानो कह रहा हो ये क्या हाल बना रखा है … अरे बाप रे ..!!!
मैं टेंशन में आ गई पर भगवान का शुक्र है कि उसी समय सडक साफ करने वाली जमादारनी आ गई और उसने बची घास एक किनारे पर रख कर सडक साफ कर दी तब तक घास भी खत्म हो गई थी और उसने और माली ने मिलकर जानवरों को भगा दिया … उस समय मेरे मन में फिर आया कि धरती रहने लायक तभी बनाई जा सकती है जब हम उसे साफ सुथरा रखेंगें और ऐसे गंदा नही करेंगें भले ही पुण्य का कार्य हो जैसाकि हम हरिद्वार या गंगाजी जा कर करते हैं… वहां अस्थियां बहाते हैं लिफाफे बहाते हैं जिसकी वजह से गंगा व अन्य पावन नदियां प्रदूषित हो रही है…
पुण्य के चक्कर में सडक पर भी बचा खाना फेंक देते हैं जिससे जानवर टूट कर पडते हैं और कई बार हिंसक भी हो जाते हैं और हमें और सडक पर आने जाने वालो को नुकसान भी पहंचा सकते हैं
पता नही मेरे यह लिखने की क्या वजह है… है भी या नही पर इतना जरुर है कि धरती रहने लायक तभी बन सकती है जब वो स्वच्छ हो, साफ हो और गंदगी से कोसो दूर हो…
– BBC
भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम ने एयरोनॉटिकल इंजीनियर के रूप में अपने करियर की शुरुआत की थी.
वो हिन्दुस्तान की दो बड़ी एजेंसियों डिफ़ेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइज़ेशन (डीआरडीओ) और इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइज़ेशन (इसरो) के प्रमुख रहे थे.
दोनों एजेंसियों में उन्होंने बहुत उम्दा काम किया.
हिन्दुस्तान के पहले रॉकेट एसएलवी-3 को बनाने में उन्होंने अहम भूमिका निभाई. पोलर सैटेलाइट लॉन्च वेहिकल (पीएसएलवी) बनाने में भी उनकी प्रमुख भूमिका थी.
हिन्दुस्तान के पहले मिसाइल पृथ्वी मिसाइल और फिर उसके बाद अग्नि मिसाइल को बनाने में भी डॉक्टर कलाम का अहम योगदान रहा है.
हमें ये भी नहीं भूलना चाहिए कि भारत ने 1998 में जो परमाणु परीक्षण किया था उसमें भी डॉ कलाम की विशिष्ट भूमिका थी. उस समय वो डीआरडीओ के प्रमुख थे. – BBC
कलाम जी के विचार अगर हम सभी( हम सभी यानि की हम सभी… जिसमे नेता भी हों आम आदमी भी हों पुलिस भी हो और प्रशासन भी हो) अपनी जिंदगी में अपना लेंगें तो शायद इससे अच्छी और सच्ची श्रधांजलि और कोई हो ही नही सकती…
कलाम को सलाम