Letter of didi
दीदी की चिठ्ठी… दैनिक नव ज्योति, जयपुर से हर रविवार धमाचौकडी में
Letter of didi
हैलो नन्हे दोस्तों,
कैसे हो? पता है आज मुझे अवि मिला. उसे बहुत ज्यादा खांसी हो रही थी. असल मे, वो कभी तेज धूप मे बाहर चला जाता है तो कभी कूलर की ठंडी हवा के सामने बैठ जाता है तो कभी पसीने तरबतर होकर फ्रिज का ना सिर्फ ठंडा पानी पीता है बल्कि ट्रै से बर्फ भी निकाल कर खाता है अब ऐसे मे उसे गर्म सर्द हो गया और नतीजा है जबरदस्त खांसी.
आजकल वो स्कूल नही जा पा रहा और मजबूरन घर बैठना पड रहा है. असल मे, जब हमारे मम्मी पापा या घर के बडे हमे कुछ समझाते हैं तो हम उनकी बात अनसुनी कर देते हैं. कहना नही मानते और अपनी ही चलाते हैं और इसका नतीजा यह निकलता है कि बच्चो को तो दिक्कत तो होती ही है साथ ने मम्मी पापा को भी परेशानी होती है.
कभी डाक्टर के ले कर जाना तो कभी आफिस से छुट्टी करना. इसलिए अपने बडो का कहना मानना बहुत जरुरी है क्योकि वो हमसे ज्यादा अनुभवी है और वो हमारी भलाई का ही सोचते हैं. जाते जाते एक ही बात आप सभी से कहना चांहूगी कि सबसे मुश्किल काम है खुद को सुधारना और सबसे आसान काम है दूसरो की गल्तियां निकालना.
ढेर सारी शुभकामनाओं सहित /आपकी दीदी /मोनिका गुप्ता
Letter of didi आपको कैसी लगी … जरुर बताना 🙂
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