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आज “मन की बात” में सडक दुर्घटना का मुद्दा भी था. मोदी जी ने बताया कि कि किस तरह से एक व्यक्ति सडक पर घायल पडा रहा पर कोई मदद के लिए नही आया. इसके लिए रोड सेफ्टी बिल लाएंगे और पहले 50 घंटे में घायलों के कैशलेस ट्रीटमेंट की कोशिश करेंगे’.. बेशक, जो सही लगे वो कदम जरुर उठाए जाने चाहिए पर एक जरुरी कदम ये भी होना चाहिए अगर कोई सडक पर किसी घायल को देखे और वो उसे अस्तपाल ले कर जाए तो ज्यादा पूछ्ताछ न हो … क्योकि हम लोग मदद करने में पीछे नही हटते पर पीछे हटते हैं तो वो सिर्फ एक ही वजह से.. वो है पुलिस पूछ्ताछ करेगी सौ सवाल करेगी. समय वेस्ट होगा कौन इस पचडे मे पडे.
Media मे जब इस दुर्घटना की खबर दिखा रहे थे तो यही बोल रहे थे लोग सवेंदनहीन हो गए है… निर्भया के मामले मे भी यही बोला गया कि वो सडक पर पडी रही और कोई आगे नही आया मदद के लिए
सोचने वाली बात ये है कि कोई आगे क्यों नही आया.? क्या वाकई लोग संवेदनहीन हो गए हैं? शायद नही हमारे देश के लोगों मे अभी मानवता मरी नही है पर हमारे देश के कानून ने हमे मार रखा है…
मुझे याद है हमारे सिरसा में कुछ साल पहले एसपी ने यह घोषणा की थी कि जो व्यक्ति सडक पर पडे घायल को अस्पताल लेकर जाएगा उससे ज्यादा पूछ्ताछ नही होगी और उसे ईनाम मिलेगा और इस वजह से घायल को तुरंत मदद मिलने लगी और तनाव खत्म ही हो गया था ( हैरानी की बात ये भी हुई कि तब मेरी कोशिशों के बाद भी इस सकारात्मक खबर को न्यूज चैनल ने नही लिया स्टोरी को होल्ड पर रख दिया ). खैर फिर एसपी का तबादला हो गया और नियम फिर बदल गए. सबसे पहले जिला स्तर पर अगर प्रशासन सकारात्मक कदम उठाए तो बहुत अच्छा उदाहरण पेश किया जा सकता है.
आज प्रधान मंत्री जी की मन की बात सुन कर बीती बात याद आ गई. अगर छोटे छोटे स्तर पर प्रशासन और पुलिस सचेत हो जाए तो बहुत बदलाव लाया जा सकता है…
http://www.khabarmantra.com/news/own-thing-in-the-pm-narendra-modi-said-government-will-bring-the-bill-on-road-safety-26072015.html