Lohri – लोहड़ी – Lohri Festival – लोहड़ी का त्यौहार – लोहड़ी की कथा – Monica Gupta – जनवरी महीना पूरे भारत के लिए त्योहार लेकर आता है.. ऐसा ही एक त्योहार है लोहडी… आपसी प्रेम और भाई चारे की मिसाल कायम करने वाला अनूठा पर्व है लोहडी. लोहड़ी शब्द तिल + रोड़ी शब्दों के मेल से बना है, जो समय के साथ बदल कर तिलोड़ी और बाद में लोहड़ी हो गया
Lohri – लोहड़ी – Lohri Festival – लोहड़ी का त्यौहार – लोहड़ी की कथा –
लोहड़ी पर्व पौष के अंतिम दिन, सूर्यास्त के बाद माघ संक्रांति की पूर्व संध्या पर सभी एक साथ खुशी खुशी मिलजुल कर नाच गाकर मनाते हैं।
लोहड़ी शब्द तिल + रोड़ी शब्दों के मेल से बना है, जो समय के साथ बदल कर तिलोड़ी और बाद में लोहड़ी हो गया। पंजाब के कई इलाकों मे इसे लोही या लोई भी कहा जाता है।
लोहड़ी के कुछ दिन पहले से ही दिन बच्चे और बडे अपनी-अपनी टोलियाँ बना ‘दे माई लोहड़ी, तेरी जीवे जोड़ी’ गाते हुए या सुंदर मुदरिए गाते हुए ढोल की थाप के साथ घर-घर जा कर लोहड़ी माँगते हैं।
पूरा वातावरण संगीतमय हो जाता है
समस्त उत्तर भारत में लोहड़ी तो दक्षिण भारत के लोग पोंगल और असम में बिहू पर्व ऐसे ही हर्ष उल्लास और धूमधाम से मनाया जाता है।
हर त्योहार के पीछे कोई न कोई कहानी होती है…
लोहरी की लोक कथा कुछ इस तरह से है
कहा जाता है की सुंदरी और मुनरी नाम की दो बहनें थी। बचपन में ही उनके माता -पिता का स्वर्गवास हो गया था। जवान होने पर उनके चाचा उन्हें किसी राजा के हाथों बेच देना चाहते थे।
जब इसकी जानकारी दुल्ला भट्टी नामक एक डाकू को हुई तो वो उन जालिमों से इन बच्चियों को बचाकर जंगल में लाए और उनके पिता बनकर उनका विवाह योग्य वर से वहीं आग जलाकर के सात फेरे करवा दिए। क्यूकि शादी बहुत जल्दी में हुई ,दुल्ला को उस समय देने के लिए कुछ भी नही था अतः लड़कियों के आँचल में एक एक सेर गुड डालकर विदा किया।
तबसे लोहड़ी को त्यौहार, उत्सव इस के रूप में मनाने की प्रथा चली आ रही है। जिसे पूरे देशभर में हर्षोलास के साथ मनाया जाता है।
लोहड़ी का त्यौहार उमंग और उत्साह का प्रतीक है। रात को आग के अलाव जलाकर उसके चारों ओर नाच किया जाता है और जलती हुई आग में तिल गुड और मूंगफली आदि का भोग लगाकर लोगों को भी मूंगफली ,रेवड़ी आदि बांटी जाती है
इस त्योहार का सबंध फसल से भी है, इस समय गेहूँ और सरसों की फसलें अपने यौवन पर लहरा रही होती हैं,
बेशक , लोहड़ी, उत्तर भारत का एक सबसे लोकप्रिय त्यौहार है. पंजाब के अतिरिक्त इसे हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में भी बहुत उत्साह से मनाया जाता है.
कुल मिलाकर लोहडी पर्व न सिर्फ रिश्तों की मधुरता, सुकून और प्रेम का प्रतीक है बल्कि सदभावना से रहने का संदेश भी देता है।
Lohri Festival
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