मां का कर्तव्य क्या है- बच्चों के पालन पोषण में मां की भूमिका -माता प्रथम शिक्षिका होती हैं . तो मां की भूमिका क्या होनी चाहिए.. भगवान का दर्जा मां को दिया गया है पर क्या वो अपनी भूमिका सही सही निभा रही है ??? सोचने की बात है…
मां का कर्तव्य क्या है- बच्चों के पालन पोषण में मां की भूमिका
बच्चों के पालन पोषण में मां का कर्तव्य क्या है….
एक विज्ञापन आ रहा था जिसमे एक बच्चा अपने बडे से कुछ गलत बोलता है और उसकी मम्मी बच्चे की कही गलत बात पर टोकती है और बोलती है कि say sorry to dadi और बच्चा भी तुरंत बोल देता है Sorry
बच्चो की पहली गुरु होती है मां जो बच्चों का जिंदगी का जैसा सबक पढाती है बच्चा वैसा ही बन जाता है इसलिए मां को एक अच्छा उदाहरण पेश करना चाहिए..
.. पर क्या वाकई ऐसा होता है … शायद अकसर नही …
एक कहानी …
कुछ समय पहले मैने कुछ ऐसा महसूस किया और उसे कहानी का रुप दे दिया … ये बात है राखी त्योहार के आसपास की …जब मैं अपनी जानकार के घर गई हुई थी … हम बाहर ड्राईग रुम में बैठे थे और उनके बच्चे एक लडका और एक लडकी भीतर पढ रहे थे… तभी दोनो की लडाई की आवाज आने लगी और दोनो लडते हुए शिकायत लगाने बाहर आ गए …
मां का कर्तव्य क्या है- बच्चों के पालन पोषण में मां की भूमिका
मम्मी ने समझाया भाई बहन का बंधन बहुत प्यारा होता है. भाई बहन हो प्यार से रहना चाहिए शादी के बाद ये अपने घर चली जाएगी फिर याद करेगा अपनी बहन को … खबरदार अब लडने की आवाज न सुनू मुझे भी बहुत अच्छा लगा सुनकर
इतने में बच्चों की बुआ का फोन आ गया..वो बता रही थी कि कुछ दिन यहां रहने आ रही है
भाई से मिले भी बहुत दिन हो गए… फोन रखते रखते मेरी जानकार का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच चुका था और बडबडाने लगी कि लो आ रही है अपने भाई के घर रहने पता नही भाई बहन का कितना प्यार है ना भाई रह सकता और न बहन रह सकती पता नही बचपन में क्या घुट्टी पिलाई थी दोनो को …
क्या निहाल करेंगें दोनो मैं भी हैरान थी और बच्चे भी हैरानी से अपनी मम्मी को देख रहे थे … कुल मिलाकर कहने का मतलब यही है कि
अकसर माऎ अपने बच्चॉं के आगे अपने घर के बडे बुजुर्गो की बुराई कर जाती है बिना ये समझ बूझे की बच्चों की मानसिकता पर कितना बडा असर हो सकता है देखिए हम अकसर कहते हैं कि भगवान हर जगह नही जा सकता इसलिए उसे मां बना दी …
और अगर मां ऐसी बातें करेगीं तो …. इसलिए … बहुत सोच समझ कर….
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