ओ मांझी रे – सिस्टम और समाज को बदल डालो
दशरथ मांझी बनाम दाना मांझी
चाहे मांझी हो या मांझा… सिस्टम के लिए बहुत बडी चुनौती है.
Its right time to wake up ..आज अचानक फेसबुक facebook memories को देखा तो पिछ्ले साल की बात याद आ गई. तब मांझी का नाम सुर्खियों मे था. दशरथ मांझी का जिहोने पत्नी की दिक्कत को देखते हुए पूरा पहाड ही तोड दिया और आज भी एक मांझी है दाना मांझी जो पत्नी के शव को दस किलोमीटर तक उठा कर चले … दोनो मांझी समाज के लिए एक सबक हैं
सिस्टम को बदलना होगा … सरकार की तरह मुहं बाए करके देखने से कुछ नही होगा हमें खुद को बदलना होगा … चाहे भारी दिक्कतो के चलते बाहुबली बन कर पहाड काटना हो या एंबूलैंस न मिलने पर पत्नी के शव को कन्धे पर उठा कर ले जाना हो … हमें ही पहल करनी होगी … खुद को बदलना होगा फिर प्रशासन हो या सरकार सभी को झुकना पडेगा …
बात पिछ्ले साल की है जब दशरथ मांझी सुर्खियों मे थे दशरथ मांझी तो आपको याद ही होंंगे.. याद नही ?? अरे वही .. जिनकी तुलना शाहजहां और ताजमहल से की हई थी… सोशल मीडिया ने उन्हे बाहुबली की उपाधि दे डाली थी … अपनी पत्नी की दिक्कत को देखते हुए पहाड तोड कर रास्ता बना दिया था उन्होने..
और आज भी एक मांझी सुर्खियो मे है और उनका नाम है दाना मांझी … खराब सिस्टम के चलते अपनी पत्नी का शव कन्धे पर उठा कर निकल पडे … और वो आज सुर्खियों में है … हर चैनल पर, हर समाचार पत्र की सुर्खिया बनी हुई है दाना मांझी की अपनी मृतक पत्नी के शव को उठा कर ले जाने की यात्रा..
मैं इन दोनो नामो को अलग नजरिए से देखती हूं ये दोनो नाम हमारे लच्चर सिस्टम की पोल खोलने के लिए काफी हैं. अब जरुरत इस बात की है कि क्या हम इन दोनो से कुछ सीख लेते हैं या वैसे ही चलता रहेगा और अव्यव्स्थाओ का जनाजा उठता रहेगा … फेसबुक या सोशल नेट वर्किंग के माध्यम से हम इन सभी को कोसते ही रहेंगें…
वैसे आपकी क्या राय है … जरुर बताईगा ..
Odisha Woman Body Broken then carried on bamboo by CHC Workers – Jansatta
उड़ीसा के बालासाेर जिले में 80 वर्षीया विधवा, सलमानी बेहड़ा की बुधवार सुबह सोरो रेलवे स्टेशन के नजदीक मालगाड़ी के नीचे आ जाने से मौत हो गई। उनकी लाश को सोरो कम्युनिटी हेल्थ सेंटर ले जाया गया। लाश को पाेस्टमॉर्टम के लिए बालासोर जिला ले जाना जरूरी था, मगर कोई एम्बुलेंस मौजूद नहीं थी।
सोशल नेटवर्किंग और हमारे सोचने का तरीका – Monica Gupta
Click n listen hindi audio of 2 min & 8 Sec about “Social Networking Sites and our thinking”. Click n listen hindi audio of 2 min & 8 Sec about “Social Networking Sites and our thinking”.
Click n listen hindi audio of 2 min & 8 Sec about “Social Networking Sites and our thinking”. सोशल नेटवर्किंग और हमारे सोचने का तरीका मनोरंजक, प्रेरक ऑडियो, एक जागरुक नागरिक होने के नाते प्लीज बिजली जितनी आती है उसका उपयोग सम्भल कर करे और पानी बिल्कुल वेस्ट ना करें और हो सके तो एक पौधा लगा कर उसकी देखभाल करें …ड्राईव करते समय सीट बेल्ट बांधे या हेलमेट monicagupta.info
Leave a Reply