नमस्कार – कैसे हैं आप – The Real Meaning and Significance of “Namaste – किसी जमाने मॆं नमस्ते ,नमस्कार या नमस्कारम, की जगह आज हैलो, हाय, वटस अप …ने ली है. आजकल ये हमारे अभिवादन के तरीके हो गए हैं जबकि नमस्ते सुनने में बहुत अच्छा और आत्मीयता तथा अपनेपन का भाव जगाता है.किसी मंदिर के करीब से गुजरते ही हाथ खुद बखुद जुड जाते हैं यानि नमस्ते की मुद्रा में आ जाते हैं.
नमस्कार – कैसे हैं आप
नमस्कार मूल धातु `नम:’ से `नमस्कार’ शब्द बना है । `नम:’ का अर्थ है नमस्कार करना, वंदन करना ।
दोनों हाथों को मिलाकर, हल्के से शरीर के झुकाव के साथ किया गया नमस्कार असल में, सबसे पहले व्यक्ति के अहं को दूर करता है, नमस्कार करने से नम्रता बढती है , कृतज्ञता का भाव बढता है सात्त्विकता मिलती है और आध्यात्मिक उन्नति होती है ।
नमस्कार
नमस्कार भारतीय़ संस्कृति का अनमोल रत्न है। नमस्कार अर्थात नमन, वंदन या प्रणाम – नमस्कार एक श्रेष्ठ संस्कार है। जब तुम किसी बुजुर्ग, माता-पिता, संत-ज्ञानी-महापुरूष के समक्ष हाथ जोड़कर मस्तक झुकाते हो तब तुम्हारा अहंकार पिघलता है और अंतःकरण निर्मल होता है। तुम्हारा आडम्बर मिट जाता है और तुम सरल एवं सात्त्विक हो जाते हो। साथ ही साथ नमस्कार द्वारा योग मुद्रा भी हो जाती है। See more…
The Real Meaning and Significance of
The Real Meaning and Significance of “Namaste! 1/7 अनाहत चक नमस्ते करने के लिए, दोनो हाथों को अनाहत चक पर रखा जाता है, आँखें बंद की जाती हैं और सिर को झुकाया जाता है। The Real Meaning and Significance of “Namaste! 2/7 दैवीय प्रेम का बहाव हाथों को हृदय चक्र पर लाकर दैवीय प्रेम का बहाव होता है। सिर को झुकाने और आँखें बंद करने का अर्थ है अपने आप को हृदय में विराजमान प्रभु को अपने आप को सौंप देना।
तो अब आप क्या सोच रहे हैं हैलो, हाय या फिर नमस्ते … वैसे मेरी तो नमस्ते है आप सभी को …
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