मर गई इंसानियत – शव को कन्धे पर लेकर चला दस किलोमीटर
नेट पर एक खबर देखी जोकि वाकई में वाकई में विचलित कर गई. खबर थी कि ओडिशा के कालाहांडी जिले में एक आदिवासी व्यक्ति अपनी पत्नी के शव को कंधे पर लेकर करीब 10 किलोमीटर तक चला. साथ में उसकी बेटी भी थी.
सूत्रो के मुताबिक उसे अस्पताल से शव को घर तक ले जाने के लिए कोई एंबुलेंस नहीं दी गई। प्रशासन ने भी मदद नही दी. दुख इस बात का नही कि प्रशासन ने कोई मदद नही की. उनसे उम्मीद भी नही की जानी चाहिए दुख तो हुआ ये देख कर हुआ कि लोग देखते रहे पर मदद के लिए आगे नही आए… तस्वीर में दिख रहे इतने लोगो में से अगर चार लोग आगे बढ कर मदद कर देते तो क्या बिगड जाता …
ऐसा ही कुछ निर्भया कांड के समय सुना था कि दिल्ली मे सडक के किनारे घंटो पडे रहे पर कोई मदद के लिए नही आया …
एक अन्य खबर में दिल्ली की सड़क पर एक शख्स सड़क हादसे का शिकार हो कर पूरे डेढ़ घंटे तक तड़पता रहता है और लोग उसकी मदद करने की बजाय उसे लूटते रहते हैं. सीसीटीवी की इन तस्वीरों के बाद जहां पूरी दिल्ली सकते में है.
…कहां चली गई है हमारी संवेदनाए … क्यो हम इतने निष्ठुर हो गए हैं .. दुखद … बेहद दुखद … !!! जनाजा ही उठ गया है संवेदनाओ का… !! बेशक, स्थानीय पत्रकारों ने शव लेकर जाते देखा और जिला कलेक्टर से संपर्क किया. इसके बाद बाकी के 50 किमी की यात्रा के लिए एंबुलेंस मुहैया करवाई गई… !!
जो हुआ दुखद था… !! क्या वाकई हम तरक्की कर रहे हैं आगे बढ रहे हैं स्मार्ट हो रहे हैं अगर यही यही स्मार्ट होना है तो … हमें नही होना स्मार्ट … संवेदनहीन… जहां कुछ लोगों की करतूतों से इंसानियत दम तोड़ती जा रही है..
अस्पताल से नहीं मिला एंबुलेंस, पत्नी के शव को कंधे पर लादकर 10 किमी पैदल चला
तमाम कोशिशों के बाद जब मदद नहीं मिली, तो मैंने पत्नी के शव को एक कपड़े में लपेटा और उसे कंधे पर लादकर भवानीपटना से करीब 60 किलोमीटर दूर रामपुर ब्लॉक के मेलघारा गांव के लिए पैदल चलना शुरू कर दिया। Read more…
वैसे कानून तोडने में तो हम अव्वल हैं यहां हाथ पैर टूटने की भी कोई फिक्र नही /आज दही हांडी उत्सव में
कोर्ट के आदेश की उड़ी धज्जियां उडा दीं दही-हांडी के लिए बना 42 फीट ऊंचा पिरामिड बना दिया …
बस यही बात विचलित कर रही है… !!
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