Parenting Tips for Working Women – बच्चों की परवरिश कैसे करें – कामकाजी महिलाएं – वर्किंग Women बच्चों की देखभाल कैसे करे… वर्किंग लेडीज की दोहरी भूमिका होती है घर का भी ख्याल रखना और आफिस का पूरा बैलेंस बना कर चलना. बहुत महिलाएं जिन्हें पैसे की दिक्कत नही है वो जब बच्चा छोटा हो तो नौकरी नही करती पर बहुत ऐसी भी होती हैं जिन्हें करनी पडती है.. घर खर्चा चलाने के लिए घर से बाहर निकलना ही पडता है… बच्चों की देखभाल कैसे करे
Parenting Tips for Working Women – बच्चों की परवरिश कैसे करें – कामकाजी महिलाएं
सबसे पहले तो आप मन से इस भावना को निकाल दें कि आप बच्चे का ख्याल नही रख पाती… काश आप हाऊसवाईफ होती सारा दिन घर पर रहती और बच्चे का ख्याल रखती… अब आप घर का ख्याल नही रख पा रहीं… आप घर का अपने परिवार का ख्याल रख रही हैं तभी तो आप जॉब कर रही हैं.. तो इस गिल्ट को मन से निकाल दें.. बहुत मदर्स ऐसी भी है जो सारा दिन घर पर रहती है फिर भी बच्चे पर ध्यान नही दे पाती… आप बहुत अच्छी हैं बस जरुरत इस बात की है कि अपना Schedule सही से बना लीजिए…
प्लानिंग होती है टाईम मैंनेज करने की.. कि टाईम मैंनेज किस तरह से करना है.. आपका आफिस का समय तो फिक्स है ही… अपने लिए समय निकालें क्योकि आपने सारा दिन व्यस्त रहना है तो अपने लिए कुछ समय जरुर निकालना होगा. चाहे मैडीटेशन करके या वॉक करके या योगा करके .. ये आपको सारा दिन तनाव रहित और एक्टिव रखेगा…
अब बात आती है बच्चों की बच्चा अगर छोटा है तो babysitter अरेंज कर सकते हैं hire कर सकती हैं या बच्चे को कही छोड भी सकते हैं आजकल इसका ट्रेंड बहुत चल गया है इसलिए ये ज्यादा प्रोब्लम नही है टेक्नीक का धन्यवाद है कि काम के बीच बीच में वीडियो कॉल से बच्चे को देख भी सकते हैं… घर पर कोई मेड रखीं हैं तो घर पर सीसीटीवी भी लगाए जा सकते हैं ताकि दिन भर की सारी जानकारी मिलती रहे…
यानि Stay Connected During the Day बाहर होते हुए भी आप घर से जुडी रह सकती हैं
अगर बच्चा बडा है स्कूल जाता है तो बच्चों को अपने काम के बारे मे बताईए आज के बच्चे बहुत समझदार हैं इसलिए उन्हें बताईए कि मम्मा का काम करना कितना जरुरी है और अगर वो सहयोग करेगें तो बहुत आसानी हो जाएगी… बच्चों को कॉफिडेंस में लीजिए और उनसे ये प्रोमिस भी कीजिए कि शाम का सारा समय बच्चों के साथ ही रहेगा.. नो टीवी नो मोबाईल नो आफिस वर्क एट होम… यानि घर पर 100% दीजिए..
मल्टीटास्किंग न करें ..
आफिस का काम घर पर नही लाना.. Be 100% at home – घर पर 100% दें .कई बार मदर्स घर पर काम ले आती है और बच्चे पूरी तरह से नेगलेक्ट हो जाते हैं.. कभी कभार हो तो अलग बात है पर अगर ये रोज हो रहा है तो जरुर सोचना चाहिए क्योकि बच्चों को समय देना उनकी सुनना उससे बाते करना भी आपके लिए उतना जरुरी है.. हां अगर कुछ बहुत जरुरी है तो बच्चों के सोने के बाद या जल्दी उठ कर भी निबटाया जा सकता है
बच्चों को Self Reliant आत्मनिर्भर बनाईए..
हमेशा वर्किंग मदर्स के बच्चे ज्यादा एक्टिव होते हैं.. क्योकि बचपन से ही बहुत काम खुद करना सीख जाते हैं और इसमे गलत भी नही है… मदर्स भी घर के छोटा मोटे कामो का जिम्मा responsibilities बच्चों को सौंप सकती हैं.. जैसा कि अपना कमरा साफ रखना, अपने कपडे स्कूल से आने के बाद तह करके रखना… स्कूल से आने के बाद होम वर्क करना..
घर के काम का ज्यादा तनाव न हो इसलिए काम बांट लेना चाहिए… कई बार होता है महिला आफिस से आती है तो फिर जुट जाती है उसे कोई सपोर्ट नही न पति का न बच्चों का… इसलिए आपस मे बैठ कर बात कर लेनी चाहिए और चाहे पति हो या बच्चे हर एक जिम्मे कोई न कोई काम involve हो ताकि एक दम से घर आते ही तनाव न हो जाए… ऑनलाईन शापिंग कई बार होता है
बी पोजिटिव – सबसे ज्यादा जरुरी है पॉजोटिव रहना.. वर्किंग लेडी समझदारी से काम लेगी… और टाईम मैंनेज करके चलेगी तो आराम से वर्किंग होते हुए भी बच्चों की देखभाल कर सकती हैं… बैलेंस बना सकती हैं… और दोनो जगह अपना 100 % दे सकती हैं…
Parenting Tips for Working Women – बच्चों की परवरिश कैसे करें – कामकाजी महिलाएं
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