Parents Fighting in front of Children – झगड़ों का बच्चों पर असर – Parents Fighting – बहुत लड़ाई झगड़ा करते हैं बहुत ही लड़ाई झगड़ा करते हैं.. है ना.. आप भी सोच रहे होंगें कि हां बच्चे बहुत ज्यादा लड़ाई झगड़ा करते हैं पर एक मिनट मैं बच्चों की बात नही कर रही.. मैं कर रही हूं पेरेंट्स की…. बात की आपस में बहुत ज्यादा झगड़ा करते हैं.. कभी शराब पी कर आए, कभी किससे बात कर रही थी, किससे मिलने गई थी बिना बताए, कभी तुम्हारे पेरेंटस ऐसे सास ने ये कहा ननद ने ये कहा.. कभी दोस्तों के साथ कहां थे इतनी देर? अनगिनत मुददे है..
Parents Fighting in front of Children – झगड़ों का बच्चों पर असर – Parents Fighting –
बात बात पर लड़ाई, झगड़ा, टोका टाकी, कमी निकालना.. आपके पास पर क्या कभी सोचा है कि इन सब बातों का आपके बच्चे पर क्या असर पड सकता है.. कई मदर्स सोच रही होंगी कि हम झगडा नही करते चलिए मान लिया पर उस गुस्से की frustration तो बच्चों पर निकलते हैं.. चलिए मैं आज 7 बातें बताती हूं ये सात बातें कही से पढी नही बल्कि देखी हुई हैं..
पहली है Parent child relationship –
हम जो हमेशा बात करते है कि बच्चे से अच्छे सम्बंध बना कर रखें ताकि वो आपसे सारी बातें शेयर करे.. यहा उल्टा हो जाता है.. वो कंसेप्ट ही खत्म हो जाता है… शेयर करना तो दूर की बात वो अपने पेरेंट्स को ही एवाईड करने लगता है.. उनका अपने माता पिता के प्रति प्यार खत्म हो जाता है.. प्यार ही नही करते.. आज सोच सकते है कि इसका मतलब क्या है.. ?
दूसरा Health Issues
उसकी सेहत खराब होने लगती है.. कैसे ? हर समय पेरेंट्स को झगडते हुए देखेंगें तो भूख प्यास सब खत्म हो जाती है.. और उसकी मन में बैठ जाता है स्ट्रेस, तनाव… हर समय सोचते रहते हैं… रात को सो रहे होंगें तब उंची उंची आवाजे आनी शुरु हो जाएगी.. स्कूल में भी प्रोग्राम होगा तो उन्हें यही डर लगने लगेगा कि अगर आकर यहां भी झगडने लगे तो क्या होगा.. और अगर नही आएगें तो भी तनाव.. क्योकि दूसरे सभी बच्चों के पेरेंटस तो आए हैं.. पूरी तरह से कंफ्यूज हो जाते हैं न बात कर सकते न अपनी frustration कही और निकाल सकते.. तो मैंटली और फिजिकली सेहत खराब होने लगती है.. और ये एक दो दिन का नही होता long term यानि लम्बे समय तक असर डालता है..
तीसरा बच्चे की Personality पर असर पडता है
उसका बर्ताव दूसरे बच्चों से हट कर हो जाता है.. हसंते मुस्कुराते बात कर ही नही पाएगा… न ही किसी से खुल कर बात कर पाएगा.. मन में हमेश एक डर एक घबराहट सी रह्ती है.. कोफिडेंस ही नही आ पाएगा.. जब हमेशा लडते झगडते पेरेंट्स को देखेगा तो या तो डरा डरा सहमा सहमा रहेगा चुप रहेगा या फिर बहुत उल्टा जवाब देने वाला बन जाएगा… या तो सामने किसी से बात नही कर पाएगा या फिर चिल्ला कर बात करने लगेगा.. यानि अग्रेसिव हो जाएगा.. यानि आक्रमक सामने वाला कोई बात कर रहा है तो उसे उल्टा जवाब देने लगेगा.. क्योकि ये सब घर पर देखता है तो वो इस तरह का अग्रेसिव बच्चा बन जाएगा. या कही जाएगा तो चुप चुप रहेगा बात करने में भी झिझकेगा…
4. वो खुद को insecure महसूस करने लगेगा
घर का पेरेंटस का एक ऐसा माहौल होता है जहां प्यार होता है केयर होती है लेकिन पेरेंटस उसे क्या ये सब दे रहे हैं.. अपने झगडे में उलझ कर क्या आप सोच सकते हैं कि वो secure फील करेगा.. और उसमे ये फीलिंग एक दो दिन के लिए नही हमेशा के लिए घर कर जाती है..
5. बच्चे पर studies पर concentrate नही कर पाते..
पेरेंट्स अक्सर शिकायत करते है कि बच्चा पढता नही.ध्यान ही नही है पढाई की तरफ.. पर ये भूल जाते हैं कही न कही इसका कारण वो खुद बन रहे हैं… बात बात पर एक दूसरे से झगडते रहेंगे तो बच्चा कैसे अपना ध्यान पढाई में लगा पाएगा.. ना पेरेंट्स पढाई पर ध्यान दे पा रहे है.. क्योकि उन्हें झग़डे से ही फुर्सत नही.. कोई अपनी इगो छोडने को तैयार नही.. बच्चे का कोई सोच ही नही रहा… हर समय घर में तनाव का माहुल बना रहता है.. आफिस से देर से क्यो आए? किस दोस्त के साथ थे.? आपस में लडाई करएग़ें तो अक्सर गुस्सा बच्चे पर निकाल देते हैं.. तो बच्चे का ध्यान भी उन्ही बातो में रहता है कि आज न जानेे क्या होगा किस बात पर झगडा होगा.. या झगडा हो गया अब मम्मी पापा क्या करेंगें..
6. बच्चे को शर्म और guilt का अहसास होता है
इसे एक तरह की शर्म का अहसास होता है जैसा कि मान लीजिए उसके दोस्त घर आए हुए हैं और वही किसी बात पर पेरेंटस का झगडा हो गया.. तो उसे बहुत झेंंप लगती है या फिर वो कही बाहर धूमने गए है पर मुंह बना कर रखा है ना एक दूसरे से बात कर रहे हैं न एंज्वाय कर रहे हैं तो भी बाहर जाने का भी क्या फायदा.. बात बात पर जब उन्हें ये सुनने को मिलता है तुम्हारी बजह से मैं जिंदा हू या घर छोड कर नही जा रही वरना मर जाती या तलाक ले लेती तो बच्चे में guilt की भावना आ जाती है और वो बहुत लाचार सा महसूस करता है
7. बुरी आदतों में पड जाता है..
और ये बात बहुत पीडा दायक है.. एक अच्छा खासा बच्चा था और पेरेंटस ने अपने झगडे की वजह से बच्चे को जिंदगी खराब कर दी.. झगडे के चक्कर में बच्चा पेरेंट्स से बात करना नही चाहता न उनके पास बैठना चाहता है ना बात करना चाहता है..
ऐसे में कोई गलत कदम उठा लेता है .. अपने तनाव को कम करना है. समझ है नही कि क्या करे.. तो गलत संगत या नशा आदि करने लगता है.
तो देखिए बहुत जरुरी है आपस में लडाई झगडा न करे.. इसके लिए पेरेंट्स क्या कर सकते हैं ये मैं अगली वीडियो में बताऊंगी.. पर अगर आप भी बहुत झगडा करते हैं बच्चों के सामने थोडा सा कंट्रोल कर लीजिए क्योकि बच्चे के भविष्य का सवाल है…
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