समाज में रिश्तों की अहमियत पर एक लघु कहानी- जीवन से जुडी सच्चाई … कुछ कहानियों में न तो मनोरंजन होता है और ना कोई प्रेरणा बस वो समाज का आईना होती हैं और सोचने पर मजबूर जरुर कर जाती है …
समाज में रिश्तों की अहमियत पर एक लघु कहानी –
मैने कुछ समय पहले कुछ देखा महसूस किया और कहानी मे पिरो दिया .. आज वही कहानी आपको सुना रही हूं … सुनने के बाद जरुर बताईएगा कि आपके क्या विचार हैं ..
कहानी का शीर्षक है वापसी –
अचानक रात की खामोशी को चीरती हुई मोबाईल की घंटी बजने लगी अमेरिका से रवि का फोन था और वो बता रहा था कि अगले सप्ताह के टिकट हो गए हैं और वो अपनी पत्नी रीमा के साथ आ रहा है। घर में अचानक खुशी की लहर दौड़ गई। मां बाबू जी खुश हो गए क्योकि दो साल के बाद बेटा-बहू आ रहे हैं।
माँ की आँखों से जहां खुशी के आँसू थमने का नाम नही ले रहे थे वही भीगी पलकों से वो खाने की लिस्ट भी बनाने में जुट गई कि उन दिनों क्या क्या बनेगा … बेटे बहू की पसंद की सारी चीजे बनाऊंगी और सुनहरे सपने बुनने लगीं … वही रवि के पिता ने पहली मंजिल पर कमरा बनवाने का निर्णय कर रखा था कि जब बेटा आएगा उससे 5 – 7 लाख की माँग करेंगे। उधर, रवि के चाचा ने अपने बेटे विक्की को उनके साथ विदेश भेजने का सोच लिया। उनके साथ घर पर रहेगा और नौकरी खोजेगा।
वहीं रवि की दादी इस फिराक में थीं कि उनकी बेटी निशा यानी रवि की बुआ, जिसका हाल ही में तलाक हुआ है, उसके लिए विदेश में कोई घर मिल जाए, ताकि एक चिंता मिटे। कुल मिलाकर, उनके आने का सभी को इंतजार था…
सभी बहुत उत्साहित थे। अब तो इंतजार था कि वो कब आएगा… इंतजार की घडियां भी खत्म हुई. हल्ला गुला और शोर शराबें में सप्ताह भी बीत गया और खूब धूमधाम से उनका स्वागत हुआ। वो भारत दो साल बाद लौटा था…
खूब सारा सामान लाए थे वो। सभी रिश्तेदारों की आँखों में चमक थी कि ना जाने उनके लिए क्या-क्या सामान लाए हों। देर रात तक खाना-पीना चलता रहा। हँसी-खुशी का माहौल अचानक शांत हो गया और सभी उठकर चुपचाप अपने-अपने घर जाने लगे। सभी के चेहरे पर तनाव था।
असल में, खाना खाते-खाते जब रवि के पिता ने उसका प्रोग्राम पूछा कि कितने दिन का प्रोग्राम है तो उसने बताया कि अब वो वापस नहीं जाएगें .. भारत में रहकर ही कोई काम करेंगे, क्योंकि वहाँ दिल नहीं लगा।
देखत-ही-देखते कमरा खाली हो गया। बस, वहाँ रवि और रीमा बैठे रह गए और सामने बैठी थीं उनकी माँ… जिनकी आँखें खुशी के आँसू बरसाए जा रही थीं कि अब उनका बेटा हमेशा उन ही के पास रहेगा। उसकी आखों के सामने… !!
तो ये थी कहानी आप बताईएगा कि आपको कैसे लगी …
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