बच्चों को सिखाएं पैसों की कद्र करना – पैसों की कीमत पर प्रेरक कहानी – Baccho ko Sikhayen Paiso Ki Kadar Kerna – आमतौर पर हम बच्चों को कोई परेशानी या दिक्कत में नही देखना चाहते इसलिए उन्हें सारी सुख सुविधाएं दे देते हैं पर बच्चे कई बार बिगड जाते हैं उन्हें लगता है कि खूब पैसा है इसलिए कई बार गलत संगत में भी पड जाते हैं…
बच्चों को सिखाएं पैसों की कद्र करना – पैसों की कीमत पर प्रेरक कहानी
कल क्या हुआ कि शाम को मार्किट गई . वहां पुलिस ने एक मोटर साईकिल वाले को रोक रखा था क्योकि हेलमेट नही पहना था … दो दोस्त भी थे और वो लडका इस बात को महसूस नही कर रहा था कि उसने गलती की है … अपना पर्स निकाल कर खडा था और बहुत घमंड से बोल रहा था हां हां ले लो चलान कितना है …
बहुत दुख हुआ … कि एक तो नियम तोड रहे हैं और ना ही पैसे की वैल्यू समझ रहे हैं ..
उस समय तो मैं आगे बढ गई पर ये वेल्यू माता पिता को ही महसूस करवानी होगी … कि पैसा कमाना आसान नही है … वैसे इस पर बहुत सारी कहानियां है पर एक कहानी मुझे बहुत ही अच्छी लगती है …
एक आदमी के पास बहुत पैसा था और उसका बेटा बिगड गया था और खराब संगत में पड गया और खूब पैसे उडाने लगा … … एक दिन उसने अपने बेटे को पास बुलाया और कहा कि अब कुछ काम करो अगर तुम 100 रुपये कमा कर लाओगे तभी तुम्हें खाना मिलेगा … नही तो नही मिलेगा … …..
अब वो ठहरा बिगडा अमीर .. काम कहां उसके बस का … तो वो गया अपनी बहन के पास और बोला कि दीदी जरा सौ रुपये देना … पापा को देने हैं …
दीदी ने दे दिए … उसने जाकर अपने पापा को दे दिए … पापा ने उसे बोला इसे फाड कर फेंक दो … उसने उसे फाड दिया … पापा ने गुस्सा किया कि खुद कमा कर लाओ नही तो खाना नही मिलेगा …
… अगले दिन फिर सारा दिन वो मटर गशती करता रहा और शाम को मम्मी के पास जाकर रोने लगा कि मैं कहां से कमा कर लाऊ पैसे … मम्मी का दिल भी पसीज गया और उन्होनें 100 रुपये उसे दे दिए
उसने फिर जाकर पापा को दे दिए … पापा ने उसे हाथ में लिया और उसे वपिस करते हुए बोले इसे फाड कर फेंक दो … उसने फाड दिया अब पापा ने कहा कि खुद कमा कर के लाओ …
अब दीदी और मां ने मना कर दिया पैसे देने को … अब वो वाकई निकल गया .. सोचा जरुर कमा कर लाऊगां
शाम को एक ढाबे पर काम किया बर्तन धोए, चाय सर्व की लोगो को और पचास रुपये मिले वो पापा को जाकर दे दिए .. पापा ने हाथ में लिए और उसे वापिस करते हुए बोले लो फाड कर फेंक दो उसे …
ये सुनते ही उसे गुस्सा आ गया … बोला ऐसे कैसे कह रहे हो आप … आपको पता है सारा दिन काम करके मेहनत करके ये 100 रुपये कमाएं हैं मैं कैसे फाड सकता हूं …
अब पापा के चेहरे पर खुशी थी … वो बोले यही मैं सुनना चाह रहा था … ये वाकई में तुम्हारी मेहनत की कमाई है … जो तुमने नही कमाए थे मेहनत की ही नही थी इसलिए उसे फाडते समय तुम्हें दर्द भी नही हुआ था … समझ चुका था कि रुपया पैसा बर्बाद करने में कितना दुख होता है…. पैसे की वैल्यू हमें ही समझानी पडेगी ताकि बडे होकर वो मेहनती और ईमानादर इंसान बनें