प्रेरक और मनोरंजक कहानी – मीठा मीठा गप गप – prerak aur manoranjak kahani “मीठा मीठा गप गप – कड़वा कड़वा थू थू” अरे मैं किसी फल की बात नही कर रही … कल टीवी पर न्यूज चैनल देख रही थी उसमे बहस हो रही थी और सभी लोग चाहे वो आमंत्रित मेहमान हो या एकंर सभी चिल्ला रहे थे और एक नेता तो बार बार एक ही बात बोल रहेे थेे “मीठा मीठा गप गप – कड़वा कड़वा थू थू” देख कर ऐसा लगा मानो कुछ अच्छा रहा ही नही … मैंने टीवी बंद करके नेट चला लिया … दिमाग में बहस की बात “मीठा मीठा गप गप – कड़वा कड़वा थू थू” ही घूूूूम रहा था …
प्रेरक और मनोरंजक कहानी – मीठा मीठा गप गप
तभी नजर एक कहानी पर गई … और उसे पढ कर मुझे ऐसा लगा कि अच्छाई और अच्छे लोग भी है दुनिया में ऐसा नही है कि बस बुराई ही बुराई है … वो कहानी मैं आपसे शेयर कर रही हूं …
आप भी सुनकर कहेंगें वाकई बहुत अच्छी कहानी है … एक बूढी महिला सडक किनारे बैठ कर संतरे बेचती थी एक आदमी ने देखा और सोचा कि कितनी बूढी और गरीब है वो वहां रुका और बुढिया के पास गया और बोला – माता जी 1 किलो संतरे दे दो… बुढ़िया खुश हो गई और जल्दी से संतरे तौलने लगी…. पैसे देकर मनोज ने थैली से एक संतरे निकाला और खाते हुए बोला – अम्मा ये संतरे मीठे नही हैं और ये कहकर उसने एक संतरा बुढ़िया को दिया वो संतरा चखकर बोली – मीठे तो हैं beta फिर उस आदमी ने कुछ नही कहा और संतरे ले कर चला गया…
अगले दिन फिर आया … संतरे लिए … चखा और बोला मीठे नही है … और फिर संतरे लेकर चला गया … अब ये रोज का क्रम हो गया… वो हर रोज उस बुढ़िया amma से संतरे खरीदता और थैली से एक संतरा निकालकर खाता और बोलता अम्मा संतरे मीठे नही हैं और कहकर बचा संतरा अम्मा को देता…
बूढी संतरा खाकर बोलती मीठे तो हैं बाबू… कई बार उस आदमी की पत्नी भी साथ होती एक बार वो बोली कि आप संतरे तो हर रोज मीठे होते हैं फिर भी आप यही कहते हो मीठे नही है … वो आदमी बोला कि मुझे पता है पर वो अम्मा कभी खुद उन संतरों को नही खाती… मैं तो बस ऐसा जानबूझ कर करता हूँ कि इसी बहाने ही सही वो इसे खाले …
अच्छा जहां वो अम्मा सब्जी बेचती एक सब्जी वाली भी वहीं सब्जी बेचती … वो हर रोज उस आदमी को देखती एक दिन वो बूढ़ी अम्मा से बोली – ये लड़का रोज संतरा खरीदने में कितना चिकचिक करता …
रोज तुझे तंग करता है फिर भी मैं देखती हूँ कि तू उसको एक संतरा फालतू तोलती है क्यों? बूढ़ी बोली – मालती, वो लड़का मेरे संतरों की बुराई नही करता बल्कि मुझे रोज एक संतरा खिलाता है और उसको लगता है कि जैसे मुझे पता नही है लेकिन उसका प्यार देखकर खुद ही एक संतरा तोल में ज्यादा डाल देती हूं…