Hindi Diwas
किसान आत्महत्या
किसान आत्महत्या
इंसान से इंसान का हो भाई चारा यही था पैगाम तुम्हारा … कहां गया पैगाम तुम्हारा …
कोई शक नही कि आप पार्टी की ग्रह दशा सही नही चल रही पहले आप के अपनो का छोड कर जाना और फिर जंतर मंतर पर किसान द्वारा आत्महत्या प्रकरण … बेहद दुखदाई … सच पूछो तो जिन्होने आप को कभी अपनी पलकों पर बैठाया था आज निशब्द हैं …
किसान रैली
किसान रैली बरसात क्या आई मानों किसानों की जिंदगी मॆ ग्रहण सा लग गया. फसले तबाह हो गई और किसान आत्महत्या करने पर मजबूर हो गए. लेकिन नेता अपनी अपनी पार्टी का राग आलाप रहे हैं कभी भाजपा तो कभी कांग्रेस तो कभी आप पार्टी स्वयं को किसान का हितैषी बता रहे हैं पर उनका दुख दर्द कोई नही समझ रहा.. बस किसान रैली में सभी दल राजनीति कर रहे है और किसने कैसा भाषण दिया इस पर लगातार चर्चा हो रही है अफसोस !!! ऐसे मे पृथ्वी दिवस की शुभकामनाए कैसे दें किसानों को …
शुभ यात्रा
आपकी यात्रा शुभ हो !! शुभ यात्रा जी … अभी आए नही है … अच्छे दिन आने वाले हैं … बस चलते रहिए … चलते रहिए और चलते रहिए … कभी न कभी आ ही जाएगे… आपकी यात्रा शुभ हो 🙂
Modi One Year
‘अच्छे दिन आने वाले हैं’ का नारा देकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सत्ता में आए थे। एक साल के दौरान उन्होंने 18 विदेश दौरे किए। कच्चे तेल की कीमत में गिरावट आई तो पेट्राेल-डीजल सस्ता हुआ। लेकिन फरवरी के बाद कीमतें फिर बढ़ने लगीं। मोदी का चीन दौरा खत्म होते-होते सोशल मीडिया पर उनका जादू भी कमजोर पड़ता दिखा। 26 मई को मोदी सरकार के एक साल पूरे होने के मौके पर dainikbhaskar.com आपको बता रहा है कि अच्छे दिन की कोशिश में मोदी कहां चूके और कहां तारीफ पाई?
Expert View : मोदी के पास अब देने को ज्यादा कुछ नहीं – राजनीतिक विश्लेषक और वरिष्ठ पत्रकार अरविंद मोहन का मानना है कि पिछले एक साल में मोदी सरकार को लेकर जनता के उत्साह में कमी आई है। अटल बिहारी वाजपेयी और मनमोहन सिंह की तुलना में मोदी के पास अब देने के लिए बहुत कुछ नहीं है। सरकार अब पब्लिसिटी को ज्यादा तव्वजो दे रही है। लेकिन मोदी के पास खुद का उत्साह बचा है। उसमें कमी आती है तो यह चिंता की बात होगी। जहां तक स्वच्छ भारत अभियान, बीमा योजना, जन धन योजना की बात है तो ये हल्के कार्यक्रम हैं। इनके जरिए राजनीतिक-सामाजिक स्तर पर प्रभाव नहीं डाला जा सकता। – ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल इंडिया के चेयरमैन पी.
भट्टाचार्य का कहना है कि फिलहाल महंगाई काबू में है। अच्छे दिन हैं या नहीं, इसका पता मानसून के बाद चलेगा, क्योंकि इस बार अलनीनो का असर रह सकता है। कच्चे तेल के दाम बढ़े तो भी महंगाई बढ़ेगी। – अंतरराष्ट्रीय संबंध मामलों के जानकार पुष्पेश पंत का कहना है कि मोदी सरकार की विदेश नीति की कई लोग आलोचना कर रहे हैं, लेकिन मैं मानता हूं कि उनकी विदेश नीति काफी संतुलित रही है। मोदी की सभी 18 विदेश यात्राएं सोची-समझी रणनीति का हिस्सा थीं। विदेश नीति में एक-एक कदम काफी सूझबूझ के साथ उठाया गया। See more…
कछुआ चाल है … अभी तो पहला साल है आप चलते रहिए …आपकी यात्रा शुभ हो !! अभी आए नही है … अच्छे दिन आने वाले हैं … बस चलते रहिए … चलते रहिए और चलते रहिए … कभी न कभी आ ही जाएगे… आपकी यात्रा शुभ हो 🙂
Tihar Jail
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