Monica Gupta

Writer, Author, Cartoonist, Social Worker, Blogger and a renowned YouTuber

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You are here: Home / Archives for कार्टूनिस्ट

February 21, 2015 By Monica Gupta Leave a Comment

cartoon अच्छे दिन

cartoon happy days

cartoon अच्छे दिन

अच्छे दिन आने वाले हैं अच्छे दिन आने वाले हैं एक लहर सी चल गई थी पर अब वही लहर एक मजाक बन कर रह गई है. अब सभी को लगने लगा है कि अच्छे दिन कभी नही आएगे अब आप देखिए ना कि लाफिंग कल्ब वाले किस बात पर जोर जोर से ठहाके लगा कर हंस रहें हैं

cartoon अच्छे दिन

February 17, 2015 By Monica Gupta Leave a Comment

कार्टून शह और मात

cartoon shaah aur maat

कार्टून शह और मात

वैसे होता तो शह और मात है पर शतरंज के इस खेल में मैं कहूंगी शाह की मात हुई और “आप “जीत गई जी !!!

April 25, 2013 By Monica Gupta Leave a Comment

पर्यावरण प्रदूषण के कारण – दीवाली पटाखों से प्रदूषण

पर्यावरण प्रदूषण के कारण

पर्यावरण प्रदूषण के कारण क्या हैं और उसे रोकने के उपाय क्या होने चाहिए. पटाखों का भी प्रदूषण बहुत हो जाता है जिससे सांस लेने में परेशानी होती है. इस समस्या को गम्भीरता से सोचना होगा .

पर्यावरण प्रदूषण के कारण

दैनिक जागरण मे मुद्दा के तहत प्रकाशित कार्टून … मुद्दा है प्रदूषण के चलते अस्पतालो में मरीजो की भरमार

पर्यावरण प्रदूषण के कारण

पर्यावरण प्रदूषण के कारण

 

January 12, 2013 By Monica Gupta Leave a Comment

सुखवंत कलसी

  सुखवंत कलसी  

नन्हों की दुनिया के सम्राट हैं सुखवंत कलसी      

Sukhwant Kalsi ….!!!

 Journey from commerce to comics !!!

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बच्चो और बचपन  का नाम लेते ही मन मे बहुत सारी बाते उभर कर आती  है जैसाकि पढाई, मासूमियत, शरारते, मस्ती और कार्टून. जी हां, बच्चो और कार्टून का गहरा नाता है. चाहे वो टीवी पर देखे या बच्चो की पत्रिका मे पढे. खुद को तनाव रहित और रिलेक्स करने के लिए यह कार्टून वाकई मे बहुत ताजगी दे जाते हैं. ये तो बात हुई बच्चो की जो कार्टून पढते हैं.

आईए, आज आपकी मुलाकात ऐसी शखसियत से करवाते हैं जो अपने बचपने से ही ऐसे मनोरंजक, ज्ञानवर्धक कार्टून बनाने लगे.जी हां, खुद बनाने लगे और उन्होने सौ नही, हजार नही बल्कि आप बच्चो के लिए दस हजार से भी ज्यादा कार्टून बनाए हैं.

चलिए आप को मैं हिंट देती हूं और आप ही बताईए कि  उन आसाधारण प्रतिभा का नाम है क्या !!! मूर्खिस्तान, जूनियर जेम्स बांड…. !!! अरे क्या !!! आप पहचान गए !!! अरे वाह !! आप तो बहुत जल्दी पहचान गए. बिल्कुल सही पहचाना!!! वो महान कलाकार है श्री सुखवंत कलसी जी.सुखवंत कलसी जी ना सिर्फ़ नन्हो की दुनिया के कार्टून सम्राट हैं बल्कि टेलिविजन की दुनिया मे भी उन्होने एक से एक बढ कर लेखन कार्य किया है और उन धारावाहिको को शीर्ष तक ले कर गए हैं.

सुखवंत जी से मिलने से पहले कई बार मन मे यह बात  आई कि इतने महान और व्यस्त कलाकार है पता नही बात करेगे या नही, समय देंगे या नही पर मेरी हैरानी और खुशी की सीमा नही रही जब सुखवंत जी ने ना सिर्फ समय दिया बल्कि अपने बचपन के बारे मे बहुत सी बाते बताने का भी वायदा किया. उनसे मिलने के बाद शुरु हुआ बातो का सिलसिला.

 चिर परिचित सहज मुस्कान से साथ सुखवंत कलसी जी ने बताया कि उनका जन्म 14 जुलाई को कानपुर मे हुआ. पापा इंजीनियर थे और मम्मी घर का काम सम्भालती थी.चार भाई बहन यानि उनके एक बडे भाई और दो बहने है. वो सबसे छोटे हैं और छोटे होने के नाते बेहद शरारती और लाडले थे.फिर मैने बात की पढाई की तो मुस्कुराते हुए बताने लगे कि वो पढाई मे ठीक ठीक ही थे पर स्कूल मे पढते पढते उन्होने दूसरी गतिविधियो मे भी बहुत बढ चढ कर हिस्सा लिया और उसमे मुख्य थी चित्रकारी.

 उन्होने अपने बचपन को याद करते हुए बताया कि स्कूल मे जब उनके हाउस की डयूटी लगती थी तो वो अपने नोटिस बोर्ड पर कार्टून बनाकर डालते थे और उस समय पूरा स्कूल उमड पडता था यह देखने को कि आज इन्होने क्या बनाया है. स्कूल के टीचर भी बहुत खुश होते और बहुत उत्साहित करते.

मैने बीच मे ही पूछ कि इतनी छोटी उम्र मे कार्टून बनाने शुरु किए. अखबारो या बच्चो की पत्रिकाओ मे देने के बारे मे कुछ बताईए. उन्होने हसंते हुए बताया कि उन दिनो घर मे मम्मी “सरिता” मैगजीन  पढा करती थी. इसके इलावा “मनोरमा” व अन्य पत्रिका घर पर आया करती थी.बस तब यह विचार आया कि उनमे भेजकर देखते हैं. एक बार सरिता मे कार्टून भेजने पर जवाब आया. जिसमे सम्पादक महोदय ने लिखा था कि  कि रेखाचित्र कमजोर है.प्रयास जारी रखिए सफलता अवश्य मिलेगी. उस पत्र मे बहुत प्रोत्साहित किया और वो कार्टून और वो पत्र अभी तक उन्होने सम्भाल कर रखा हुआ है.पर उसमे बाद भी  प्रयास जारी रखा और ईश्वर की कृपा रही और कार्टून छ्पने शुरु हो गए. इसके इलावा एक और भी मजेदार बात हुई एक बार कार्टून बना कर जब वो स्वयं सम्पादक से मिलने गए तो उनकी दीदी और दीदी के रिश्तेदार साथ मे थे. सम्पादक महोदय कार्टून के बारे मे जो भी बात कर रहे थे वो दीदी के रिश्तेदार से सुखवंत कलसी समझ कर ही कर रहे थे बात खत्म होने के बाद दीदी ने जब उन्हे यह बताया कि सुखवंत तो ये है तब वो इतने हैरान हुए कि ये सुखवंत है.इतना छोटा बच्चा और  इतने अच्छे कार्टून बना रहा है.उन्हे विश्वास ही नही हुआ.

बातो बातो मे ही एक किस्सा याद करते हुए उन्होने बताया कि एक बार सम्पादक महोदय ने उनसे कहा कि आजकल बहुत बचकाना कार्टून बना रहे हो इस पर उन्होने हंस कर कहा तो आप “चंपक” मे स्थान दे दीजिए. इस पर सम्पादक महोदय भी हंसे बिना नही रह सके. सुखवंत जी ने बताया कि ये बात वो इसलिए बताना जरुरी समझते हैं कि ज्यादातर बच्चे हौंसला अफजाई ना मिलने से हिम्मत हार जाते है पर वो हिम्मत नही हारे बल्कि और हर बात को बहुत सकारात्मक रुप से स्वीकार कर के और अपने काम मे दिन रात जुटे रहे.

उन्होने बताया कि पहले उनके पास साईंस विषय था बाद मे उन्होने कामर्स ले ली और फिर कामर्स से कामिक्स तक का लंबा सफर शुरु हो गया.

सन 1972 से “सरिता”, “मनोरमा”, “कारवा”,”वोमेंस ईरा”,”धर्मयुग” आदि कोई किताब ऐसी नही रही जिसमे उन्होने अपना कार्टून ना दिया हो और बच्चो की पत्रिका “दीवाना”( बात बेबात की),”मेला”(भोलू)आदि और फिर 1980 मे डायमंड कामिक्स( हीरा मोती, राजन इकबाल),मनोज कामिक्स, चित्रा  भारती आदि ढेर सारी कामिक्स पर काम किया. सफर ऐसे ही आगे बढता रहा. बाल पत्रिका “नन्हे सम्राट” का भी सम्पादन कर रहे हैं या दूसरे शब्दो मे यह कह सकते है कि “नन्हे सम्राट” के वो ही जन्मदाता है. “नन्हे सम्राट” इस उद्देश्य को लेकर चले कि उसमे सिर्फ और सिर्फ बच्चो का जबरदस्त मनोरंजन हो. ताकि जब बच्चे उसे पढे तो बस हंसी खुशी की दुनिया मे ही खो जाए. उन्होने जो सोचा वो कर के भी दिखाया क्योकि यह उनकी व उनकी टीम के अथक मेहनत और प्रयास का ही नतीजा है कि “नन्हे सम्राट” अपनी अपार सफलता के  25 साल पूरे होने जा रहा हैं और बहुत ही जल्द 300वां अंक प्रकाशित होगा. यह बात बताते हुए उनके चेहरे से खुशी मानो टपक रही थी.बच्चो के इस प्यार से उन्हे यकीनन बहुत उर्जा मिली और नए नए आईडिया आते चले गए.

अपने टीवी के सफर के बारे मे उन्होने बताया कि 98-99 मे वो मुम्बई शिफ़्ट हो गए और फिर शुरु हुआ टीवी पर लेखन का दौर. “मूवर्स एंड शेखर्स” मे लगभग 250 स्क्रिप्ट उन्होने लिखी और लालू यादव के स्टाईल से शेखर सुमन छाने लगे. इसमे वो खुद भी कभी कवि तो कभी वैज्ञानिक की भूमिका मे नजर आए. बताते बताते हो मुस्कुराने लगे.इसी सिलसिले मे वो लालू जी से भी मिले और लालू जी भी उनसे मिलकर खुश हुए बल्कि उनके काम की बेहद तारीफ भी की. इसके साथ साथ दूरदर्शन तथा अन्य ढेर सारे चैनलो के लिए इन्होने हास्य लेखन किया जैसे “नीलाम घर”,”कामेडी सर्कस भाग 1”,”द ग्रेट इंडियन लाफदर चैलेंज”, “गोलमाल”,”हम आपके है वो” आदि ढेर सारे ऐसे धारावाहिक है जिनका लेखन उन्होने किया.सुप्रसिद्द हास्य कलाकार “राजू श्रीवास्तव” के लिए भी यह लगातार लिख रहे है और सांसद “नवज्योत सिह सिद्दू” के लिए बहुत पंच लाईने लिख रहे हैं.

बच्चो को संदेश देते हुए उन्होने  कहा कि जिंदगी मे सबसे जरुरी पढाई है. हां, अपनी पढाई के साथ साथ अपने पसंद के काम को भी चुन सकते हो पर पढाई सबसे ज्यादा जरुरी है और अपने मम्मी पापा का कहना मानना भी बहुत जरुरी होता है. वो जो भी कहते है हमारे ही भले के लिए होता है और अभिभावको को भी यह संदेश दिया है कि बच्चो की रुचि देख कर उन्हे उत्साहित करने की कोशिश करनी चाहिए.पर दूसरे बच्चे से तुलना भी नही करनी चाहिए. हर बच्चे मे अपनी अपनी खूबी अपनी प्रतिभा होती है.बजाय उसे दबाने के उस खूबी को उभारना चाहिए.

वाकई मे, सुखंवत कलसी जी से मिलकर बहुत खुशी हुई.वाकई मे मैने उनका बहुत सारा समय लिया !!!! पर उनके कार्टून जैसा नही !!! 

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मैने उन्हे आप सभी की तरफ से ढेर सारी शुभकामनाए दी. उनसे मिलकर एक ही बात जहन मे आ रही है कि ….

“पढो तो किताब है जिंदगी,सुनो तो ज्ञान है जिंदगी पर हंसते रहो तो आसान है जिंदगी”

 

मोनिका गुप्ता

 

January 8, 2013 By Monica Gupta Leave a Comment

धुंध का कहर

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धुंध का कहर

कई बार कुछ नजर नही आता धुंध के कारण  जनजीवन अस्त व्यस्त हो जाता है। सुबह के समय वाहनों की आवाजाही में भारी दिक्कतें आती है वही अगर आपको यहां भी कुछ न दिख रहा हो तो समझ जाईए कि धुंध का ही प्रभाव है .

धुंध का कहर

January 7, 2013 By Monica Gupta Leave a Comment

दैनिक जागरण में कार्टून

 

 

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दैनिक जागरण में कार्टून

कार्टून “दैनिक जागरण “ मुद्दा के तहत मे छपने लगे और लगभग डेढ साल तक नियमित छपते रहे. मुद्दा का विषय है तंबाकू उत्पादों पर प्रतिबंध बेनतीजा !!!

 

 

 

 

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