ट्रैफिक जाम
ट्रैफिक जाम
अच्छा है ट्रैफिक जाम
एक ऐसी जगह जहां हम सभी ना सिर्फ ट्रैफिक की इंतजार करते हैं बल्कि यह भी कामना करते हैं कि ट्रैफिक इसी तरह से खूब सारा बना रहे … ह हा हा !! अरे हैरान मत होईए … वाकई मैं सच कह रही हूं और वो जगह है इंटरनेट… जो लोग हमारी साईट पर आते हैं उसे ट्रैफिक कहते है और जब ट्रैफिक बढ जाता है तो वो पोस्ट या वीडियो वायरल हो जाता है. ट्रैफिक की बात से याद आई एक बात ..
कुछ दिन पहले दिल्ली में मेरी एक जानकार बहुत उदास हो कर बोली वो वसंत कुंज तक गई थी एक घंटा लगता है पहुचने में पर आज बहुत जल्दी पहुंच गई ट्रैफिक ही नही मिला.. तो मैने कहा कि अरे ये तो खुश होने की बात है दुखी क्यो तो वो बोली कि असल में, ट्रैफिक जाम के चलते वो अकसर कार में ही सब्जी मटर पालक आदि छील लेती है ताकि घर पहुच कर जल्दी से खाना बना सके पर जाम नही मिलने से दिक्कत हो गयी और घर जाकर खाना बनाने में उसे देरी हो गई
वही एक खबर पढी कि नीतिन गडकरी जी दिल्ली जाम में ऐसा फसे दो धंटे कि उन्होंने जाम फ्री प्लान की माँग कर दी ।।अरे वाह।।।ऐसे तो जनता का भला ही हो जाएगा
लगता है कि जाम ही अच्छे है।।।। है ना 🙂
ट्रैफिक जाम
समय का महत्व
समय का महत्व
पल पल बेहद कीमती है पर क्या हम इसकी महत्ता समझते हैं ….
आज एक जानकार के घर जाना हुआ. मुझे 6 बजे कही और जाना था वहां लगी दीवार घडी पर समय देखा. उसमे 6 बज रहे थे. अरे बाप रे !! मेरी घडी में तो अभी 6 बजने में 20 मिनट थे. मैने सोचा शायद मेरी घडी मे कोई प्रोब्लम आ गई है और मैं फटाफट जाने के लिए उठी कि मुझे तो 6 बजे जाना था … बहुत देर हो गई… इस पर वो हंसते हुए बोली अरे आराम से बैठ 6 बजने में अभी 20 मिनट हैं … ये घडी आगे की हुई है ताकि हबडा तबडी रहे. मुझे समझ नही आया. घडी आगे या पीछे करने से क्या समय पर काम हो जाते हैं. मेरे विचार से शायद नही क्योकि मानसिकता तो वही बनी रहती है कि अभी बहुत समय है.. वैसे एक आध मिनट आगे पीछे करने में कोई फर्क नही पर बीस बीस मिनट अरे बाप रे … !!
वैसे आप क्या सोच रखते हैं कि घडी में एक दम सही समय करके रखना चाहिए या…. !!!!
TIME IS MONEY…
बीप बीप
बीप बीप
BEEP BEEP …आज शाम किसी काम से मार्किट जाना हुआ. मेरे आगे तीन चार युवा बाते करते जा रहे थे और उनकी बोल चाल की भाषा ऐसी थी कि अगर टीवी पर सुनाई जाए तो 90% बीप बीप का प्रयोग किया जाता. हर बात पर अपशब्द … हर बात पर गाली देते हुए बेहद सहज थे. आखिर किस ओर जा रहे हैं हम!!! चाहे टीवी पर बडबोले बयान बार बार दिखाना हो या मुंह पर काला कपडा बांध कर विरोध करना .. गाली गलौज वाली भाषा आमजन मे जिस तेजी से फैलती जा रही है बेहद चिंताजनक है…. !!!
बीप बीप
चेन्नई बाढ, राजनीति और बहस
चेन्नई बाढ, राजनीति और बहस
एक पंथ और दो काज यानि चेन्नई बाढ का लाईव प्रसारण भी और असहिष्णुता पर बहस भी … जबरदस्त टीआरपी का स्कोप है
शीतकालीन सत्र जब से शुरू हुआ है तभी से असहिष्णुता ही बहस का मुद्दा बना हुआ है…. जहां नेता लोग जुटे हुए हैं वही न्यूज चैनल भी पूरी टीआरपी बटोर रहे हैं अब देखिए चेन्नई में हालात बिगडते जा रहे हैं और नेता लोग बाढ का जायजा लेते हुए अपनी बहस जारी रखे हुए हैं
एक पंथ और दो काज
ब्लॉग लेखन

Photo by xioubin low
ब्लॉग लेखन
एक समय था जब बाजार में ढेर सारी पत्र पत्रिकाओं का बोलबाला था. हर महीने हमें नए अंक का इंतजार रहता और अगर उन जानी मानी पत्रिकाओं में हमारा लेख भी प्रकाशित होता तो फिर तो क्या कहना होता … आज समय बदल चुका है. बेशक, पत्रिकाएं बाजार में बहुत है पर इंटरनेट लिखने और पढने के लिए विशाल और अथाह सागर बन गया है. इसमे मुख्य भूमिका निभा रहा है ब्लॉग लेखन .
कहना गलत नहीं होगा कि ब्लॉग अपनी बात रखने का सबसे अच्छा माध्यम है जिस पर हम अपने मन की बात, अपने विचार, अपने अनुभव सांझा कर सकते हैं और अपनी सोच को नई उडान दे सकते हैं. अपना ब्लॉग बना कर विभिन्न विषयों व लेखो के जरिए अपना ज्ञान, अनुभव सांझा कर सकते हैं जिससे पाठको को फायदा मिल सके.
एक समय ऐसा था जब मुझे भी ब्लॉग की कोई जानकारी नही थी. बस नेट पर इधर उधर सर्च करती. कभी कहीं तो कभी कहीं कमेंट करती रहती. फिर जब मुझे ब्लाग की जानकारी मिली तो मुझे लगा कि ये तो बहुत ही अच्छा आईडिया है. यहां लिख कर मैं अपने विचारों को नया रुप दे सकती हूं और अपने विचार सांझा कर सकती हूं और तब से आज तक मैं ब्लाग में विभिन्न 896 पोस्ट डाल चुकी हूं.
अक्सर ब्लॉग बनाने के बारे में मेरी बहुत लोगों से बात होती रहती है.
ब्लॉग लेखन कौन कर सकते हैं …
उदाहरण के तौर पर एक जानकार से बात की तो उसका कहना था कि उसे तो सिवाय अपने गार्डन और किचेन गार्डन की देखभाल के और कुछ नही आता. उसमे लगभग 100 तरह के फूल खिले हैं और हर रोज छोटे से बागीचे से वो ढेर सारी सब्जियां निकालती है. मैने उसे बताया कि ऐसे बहुत लोग हैं जिनके पास बहुत जगह खाली है और बहुत समय भी है अगर ये सब बातों की जानकारी वो अपने ब्लाग पर डालेग़ी तो बहुत लोगो को फायदा होगा और पर्यावरण पर जो सकारात्मक असर पडेगा वो अलग … इस पर उसे बात जंच गई.
एक अन्य उदाहरण में एक बच्चे की ड्राईंग बहुत अच्छी है वो बस उसे बना बना कर अलमारी मे रख देता है अगर ब्लाग बना कर वो उसमे डालेगा तो और भी उस जैसे नन्हे बाल कलाकारों का मनोबल बडेगा और वो आगे आएगे और धीरे धीरे वो अपना जूनियर ग्रुप भी बना सकते हैं.
और रिटायर हुए लोगों के लिए तो ये वरदान से कम नही. वो अपने अनुभव और जानकारी ब्लाग के माध्यम से आम जन तक पहुंचा सकते हैं. स्वास्थ्य का ख्याल कैसे रखा जाए क्या किया और क्या न किया जाए उनसे बेहतर हमे कोई नही बता सकता.
देखा जाए तो हम नेट पर कुछ न कुछ सर्च करने ही जाते हैं और अगर हम किसी को अपने अनुभव के आधार पर कोई उपयोगी जानकारी कोई सुझाव कोई पठनीय सामग्री दे सकें तो इससे बेहतर और क्या बात हो सकती है. बडे, बुजुर्ग, गृहणियां या कालिज मे पढने वाले छात्र सभी ब्लाग बना कर ना सिर्फ अपनी बात दूसरो तक रख सकते हैं बल्कि ब्लाग को आय का साधन भी बना सकते हैं यानि कि एक पंथ दो काज…
बातें बहुत है और उदाहरण भी बहुत है बस जरुरत है आपको एक रुप देने की और अपनी सोच को एक उडान देने की.
… तो अगर आप भी ब्लाग के माध्यम से अपनी अलग पहचान बनाना चाहते हैं तो Contact करें
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