तंत्र मंत्र की राजनीति
तंत्र मंत्र की राजनीति
तंत्र मंत्र बहुत मजेदार विषय है और जब पता लगा कि तंत्र मंत्र का ये विषय राजनीति से जुडा है तो स्वाभाविक है रोचक लगना था. जैसे ही टवीटर और न्यूज चैनलों पर वीडियों देखी और सुनी कि नीतीश कुमार जी किसी बाबा से मिल रहे हैं और वो उनके कान मे कुछ कह रहे हैं और लालू जी इस बात पर कह रहे हैं कि सबसे बडे तांत्रिक तो वो खुद है … मैं जुट गई कि इस सोच में कि इस विषय पर कोई कार्टून होना ही चाहिए … सोचते सोचते न्यूज चैनल भी बदल बदल कर देखने लगी… बहस भी हो रही थी अलग अलग चैनलो पर उसी विषय को लेकर … इस सोच मे बाबा का स्कैच बना चुकी थी … और ज्यादा डिटेल में जब खबर सुनी तो बस मन से यही निकला हे भगवान !!
असल में, ये वीडियों एक साल पहले की थी जब नीतीश बाबू चुनाव हार गए थे और जिस मित्र के घर गए वहां से बाबा आए हुए थे जो लालू मुर्दाबाद और नीतीश जिंदाबाद बोल रहे थे… पर ये न्यूज चैनल वाले इस तरह से दिखा रहे थे कि मानों आज की ही खबर हो और हैरानी इस बात की भी थी कि बहस का मुद्दा भी बनाया हुआ था. दिमाग खराब हो गया ये सोच कर कि आखिर चैनल वालो को हो क्या गया है … बाबा बनाए भी परेशान है और कह रहे है कि जंत्र मंत्र तो इन चैनल वालो की करना पडेगा ताकि कुछ अक्ल तो आए !!!
तंत्र मंत्र की राजनीति
साहित्य सम्मान
साहित्य सम्मान
साहित्य अकादमी अवार्ड लौटाने का जिम्मा जिस तरह से न्यूज चैनल वालो ने लिया हुआ है वो कमाल है …
हद तो तब हो गई जब वो घर घर घुस कर साहित्य अकादमी सम्मान आन लाईन लाईव लौटाने की बात कर रहे हैं … भई हम तो नही लौटाने वाले ये बात तो पक्का है .
BBC
उर्दू के जाने माने शायर मुनव्वर राना ने एक लाइव टीवी कार्यक्रम के दौरान अपना साहित्य अकादमी अवॉर्ड लौटाने का ऐलान किया है.
राना से पहले चालीस से ज़्यादा साहित्यकार अपने साहित्य अकादमी अवॉर्ड लौटा चुके हैं.
बीबीसी संवाददाता दिलनवाज़ पाशा से बात करते हुए मुनव्वर राना ने कहा कि वे ये अवॉर्ड मौजूदा हालात के विरोध में लौटा रहे हैं.
कुछ दिन पहले ही मुनव्वर राना ने फ़ेसबुक पर पोस्ट किया था कि अवॉर्ड लौटाने से हालात नहीं बदलेंगे, साहित्यकारों को अपनी क़लम उठानी होगी.
लेकिन अब अपने अवॉर्ड लौटाने के फ़ैसले का बचाव करते हुए उन्होंने कहा, “लोग ये समझते हैं कि या तो मुनव्वर राना डर गए हैं या बिक गए हैं, अगर मुझे बिकना होता तो मैं चालीस बरस पहले बिक गया होता, अब कौन मेरी क्या क़ीमत देगा. मेरे लिए ये अवॉर्ड बोझ बन गया था. बस वो बोझ उतारा है.” Read more…
वैसे न्यूज चैनल जिस तरह से इन दिनों अपनी भूमिका निभा रहे हैं अत्यंत दुखद है
साहित्य सम्मान
रावण का इतिहास – रावण की सैलरी
रावण का इतिहास बेहद दमदार और शानदार रहा तभी तो रामलीला के राजा राम भी कह रहे हैं कि अगली बार राम लीला में उन्हें ही रावण बनाना क्योकि उसकी सैलरी भी अच्छे है और गहने भी
रावण की सैलरी
रावण का इतिहास मुझे नही पता… मुझे भी रावण बनना है राम नही … क्योकि रावण की सैलरी भी अच्छी है और ज्वैलरी भी इस लिए मुझे भी रावण बनना है !!
ravan got much salary than ram in ramleela – Navbharat Times
रामलीला में राम-लक्ष्मण का रोल हो या हनुमान का, ऐक्टिंग कर रहे कलाकारों को अच्छा मेहनताना तो रावण का रोल करने में ही मिल रहा है। गौरतलब है कि अभिनय कर रहे मर्यादा पुरुषोत्तम राम और रावण की सैलरी में दोगुने तक का अंतर है। इतना ही नहीं कॉस्ट्यूम के वजन की बात करें तो रावण के कॉस्ट्यूम का वजन रामलीला के अन्य सभी पात्रों की ड्रेस पर कहीं ज्यादा भारी है।
राम की ड्रेस बनाने में 10 लाख रुपये लगे, वहीं रावण का कॉस्टयूम में 15 लाख रुपयों का खर्च आया। इसी तरह से शालीमार बाग की रामलीला के आयोजक दावा कर रहे हैं कि रावण जितनी महंगी ड्रेस किसी भी अन्य पात्र की नहीं है। उनकी पांच किलो की ड्रेस में लाइट लगी हुई है और अकेले मुकुट का वजन 9 किलो है। वहीं तलवार का वजन पांच किलो है और उनका ये पूरा गेटअप राम ही नहीं, रामलीला के हर कलाकार पर भारी है। Read more…
रावण की सैलरी को लेकर आपके क्या विचार हैं जरुर बताईगा !!!
बीफ मुद्दा
बीफ मुद्दा
आपरेशन बीफ
यही सही रहेगा… नेता जी की जुबान से बीफ शब्द ही डिलीट कर देता हूं … न नेता बोलेगें न मीडिया भैस ओह क्षमा न मीडिया इस मुद्दे पर बहस करेगी!!! लगता है समाज मे इसके अतिरिक्त और कोई मुद्दा ही नही रह गया !!! बहुत अफसोस होता है ये सब देख सुन कर !!
बीफ मुद्दा
दाल के भाव
दाल के भाव
सुना है दाल बहुत भाव खा रही है…दाल मखनी, दाल तडका या दाल फ्राई … हम सभी को किस्म किस्म के स्वाद वाली दाले बहुत पसंद है पर यहां दूसरी किस्म की दाल की बाते हो रही हैं… है वो दाल ही पर दाल नही है…
आज दाल की ही चर्चा है कोई कह रहा है दाल नही गल रही, तो कोई कह रहा है ये मुंह और मसूर की दाल, कोई कह रहा है दाल ही काली है तो किसी को घर की मुर्गी दाल बराबर लग रही है, कोई दाल भात मे मूसलचंद है तो कोई दाल जूतियों में बांट रहा है.. तू दाल दाल तो मैं पात पात … मैं भी देखू ऐसी कैसी दाल है जो आसमान छू रही है.. इसलिए जा रही हूं …
दाल के भाव
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