चुनाव पुराण
चुनाव पुराण
चुनाव आते नही कि नेता हम वोटरो को सिर आखों पर बैठा लेते हैं तरह तरह के प्रलोभन दिए जाते हैं अच्छे दिनों का सपना दिखाया जाता है और जैसे ही चुनाव के चरण समाप्त हुए फिर तू कौन …. शुरु हो जाता है…
अरे भई यही है चुनाव पुराण … सदियों से यही होता आया है … होता आया था और होता रहेगा … !!!
हैप्पी हैलोवीन-कहानी हैलोवीन की
हैप्पी हैलोवीन- क्या होता है हैलोवीन – Happy Halloween आईए जाने की क्या है कहानी हैलीवीन की अजीब सा लगती है कि भूतो की तरह लोग दिखते हैं और खुश भी होते हैं.
हैप्पी हैलोवीन-कहानी हैलोवीन की
Happy Halloween में लोग मास्क पहन कर जाते हैं और उस भूतिया त्योहार को मनाते हैं तो कुछ लोगो की इस त्योहार के बारे में अलग ही राय है
31 अक्तूबर की शाम को शुरू हुआ हैलोवीन अपने दोस्तों-रिश्तेदारों के साथ पांच दिन तक चलता है. 5 नवंबर को बड़े पैमाने पर आतिशबाजी के साथ हेलोवीन का त्योहार संपन्न होता है. लोग जगह-जगह अलाव जलाते हैं और भूतिया ड्रेस पहन कर घूमते हैं. अपने घरों की खिड़कियों पर वे कंकाल टांगते हैं. घर में लाइट्स से डरावना माहौल बनाया जाता है.
हैलोवीन डे के सबसे खास परंपरा में शामिल है नक्काशीदार कद्दू में लालटेन जलाना. इसके पीछे एक बेहद रोचक कहानी है. आयरलैंड में जन्मे कंजूस शराबी जैक ने अपने एक शैतान दोस्त को घर में ड्रिंक करने के लिए बुलाया, लेकिन वो पैसे खर्च करना नहीं चाहता था. उसने अपने दोस्त को ड्रिंक के बदले घर में लगा कद्दू देने के लिए राजी किया. लेकिन ड्रिंक करने के बाद वह अपनी बात से मुकर गया. इसके बदले उसके दोस्त ने उसे कद्दू की डरावनी लालटेन बनाकर जैक के घर के बाहर पेड़ पर टांग दिया, जिस पर उसके मुंह की नक्काशी थी और जलते हुए कोयले डाल थे. तब से दूसरे लोगों के लिए सबक के तौर पर इस दिन जैक-ओ-लालटेन का चलन शुरू हो गया. यह उनके पूर्वजों की आत्माओं को रास्ता दिखाने और बुरी आत्माओं से रक्षा करने का प्रतीक है.
राय कुछ भी हो हैप्पी हैलोवीन पर्व की शुभकामनाएं तो बनती ही हैं…..
एक अच्छे नेता के गुण – नेता बनने के टिप्स – Monica Gupta
मुझे पता है कि आप बहुत व्यस्त हैं और सांस तक लेने की फुर्सत भी नही है इसलिए मैं नही कह रही कि आप पढिए पर आप सुन तो सकते ही हैं… ऑडियो पर क्लिक करके अपने काम भी करते रहिए और सुनते भी रहिए… व्यंग्य- सकारात्मक सोच और नेता समाज में इतनी negativity भरी हुई है कि हम खोज में रहतें हैं कि कोई ऐसा मिले जिससे हमे थोडी सी positive फीलिंग आए और … जी क्या ??? एक अच्छे नेता के गुण – नेता बनने के टिप्स – Monica Gupta
न्यूज़ चैनल और मुद्दे
न्यूज़ चैनल और मुद्दे – किसने बिगाडा देश का माहौल … न्यूज चैनलों पर मुद्दा गरमाया हुआ है. चैंनलों पर अलग अलग पार्टियों के महारथी, पत्रकार और न्यूज एंकर ऊंची आवाज में लगभग चिल्लाते हुए अपनी अपनी बात रख रहे हैं. आखिर किसने बिगाडा… हिंदू, मुस्लमान, वोटरों ने, आरक्षण ने, घर वापसी ने , संघ ने ,चुनावों ने, नेताओ की फालतू बयानबाजी ने, कांग्रेस ने, भाजपा ने, आप पार्टी ने या ….. !!!
न्यूज़ चैनल और मुद्दे –
आधा घंटा या 40 मिनट का कार्यक्रम और एक नन्हा सा, छोटा सा ब्रेक ( जोकि बोलने में छोटा सा ब्रेक होता है लेकिन आधा घंटे मॆं लगभग आठ दस बार तो आता ही है) और लड झगड कर कार्यक्रम समय कम होने की वजह से समाप्त हो जाता है और मुद्दा अनसुलझा रह जाता है कि आखिर किसने बिगाडा देश का माहौल… पर मेरे विचार से देश का माहौल बिगाडने मे इन न्यूज चैनलों का ही बडा हाथ है.
बात सीधी सी है. किसी ने अगर कुछ कहा तो खबरिया चैनल नमक मिर्च लगा कर महज टीआरपी बढाने के लिए बहस करते हैं. कभी टवीटर को बीच मे धसीट लाते हैं तो कभी बयानों को तोड मरोड कर पेश किया जाता है और सबसे दुखद या हास्यास्पद बात तब होती है जब चैनल एक पक्षीय हो जाते हैं और पार्टी विशेष की भाषा ही बोलते हैं… हां, अपवाद हर क्षेत्र में होते हैं इसमें भी हो सकते हैं पर सच मानिए दिखाई नही देते.. तो मैं ज्यादा समय लिए, कोई ब्रेक लिए एक बात विश्वास पूर्वक कह सकती हूं कि देश का माहौल किसने बिगाडा है !!
न्यूज़ चैनल और मुद्दे आपको कैसा लगा ??? जरुर बताईगा !!
पटाखा बाजार- पटाखा प्रदूषण
पटाखा बाजार – हैप्पी दीपावली आने वाली है और पटाखा बाजार भी सजने लगा है. हालाकि प्रदूषण के चलते पटाखों पर बैन के बारे में तीन बच्चों की ओर से दायर की गई थी और याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र, दिल्ली सरकार और दिल्ली पुलिस को नोटिस देकर जवाब मांगा था।
पटाखा बाजार- पटाखा प्रदूषण
सुप्रीम कोर्ट ने पूछा था कि इस बारे में क्या कदम उठाए जाने चाहिए। दरअसल, बच्चों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर साफ हवा में सांस लेने के अधिकार की मांग करते हुए निर्देश देने की मांग की..!!याचिका में मांग की गई है कि दीवाली जैसे त्योहारों पर पटाखों की ब्रिकी पर रोक लगाई जाए।
इसी मामले में केंद्र ने कोर्ट में कहा है कि पटाखों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने 2001 में गाइडलाइन जारी करते हुए आदेश आदेश दिए थे कि सुबह छह से रात 10 बजे तक ही पटाखों की इस्तेमाल किया जा सकता है। ऐसे में पटाखों पर रोक नहीं लगाई जानी चाहिए। वैसे भी पटाखे प्रदूषण का इकलौता कारण नहीं हैं।
इस बीच एक संगठन ने भी सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर कहा है कि पटाखों पर बैन नहीं लगाया जाना चाहिए, क्योंकि ये लोगों की आस्था से जुड़ा है। सदियों से ये परंपरा चलती आई है।
तो खैर , अब पटाखे मैदान में आ गए हैं और अपने अपने खरीददारों की इंतजार कर रहे हैं पर कुछ बम , फिरकी या फुलझडी ऐसी हैं जिनकी कोई गारंटी नही जोकि फुस्स हो सकते हैं जबकि कुछ बम पटाखें ऐसे हैं जिनकी फटने की गारंटी शत प्रतिशत है ….ग्राहक अपनी तस्सली से लेकर जाए क्योकिं बिका माल भी वापिस नही होगा….
दीपावली की रात्रि में टोने-टोटके – दीपावली की सफाई – Monica Gupta
दीपावली की रात्रि में टोने-टोटके – दीपावली की सफाई दीपावली आती नही कि टोने टोटके से ना सिर्फ सडक, चौराहा बल्कि हमारा इंटरनेट भी टोने टोटके की पोस्ट से भर read more at monicagupta.info
पटाखा बाजार से आप कौन से बम फिरकी या चरखी लाने वाले हैं जरुर बताईगा … शुभ दीपावली 😆
करवा चौथ – चंद्रोदय का समय
करवा चौथ – चंद्रोदय का समय
महिलाओ के लिए करवा चौथ एक उत्सव हैं वही हमारे देश में चुनाव को भी उत्सव रुप में मनाया जाता है. अब बिहार चुनाव के दौरान आया करवा !!! तो नेता भला कैसे पीछे रहते… जैसे ही नेताओ को पता चला कि इस दिन महिलाएं रात को चांद देखती हैं तो पहुंच गए चादं पर अपनी पार्टी का प्रचार प्रसार करने हेतु और लगा दिए अपनी पार्टी के चिन्ह !!!
अब महिला भी हैरान परेशान है कि चांद को देखे या उस पर लगे चिन्हों को 🙂
करवा चौथ
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