छोटे बच्चों को कभी क्यों नहीं मारना चाहिए – Never Beat Your Child – reasons to not spank your child बच्चों को मारना पिटाई करना कितना सही है.. आजकल एक नया trend चला है और वो है अपने छोटे बच्चे को पढ़ाते समय उसकी video बनाओ और यू टयूब पर अपलोड कर दो … बडा अच्छा लगता है … है ना … क्या अच्छा नही लगता .. बुरा लगता है … क्या वीडियो डालना या पिटाई करना … दोनो पर पहले पिटाई करना … बिल्कुल सही बात कही आपने… पिटाई करना जरा भी सही नही …
छोटे बच्चों को कभी क्यों नहीं मारना चाहिए – Never Beat Your Child
आप मे से बहुत पैरेंटस के मन में आ रहा होगा कि क्या हुआ हम भी पिटाई खा खा कर ही बडे हुए हैं … बिल्कुल बडे हुए हैं पर आप ये भी मानते होंगें कि समय बदल गया है … बच्चे में सहन शक्ति कम हो गई है .. कह कर तो देखिए आज कुछ बच्चों को है हिम्मत ??
हमारे समय में अगर पैरेंटस बोल देते थे कि दो घंटे धूप में खडे हो जाओ तो बच्चे की हिम्मत नही होती थी कि किसलिए … पूछ ले … फिर समय बदला … अब बच्चा पूछ्ने लगा है कि क्या हुआ किसलिए खडा हो जाऊ …
ऐसे बदलते समय में बच्चों की कोमल भावनाएं ध्यान में रखते हुए हमें कोई दूसरा विकल्प खोजना होगा …
पीटकर ‘सुधारने’ की कोशिश मार पिटाई बिल्कुल भी नही …
असल में पैरेंटस के पास अक्सर एक ही option होती है वो होती है चिल्लाना , चांटा मारना, आखें दिखाना, मुक्का दिखाना, अपशब्द, बोलना कुछ ऐसा बोलना जिसका मतलब आपका बच्चा जानता भी न हो…
अब बताती हूं कि क्या नुकसान हो सकते हैं …
छोटे बच्चों को कभी क्यों नहीं मारना चाहिए
पिटाई से कुछ समय बाद बच्चों के व्यवहार पर negative असर पड़ता है बच्चों को मारना-पीटना आक्रामक बनाता है। साथ ही वे बुरा बर्ताव करने लगते हैं। उनके अभिभावक के चिल्लाने पर बच्चों में अवसाद और बेवजह तर्क करने की आदत भी पड़ जाती है।
अपनी problem share करने से डरते हैं उन्हें लगता है कि हमने कुछ कहा तो मार भी पड सकती है इसलिए डर बैठ जाता है की पेरेंट्स उन्हें मारेंगे इस डर से वो पेरेंट्स से खुल कर बात नहीं कर पाते और आगे चलकर रिश्तों में दूरियां बढ़ जाती है !
Dicision नही ले पाते डर की वजह से शेयर नही करते और प्रोब्लम जस की तस रहती है अब मानसिक रुप से कमजोर होते जाते हैं आगे जाकर ऐसे बच्चों को सीरियस मेन्टल डिसऑर्डर की समस्या हो सकती है !
डर के कारण कुछ सीख नहीं पाते बच्चे ऐसा मानना है की बच्चों की ज्यादा पिटाई के कारण बच्चों में एक डर बैठ जाता है और उस स्थिति में बच्चों को आप अगर कुछ सिखाना भी चाहेंगे तो वो नहीं सीख पाता बल्कि और ज्यादा पिछड़ता जाता है
झूठ बोलने लगते हैं बच्चों के मन में ये डर बैठ जाता है इस वजह से बच्चे झूठ बोलने लगते हैं और आगे चलकर बच्चों और पेरेंट्स के बीच संवादहीनता (कम्युनिकेशन गेप) बढ़ने लगती है !
कॉफिडेंस कम होता जाता है बार बार बच्चों की पिटाई करने से बच्चों का आत्मविश्वास कमजोर होने लगता है और वो दूसरे बच्चों से तुलना कर डिप्रेशन का शिकार होने लगता है !
बडो के प्रति respect कम होता जाता है बात बात पर पेरेंट्स द्वारा मार खाने की आदत से आगे चलकर बच्चे पेरेंट्स का आदर नहीं करते और रिश्तों में दूरियां आने लगती हैं !
बड़ों को ही मारने का हक़ है……. हर बात का हल मारना ही होता है यही सीखते हैं जबकि हम यह सीख तो कभी देना ही नही चाह्ते
जो ताकतवर है वो ही सही है
टूट जाता है भरोसा
बच्चों को बार बार पीटने से बच्चों का पेरेंट्स पर से ये विश्वास उठ जाता है की पेरेंट्स उन्हें अच्छे के लिए पीटते है बल्कि वो ये सोचते हैं ये उनकी आदत मात्र है !
आगे चलकर बच्चों और पेरेंट्स का रिश्ता भी कमजोर होने लगता है पिटाई ही हर समस्या का हल नही है कितने नुकसान है इसके… तो क्या सोचा ??
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छोटे बच्चों को कभी क्यों नहीं मारना चाहिए – Never Beat Your Child – Parenting Tips In Hindi