Monica Gupta

Writer, Author, Cartoonist, Social Worker, Blogger and a renowned YouTuber

  • About Me
  • Blog
  • Contact
  • Home
  • Blog
  • Articles
    • Poems
    • Stories
  • Blogging
    • Blogging Tips
  • Cartoons
  • Audios
  • Videos
  • Kids n Teens
  • Contact
You are here: Home / Archives for ब्लाग

July 6, 2015 By Monica Gupta

Best Wishes- Happy New Year

 

best wishes photo

Photo by Sandie Edwards

Best Wishes- Happy New Year

आओ विश करें

नया साल शुरु होता नही कि सकंल्पो की बौछार शुरु हो जाती है. अच्छी बात है सकंल्प लेने कोई बुराई नही है पर कम से कम उसकी लाज तो रखनी चाहिए. हर बात को टालने के अभ्यस्त हम फिर टाल देते है कि कुछ समय और ठहर जाते हैं. कर लेगें, हम कौन सा भागे जा रहे हैं. सोच तो लिया है ना बस …

इन दिनो वैसे एक चिंता और भी हम लोगो मे पाई जाती है और वो है शुभकामनाएं देना. असल में, देने मे कोई परेशानी नही है पर देनी किस किसको हैं ये परेशानी का विषय बन जाता है उसका सबसे मुख्य कारण है हर साल हमारी जिंदगी मे नए लोगो का आवागमन होता रहता है या फिर जो लोग पिछ्ले साल बहुत काम आए इस साल इनकी महत्ता उतनी नही रही.  तो ज्यादा कंफ्यूजन से बचने के लिए मैने बिना समय गवाएं चार कैटेगिरी बना ली.

1 धक्के से
2 मजबूरी से
3 जरुरी से
4 दिल से

आप सभी इस बात से इत्तेफाक रखते होग़े कि कई बार कुछ शुभकामनाएं ना चाह्ते हुए धक्के से फोन करके हमे देनी पडती हैं. मसलन अपनी ससुराल मे या फिर अपने मकान मालिक को जो हमे फूटी आखँ ही नही सुहाता. समय की नजाकत को भापँ कर जीती मक्खी निगलनी ही पडती है.

अब बात मजबूरी की आती है.अब मेरी बात से आप इंकार कर ही नही सकते कि भले ही हमारी सम्पादक से जान पहचान हो ना हो पर उसे शुभकामनाएं भेजेगे जरुर.(भई, नही तो हमारा लेख कैसे छपेगा)ऐसे ही जिन से हमे हमारा काम निकलवाना है,पैमैंट निकलवानी है चाहे वो सरकारी नौकरी मे ही हो.चाहे वो कितने ही भाव ही क्यो ना खा रहा हो हमारा फोन ना उठा रहा हो पर हमे भी ढीठ बन कर लगातार उसे फोन मिलाते ही रहना है. जब तक वो फोन न उठा ले उसके बाद चाहे हमे कितना ही समय लगे उन्हे बताने मे कि हम कौन बोल रहे हैं. इसी का नाम मजबूरी है.
अब बारी आती है जरुरी से की. मेरे हिसाब से ये वाकई मे जरुरी है उन लोगो को शुभकामनाएं देने की जो जाने अंजाने सारे साल किसी ना किसी रुप मे हमारे काम आते हैं जैसे कि डाक्टर, गैस बुक करने वाले, बैंक मे काम करने वाले जो जाते ही हमारा सारा काम ना सिर्फ जल्दी निबटवा देते है बल्कि चाय भी पिलाते हैं. उधर गैस वाले तुरंत सप्लाई भेज देते हैं. वही अपने डाक्टर साहब भले ही फोन पर कितना ही व्यस्त क्यो ना हो वो हमे देखते ही फोन का चोंगा रख देते हैं. बच्चो की ट्यूशन सर या क्लास टीचर को भी बहुत जरुरी है शुभकामनाएं देना क्योकि सारे साल उन्होने ही तो ख्याल रखना है बच्चों को अच्छे अकं देने मे.

अब बात आती है दिल से की. ये आवाज दिल से ही निकलती है.अब भला जो हमारे साथ दफ़्तर मे कंधा मिलाकर काम करे मोना, रोजी पिंक आदि उन्हे तो विश करना बनता ही है न और जो सोशल नेट वर्क की साईट पर हैं उन्हे तो और भी ज्यादा और जल्दी विश करना हमारा हक बनता है.कही वो नाराज ना हो जाए या हमसे पहले कोई दूसरा की ना बाजी मार ले जाएं. वही दूसरी तरफ बास की माता जी का स्थान है भले ही बास को विश करे ना करे पर इनकी माता श्री या पत्नी श्री को दिल से प्रणाम करने को मन करता है. भई, आप भले ही कुछ भी समझे पर नौकरी मे तरक्की की चाह तो आपको भी होगी. है ना. तो मै आपसे अलग थोडे ही ना हूँ.
तो कुल मिला कर बताने का तात्पर्य़ ये है कि हमे संकल्प लेने की बजाय फोन करने वालो की लिस्ट मे ज्यादा जोर देना चाहिए ताकि हमारा आने वाला समय सुखद और मगंलमय हो.
आप हमारे प्रिय पाठकगण हैं तो आपकी जगह दिल से वाले कालम मे ही है आप सभी को  ढेर सारी शुभकामनाएं.

ये लेख Best Wishes आओ विश करें   कैसा लगा जरुर बताईगा …  🙂

July 6, 2015 By Monica Gupta

माँ को भी याद आती है

 

 indian lady thinking photo

Photo by RamyaB

माँ को भी याद आती है

अक्सर

माँ को भी याद आती है

अपनी माँ की हर बात

उसका वो

नर्म हाथो से रोटी का निवाला खिलाना

होस्टल छोडने जाते हुए वो डबडबाई आखों से निहारना

उसका पल्लू पकड़कर आगे पीछे घूमना

उसके प्यार की आचँ से तपता बुखार उतर जाना

कम अंक लाने पर उसका रुठना पर जल्दी ही मान जाना

अक्सर

माँ को भी याद आती है

अपनी माँ की हर बात

पर माँ तो माँ है

इसलिए बस चंद पल खुद ही सिसक लेती है

और फिर भुला देती है खुद को

पाकर अपने बच्चों को प्यार भरी

छावँ मे,दुलार मे ,मनुहार में

पर अक्सर

माँ को भी याद आती है

अपनी माँ की हर बात

असल मॆं, हम हरदम अपनी मां की बात करते हैं उन्हें याद करते हैं पर हमारी मां को भी अपनी मां की याद आती है … है ना … बस यही सोच कर कविता बन गई …

कैसी लगी आपको जरुर बताईगा !!!

July 5, 2015 By Monica Gupta

संदेशे आते हैं

mobile messages photo

 

{व्यंग्य}

संदेशे आते हैं

मुझे तडपाते …..!!!!

यकीनन यह गीत बहुत साल पहले लिखा गया था उस समय मोबाईल भी नही होते थे पर अगर आज के संदर्भ मे बात करे तो यह गीत मेरी दुख भरी गाथा के बहुत निकट है.

आज जब लोगो को देखती हू कि हजार हजार वाला मैसेज पैक मोबाईल पर लेते है तो बहुत हैरानी सी होती है. यहां तो ये आलम है कि एक भी मैसेज आए तो बुरी तरह घबराहट होनी शुरु हो जाती है.
वैसे कुछ समय पहले तक ऐसा नही था. मुझे भी शौक था मैसेज का. मै भी बहुत चाव से मैसेज पढती थी और भेजती भी थी कि अचानक एक दिन रात को सपना देखा कि आफिस मे बास बहुत बुरी तरह से डांट रहे हैं. मै अचानक उठ बैठी.खुद को संयत किया ही था कि मेरा मोबाईल बहुत खूबसूरत ध्वनि के साथ बज उठा. दोस्त का मैसेज आया था.
“मै ईश्वर से प्रार्थना करुगां कि वो आपके सारे सपने सच करे”
मै अंदर तक कापं गई. फिर सोचा कि सपना ही तो है और खुद पर मुस्कुराई. मैने निश्चय किया कि सारी की सारी फाईले आफिस ले जाऊगी जिससे डांट पडने की कोई सम्भावना ही न रहेगी इसलिए एक एक कागज ले गई पर पैन ड्राईव ले जाना भूल गई जो सबसे ज्यादा जरुरी थी और फिर वही हुआ जो नही होना चाहिए था.
खैर, उस दिन की बात तो मैं महज इत्तेफाक समझ कर भूल गई. एक दिन फिर कुछ ऐसा हुआ कि मै पुन: सोचने पर मजबूर हो गई. असल में, बदलते मौसम के चलते मुझे बहुत छींके आ रही थी. हलकी सी कम्कपी सी भी थी सोचा कि मलेरिया आदि का टेस्ट ही करवा लिया जाए आजकल बीमारी का पता थोडे ही लगता है. बस मैने टेस्ट करवा लिया और रिपोर्ट शाम को मिलनी थी. हाथ मे मोबाईल था कि अचानक एक अन्य संदेश आया.
”हमेशा पोजिटिव रहो और जिंदगी मे पाजिटिव ही सोचो”
मै मन ही मन बहुत खुश हुई कि कितनी अच्छी बात लिखी है इसलिए हाथो हाथ मैने अपने दोस्त को मैसेज किया कि धन्यवाद, वाकई मे संदेश बहुत ही प्यारा है. तभी मोबाईल घनघना उठा. मेरा मलेरिया पोजिटिव था. मै बुरी तरह से कांप गई कि अयं ये क्या हुआ. उस दिन से संदेश से डर लगने लगा कि पता नही क्या मैसेज आए और…!!!

काफी दिन तक शांति रही. फिर एक मैसेज भूचाल ले आया. मेरी परम प्रिय सखी मणि ने मैसेज किया कि
आज आपका कोई पता पूछ रहे थे. उनका नाम है सुख, शांति और समृधि मैने बता दिया अब वो आपके घर कभी भी आते ही होंगे.शुभकामनाए!
मै घबरा गई क्योकि सुख और समृधि का तो पता नही पर शांति बुआ तो उतनी चिपकू  हैं कि एक बार घर आ जाए तो महीने भर से पहले जाने का नाम नही लेती. मेरी धडकन जोरो जोरो से चलने लगी. तभी दरवाजे पर घंटी बजी और शायद बुआ….!!!
अब तो यह हाल है कि मै मोबाईल हाथ मे रखने से डरने लगी हूं. मैसेज की इतनी शानदार ध्वनि रखवाई थी पर वही अब हारर फिल्मो के रामसे का संगीत बन कर डराने लगा है. या आज के समय के “आहट … जरा सी आह्ट होती है तो दिल ///  ये लो अचानक फिर से एक और मैसेज  आया…
चलो प्रकृति की ओर ..!! असली सुख वही है.!!

अब आप यही सोच रहे होंग़े कि यह तो सच है प्रकृति के साथ रहना तो हमेशा सुखकर है. जरा मेरी बात तो सुनिए! असल मे “प्रकृति” यहां का सुपर स्पेशलिटी हास्पिटल है. वहां पर बहुत गम्भीर किस्म के केस ही आते है.!!!

हे भगवान!!! क्या करु क्या नही समझ नही आ रहा !!! बस एक ही बात मुंह से निकल रही है कि संदेशे आते हैं मुझे तडपाते हैं ….!!!!

वैसे ये व्यंग्य आपको थोडा अजीब लग रहा होगा क्योकि आज का समय तो वटसअप और फेसबुक मैसेनजर का जमाना है पर मैं यह बताना चाहूगी कि ये व्यंग्य बहुत पुराना है उन दिनों मैसेज का ही जमाना था …:)

पर आपको …संदेशे आते हैं… व्यंग्य लगा कैसा ??? जरुर बताईगा 🙂

July 4, 2015 By Monica Gupta

कब छटेंगे बादल

कब छटेंगे बादल

 कब छटेंगे बादल

कब छटेंगे बादल

मन में भाव तो हमेशा ही उमड़ घुमड़ कर आते रहते थे  पर ये पहली बार थी जब इन विचारों की दिशा मिली. कब छटेंगे बादल  मेरी पहली कविता है. बेशक, कविता  नकारात्मक सोच से शुरु हुई पर अंत  सकारात्मक रहा.

आखिर कब छटेंगे बादल….

दल में बादल, गहरे बादल, काले बादल
उथले बादल, क्षितिज में विचरते बादल,
पर्वतों के ऊपर छत्र की तरह छाए बादल।

बादल………. दलदल बादल,
आखिर………कब छटेंगे ये बादल
क्या बरसात में ही पैर बढ़ा दूँ मैं……….?
की रूक जाऊँ, ठहर जाऊँ मैं………?
ठहर जाऊँ………..??
जिंदगी वैसे ही है ठहरी,ठहरी
गर्जते बादल, बरसते बादल
धड़कन बढ़ा रहे दिल की,

तभी अचानक, चमकी बिजली

अंधकार  हुआ पल भर गायब
देख मन मे आस जगी…..
अरे !

जब काले घन में भी है बिजली चमकी……..

है एक आशा की किरण, एक आस जगी
फिर……..

हे मन, तू क्यों है व्यथित……….
क्यों……… आंखों के आगे काले बादल बैठाए हैं…….
ज़रा अश्रू तो पोंछ, पलक साफ कर…….

देखा………..!! छट गए न बादल…..

ना बादल, ना दल में बादल

पैर बढ़ा, चल मंज़िल की ओर……….
ठहरी जिंदगी को दे नया बल……..
दल में बादल…….??
भुज बल में भी तो है आंधी…….
देखा…… छट गए ना बादल……….!!

आपको कैसी लगी … जरुर बताईएगा 🙂

आई बरसात तो भी जरुर पढिएगा

Photo by Jo Naylor

July 4, 2015 By Monica Gupta

Audio Poem- Female Foeticide by Monica Gupta

जब कोई बात बिगड़ जाये तो रहें बी पॉजिटिव
girl child photo

Photo by U.S. Fotografie

Audio Poem- Female Foeticide by Monica Gupta

सुनिए मेरी लिखी कविता मेरी आवाज में …

हद हो गर्इ

मोनिका गुप्ता

 

https://monicagupta.info/wp-content/uploads/2015/07/poem-monica-gupta.wav

( भ्रूण हत्या पर लिखी कविता )

हमारे देश मॆं जिस तरह से भूण हत्याएं हो रही हैं  अकसर मन विचलित हो जाता है और उसी विचलित मन से बन जाती हैं ऐसी कविता कि हद हो गई … बस बहुत हो गया …

अब बहुत हो गया

बस
अब बहुत हो गया
हद हो गर्इ
टी.वी. हो या समाचार पत्र
कविता प्रतियोगिता हो या राज्यस्तरीय विवाद
पर लगा नहीं पा रहे
भ्रूण हत्या पर लगाम
कह कह कर थक गए हम
पर हम अडि़ग हैं कि
कन्या नही…… कन्या नही
बस चाहिए पुत्र रत्न ही
कोर्इ बात नही

ज्यादा दूर नही है, देख लेंगेें
आज से बीस साल बाद
जब…..
लड़की नही मिलेगी कोर्इ
आपके कुल दीपक से ब्याहने को
आपका वंश चलाने को
ना होगी तब नवरात्रि में कंजको की पूजा
ना होगी पति की लम्बी उम्र के लिए उपवास पूजा
ना छम छम पायल से किसी का घर आँगन चहकेगा
नाना-नानी बनने का शौक अधूरा ही रह जाऐगा
ना रहेगा प्रेम, ना होगी करूणा
क्योंकि यह तो है नारी का गहना
बेबस मन कन्यादान से वंचित रह जाऐगा
हरा भरा घर मकान बन कर ही रह जाऐगा
मनु, इंदिरा, कल्पना का नाम पन्नों में ही रह जाऐगा
बस……….
कुछ ही सालों की है बात
हैरान, परेशान हताश खुद ही कह उठेंगें आप
कन्या थी अनमोल रत्न
पर तब तक शायद बहुत देर हो चुकी होगी
हमें इन्तज़ार करना होगा
शायद फिर से बीस सालों का
पर तब तक सब कुछ बदल चुका होगा
खामोशी, उदासी, मायूसी का फैल चुका होगा आतंक
तो फिर………..
क्यों हो रही हैं ये भ्रूण हत्याएँ
ठान लो
बस बहुत हो गया
जानते हो
हम भारतवासी……… एक जुट हो क्या है कर सकते
मुसीबत पडने पर दे सकतें हैं जान
चीर सकतें हैं धरती की छाती
उधेड़ सकतें हैं पहाड़ों का सीना
जब ला सकतें हैं हरियाली बंजर धरा पर
फिर क्यों है रोक कलियों के प्रस्फुटन पर
चलिए लें संकल्प
आज, अभी, यहीं
भ्रूण हत्या पर लगाए
कस कर लगाम सभी
मत ड़गमगाने दें भारत का आधार
नर और नारी से ही है हमारा घर संसार
उठो, जागो, चलो
बनाए संसार में भारत की अलग पहचान
ताकि फिर से ना पड़े कहना कि…….
मोनिका, अब बहुत हो गया
हद हो गर्इ

Audio Poem- Female Foeticide by Monica Gupta

 

July 4, 2015 By Monica Gupta

विज्ञापन और अरविंद केजरीवाल

cartoon monica gupta ak board

विज्ञापन और अरविंद केजरीवाल

हर रोज कुछ न कुछ आप पार्टी की ओर से सुनने को मिल रहा है कि आप के बहुत से समर्थको का विश्वास डगमगा रहा है … बात ये नही है कि किसी अन्य पार्टी की तरफ ध्यान आकर्षित हुआ है नही … सभी पार्टियां एक ही कैसी है और अब कार्यशैली देखते हुए लग रहा है कि आप भी इसी मे शामिल होती जा रही है …

– ABP News

नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल फिर विवादों में हैं. इस बार उनकी खिंचाई भ्रष्टाचार के खिलाफ उनके एक टीवी विज्ञापन को लेकर हो रही है. विज्ञापन में मुख्यमंत्री केजरीवाल का महिमामंडन किया गया है जिस पर विपक्ष हमलावर हो गया है. विपक्ष का आरोप है कि विज्ञापन पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश का दिल्ली सरकार ने उल्लंघन किया है.

विपक्ष का जोरदार हमला दिल्ली की केजरीवाल सरकार के टीवी विज्ञापन पर है. इन दिनों भ्रष्टाचार को लेकर दिल्ली सरकार का विज्ञापन टीवी पर जोर-शोर से दिखाया जा रहा है. बीजेपी और कांग्रेस का आरोप है कि विज्ञापन में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का चेहरा नहीं दिखाया गया है लेकिन उनका नाम लेकर उन्हें गरीबों के मसीहा के तौर पर पेश किया जा रहा है. विज्ञापन में 9 बार केजरीवाल का नाम लिया गया है. विपक्ष का कहना है कि ये विज्ञापन सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के खिलाफ है. सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि सरकारी विज्ञापनों पर सिर्फ राष्ट्रपति, सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस और प्रधानमंत्री की फोटो लगी हो और किसी व्यक्ति का महिमामंडन नहीं होना चाहिए.

विज्ञापन का इसलिए भी विरोध हो रहा क्योंकि इसमें इसमें पति को बैठे हुए और महिला को काम करते हुए दिखाया गया है. इसे महिलाओं के अपमान से जोड़कर देखा जा रहा है.

विज्ञापन को लेकर विपक्ष को हो-हंगामे के बाद भी आम आदमी पार्टी को इसमें कुछ भी गलत नजर नहीं आता है.

दिल्ली सरकार के इस विज्ञापन पर आम आदमी पार्टी का कहना है कि इसमें कुछ गलत नहीं है. आशुतोष के मुताबिक, “इस विज्ञापन में केजरीवाल का चेहरा नहीं दिखाया गया है इसलिए इसमें सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन नहीं है. आप कुछ भी करती है तो बीजेपी को तकलीफ होती है उन्हें मिर्ची लगती है.  बीजेपी किसी भी हद तक गिर सकती है. उनका बस चले तो पूरे हिंदुस्तान से ये आम आदमी पार्टी को बर्खास्त कर दें.”

बीजेपी के प्रवक्ता जीवीएल नरसिम्हा ने कहा, ”आप सफाईकर्मचारियों को भूखा रखते हैं, उनको सैलरी देन के लिए आपके पैसा नहीं है उसके बाद इस प्रकार घटिया कैंपने के जरिए अपना प्रमोशन करना चाहते हैं ये कहां तक सही है. इनके निकम्मेपन को 100 करोड़ खर्च करके दिखा रही है.”

बीजेपी प्रवक्ता का संवित पात्रा का कहना है, “‘टीवी ऑन करते ही हर दो मिनट  बाद केजरीवाल का गुणगान शुरू हो जाता है. सफाई कर्मचारियों के घर में चुल्हे नहीं जल पा रहे हैं. आप का कहना है कि उनके पास पैसा नहीं है. विज्ञापन पर लाखों खर्च करने वाली पार्टी कहती है कि सफाई कर्मचारियों को देने के लिए पैसा नहीं है. एड में महिला को काम करते हुए दिखाया गया है.”

सरकारी विज्ञापनों के नियमन से जुड़े दिशानिर्देश जारी करते हुए आज सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इन विज्ञापनों में राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और प्रमुख न्यायाधीश जैसे कुछ ही पदाधिकारियों की तस्वीरें हो सकती हैं.

क्या है सुप्रीम कोर्ट का आदेश See more…

IBN Khabar

नई दिल्ली। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल फिर विवादों में हैं। इस बार एक ‘रिश्वत बंद’ कराने वाले एक विज्ञापन को लेकर उनकी खिंचाई हो रही है जिसमें केजरीवाल का गुणगान किया गया है। इसे लेकर आप के पूर्व नेता ही केजरीवाल पर भड़क उठे हैं। इसके अलावा बीजेपी ने भी इस पर सवाल उठाए हैं।

Apart from being a crass and crude abuse of funds the Kejriwal ad on TV is sexist and projects women as servants of their husbands. Shocking

The ‘Jai Ho Kejriwal’ ad on TV, being a crass projection of Kejriwal, is against the SC order. It is an abuse of funds to project a leader Read more…

AAP

विधायकों को 54000 की सैलरी मिलती है। बिजली पानी के लिए महीने का चार हज़ार मिलता है। कोई सरकारी गाड़ी और घर नहीं मिलता। यूपी के एक विधायक ने बताया कि उन्हें 1 लाख रुपये से ज्यादा मिलते हैं। लेकिन विधायकों के वेतन बढ़ाने के प्रस्ताव की कांग्रेस और बीजेपी ने आलोचना की है। कांग्रेस नेता अजय माकन ने कहा है कि ये पार्टी अब आम आदमी की नहीं रही, पांच महीने में इनके विधायक सैलरी बढ़ाने की बात करने लगे हैं।

दिल्ली विधान सभा में नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने कहा है कि अगर सरकार एक रुपये महीना वेतन का प्रस्ताव लाए तो तीन विधायकों का उनका विधायक दल समर्थन करेगा। विजेंद्र गुप्ता जी की भावना का सम्मान करते हुए यह पूछा जाना चाहिए कि वे इस महंगाई में एक रुपये महीने पर कैसे जी सकते हैं। उनकी आय का ज़रिया क्या है। क्या उनके पास इतना पैसा है कि बिना कमाए जी सकते हैं। अगर है तो वे यह तरीका मुझे भी बता दें तो यकीन जानिए ये मेरा आखिरी प्राइम टाइम होगा। मैं सोमवार से काम पर नहीं आऊंगा।

See more…

  • « Previous Page
  • 1
  • …
  • 31
  • 32
  • 33
  • 34
  • 35
  • …
  • 59
  • Next Page »

Stay Connected

  • Facebook
  • Instagram
  • Pinterest
  • Twitter
  • YouTube

Categories

छोटे बच्चों की सारी जिद मान लेना सही नही

Blogging Tips in Hindi

Blogging Tips in Hindi Blogging यानि आज के समय में अपनी feeling अपने experience, अपने thoughts को शेयर करने के साथ साथ Source of Income का सबसे सशक्त माध्यम है  जिसे आज लोग अपना करियर बनाने में गर्व का अनुभव करने लगे हैं कि मैं हूं ब्लागर. बहुत लोग ऐसे हैं जो लम्बें समय से […]

GST बोले तो

GST बोले तो

GST बोले तो –  चाहे मीडिया हो या समाचार पत्र जीएसटी की खबरे ही खबरें सुनाई देती हैं पर हर कोई कंफ्यूज है कि आखिर होगा क्या  ?  क्या ये सही कदम है या  देशवासी दुखी ही रहें …  GST बोले तो Goods and Service Tax.  The full form of GST is Goods and Services Tax. […]

डर के आगे ही जीत है - डर दूर करने के तरीका ये भी

सोशल नेटवर्किंग साइट्स और ब्लॉग लेखन

सोशल नेटवर्किंग साइट्स और ब्लॉग लेखन – Social Networking Sites aur Blog Writing –  Blog kya hai .कहां लिखें और अपना लिखा publish कैसे करे ? आप जानना चाहते हैं कि लिखने का शौक है लिखतें हैं पर पता नही उसे कहां पब्लिश करें … तो जहां तक पब्लिश करने की बात है तो सोशल मीडिया जिंदाबाद […]

  • Home
  • Blog
  • Articles
  • Cartoons
  • Audios
  • Videos
  • Poems
  • Stories
  • Kids n Teens
  • Contact
  • Privacy Policy
  • Terms of Use
  • Disclaimer
  • Anti Spam Policy
  • Copyright Act Notice

© Copyright 2024-25 · Monica gupta · All Rights Reserved