Monica Gupta

Writer, Author, Cartoonist, Social Worker, Blogger and a renowned YouTuber

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June 8, 2015 By Monica Gupta

इतनी सी खुशी

इतनी सी खुशी

कई बार बात बहुत छोटी होती है पर बहुत खुशी दे जाती है. किसी काम से मुझे संजीवनी अस्तपाल के फीजियोथैरीपी विभाग मे जाना हुआ. साथ वाले कमरे से एक बच्चे की बहुत देर तक रोने की आवाजे आती रही. उसका रोना सुनकर मैं भी सहम गई.

डाक्टर ने बताया कि एक बच्चे की बाजू मे फ्रेकचर था. अब वो खुल गया है और बाजू की कसरत हो रही है शुरु मे दर्द होता है इसलिए बच्चा रो रहा है . उसके आने का समय और मेरे वहां होने का लगभग एक ही समय था.

अगले दिन फिर वही दर्द भरी रोने की आवाज सुनी. मैने हिम्मत करके उस कमरे मे झांका. मोटे मोटे आसूं  छोटे से बच्चे की आखो से टपक रहे थे. तीसरे दिन मैं हिम्मत करके उस बच्चे के पास चली गई.

(इतनी सी खुशी)

डाक्टर उसे बहुत प्यार से कसरत करवा रहे थे पर वो रोए जा रहा था. मैंने हैलो करके उससे बातों का सिलसिला शुरु किया. पहले तो वो थोडा झेंपा पर बहुत जल्द  उसने अपने बारे में बताना शुरु किया कि उसका नाम  लक्ष्य जोशी है वो  राजस्थान नोहर रहता है और दूसरी क्लास मे पढता है. बहुत जल्द उससे मेरी दोस्ती हो गई. उसने मुझसे वायदा किया कि अब वो नही रोएगा यहां रोज आएगा और स्कूल मे चल रही छुट्टियों मे ही वो ठीक हो जाएगा. दो तीन बार फिर उससे मिलना हुआ और इस बार मैं  उसके लिए चाकलेट भी ले गई.

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 मुस्कुराते हुए उसने फोटो भी खिचवाई. है ना छोटी सी बात पर उसकी आखों मे खुशी देखकर बेहद खुशी मिली…

June 8, 2015 By Monica Gupta

फ्रिज ने किया फ्रीज

 फ्रिज ने किया फ्रीज

मेरी सहेली मणि का फ्रिज बहुत पुराना और इतना भारी है कि अगर उसे सरकाना हो तो चार आदमियो की जरुरत होती है. आज की तारीख में इतना पुराना हो चला था कि बार बार कहने पर मेरे कहने पर वो नया फ्रिज लेने मार्किट गई कम्पनी के दुकानदार ने गोदाम से फ्रिज मंगवाया तो उनका आदमी अपने कंधे पर फ्रिज लाया. एक अकेला आदमी बडे आराम से फ्रिज लेकर आ रहा था.

मणि के हैरानी से पूछ्ने पर दुकानदार बोला उनका रोज का काम है उन्हें भारी नही लगता पर वो इतनी हल्की क्वालिटी देख बिना खरीदे लौट आई. फ्रिज बेहद हल्का था. मणि का मन ही नही बना कि ऐसा फ्रिज खरीदा जाए. दूसरे शब्दों में कहूं तो मणि को फ्रिज ने किया फ्रीज. वो चुपचाप वापिस आ गई.

fridge photo

वैसे देखा जाए तो यही हाल स्टील के ट्रंक और अलमारी  का भी हैं. कुछ दिन पहले मैं भी मार्किट गई थी. ट्रंक और अलमारी को  खरीदना था. पर इतनी हल्की क्वालिटी देख कर खरीदने का मन ही नही हुआ.कमाल है, बेशक हम प्रगति की राह पर हैं पर ये चीजें सालिड बनने की बजाय इतनी धटिया क्यों बन रही हैं ???

 हैरानी तो तब हुई जब दुकान दार ने भी कहा कि आप के पास जो ट्रंक है  या अलमारी है उसे आप रखिए … ऐसी चीज अब दुबारा नही बन सकती … आजकल वो पुरानी बात नही रह गई है दुकान दार भी मानते हैं कि पहले वाली बात अब नही

सच, मैने तो अब अपना पुराने वाला ही ठीक  करवा लिया और मणि का अभी तक वही फ्रिज चल रहा है 🙂

फ्रिज ने किया फ्रीज

 

 

June 4, 2015 By Monica Gupta

Justice fail

   Justice fail   जिस दिन का भी अखबार उठा कर देख लें या न्यूज चैनल  लगा ले … महिला रेप की खबरे  हो  या महिला उत्पीडन की खबरें … भरी पडी है… हो क्या रहा है देश में क्या महिलाओं की कोई सुरक्षा नही … क्या न्याय की देवी की तरह हमें भी आखों पर पट्टी बांध कर चुपचाप इसे स्वीकार कर लेना चाहिए… Justice fail  हो चुका है पूरी तरह से अदालत की कार्यवाही हो या फास्ट ट्रैक कोर्ट सब दिखावा है … Justice fail ही समझा जाएग इसे !!!

cartoon Rape by monica guptaJustice fail

India nurse Aruna Shanbaug dies after rape left her in vegetative state for 42 years – CBS News

MUMBAI, India — A Mumbai nurse who was in a vegetative state for 42 years after being sexually assaulted while working in a hospital has died, authorities said Monday.

Aruna Shanbaug, 67, suffered severe brain damage when she was sodomized and strangled with a metal chain by a hospital worker in 1973. The man, a ward attendant, left her to die in the hospital’s basement, where she was found 11 hours later. She was 25 years old at the time.

After a brutal gang rape in India made news across the world, the country is dealing with a cultural crisis in a clash between traditional values…

Sexual violence is pervasive in India, and several high-profile cases of brutal gang rapes have brought the issue to the forefront of public debate.

A nun in her 70s was gang-raped by a group of men in the eastern state of West Bengal in March, leading to an outcry from the minority Christian community.

The rapes have sparked mass protests in the name of justice and accountability for sexual attackers, and better safety conditions for women in India. Read more…

कभी उबर में तो कभी  तो कभी निर्भया ….कभी ट्रेन मे छेड छाड  तो कभी भरे बाजार में तेजाब फेकना … कुल मिला कर  ग्राफ बढता ही जा रहा है जोकि वाकई चिंता जनक और दुखद है. इसे Justice fail नही कहेंगें तो क्या कहेंगें …

June 1, 2015 By Monica Gupta

जय गणेशा – ॐ श्री गणेशाय नमः – गणेश चतुर्थी

जय गणेशा - ॐ श्री गणेशाय नमः - गणेश चतुर्थी

जय गणेशा

जय गणेशा – ॐ श्री गणेशाय नमः – गणेश चतुर्थी, श्री महा गणपति प्रणव मूलमंत्र: ॐ गं ॐ |. ॐ गं गणपतये नमः |. ॐ नमो भगवते गजाननाय |. श्री गणेशाय नमः |. ॐ श्री गणेशाय नमः |. ॐ वक्रतुन्डाय हुम |. ॐ ह्रीं श्रीं क्लिं गौं ग: … ॐ श्री गजानन जय गजानन |. ॐ श्री गजानन जय गजानन | जय जय गजानन |

 

10636210_10204876599854111_821025822890042605_nगणेश जी

जय गणेशा – ॐ श्री गणेशाय नमः – गणेश चतुर्थी.. अक्सर हम यही जानते है कि  किसी भी पूजा  या शुभ काम करने से पहले गणेश जी पूजा करनी चाहिए. गणेश जी के प्रथम पूज्य होने के कारणो पर एक नजर डालते हैं! श्री गणेश जी से हम बहुत कुछ सीख सकते हैं.उनके बारे मे ना सिर्फ ढेरो कहानियां है बल्कि वो अपने प्रत्येक अंग से कुछ न कुछ कहते हैं !जितना मुझे पता है और मैनें पढा है

आइये जानते हैं उनके अंगों के बारे मे कि वो क्या संदेश देते हैं….

जय श्री गणेशाय

जय गणेशा – ॐ श्री गणेशाय नमः – गणेश चतुर्थी

मस्तक – गणेश जी का मस्तक काफी बड़ा होता है जो हमें अपनी सोच को बड़ा बनाये रखने की और बड़े विचारों को मस्तिष्क में स्थिरता रखने की सलाह देता है !

आँखें – गणेश जी आँखें काफी छोटी – छोटी होती है जो हमें सन्देश देती है , कि जीवन में सफल होने के लिए एकाग्रता का होना सर्वाधिक महत्वपूर्ण है !एकाग्रता के बिना सरल से सरल काम को भी पूर्ण नहीं किया जा सकता है और एकाग्रता हो तो पानी में देखकर भी घूमती हुई मछली की आँख को निशाना बनाया जा सकता है !

कान – गणेश जी के कान काफी बड़े होते हैं और ये बड़े कान हमें एक अच्छा श्रोता बनने का सन्देश देते हैं अर्थात हमारे अंदर धैर्य और एकाग्रता पूर्वक अच्छी बातों को सुनने का सामर्थ्य होन चाहिए !

कुल्हाड़ी – गणेश जी के दांये हाथ की कुल्हाड़ी हमें ये प्रेरणा देती है , कि हमें सांसारिक बंधनों की असत्य डोरियों को काटकर एकमात्र सत्य ईश्वर की और अग्रसर होने का प्रयत्न करना चाहिए !

रस्सी -गणेश जी के बांये हाथ की रस्सी स्वयं को अपने जीवन के चरम लक्ष्य की और खींच कर ले जाने का संकेत देती है और यह लक्ष्य है स्वयं श्री गणेश !

जय गणेशा

मुख -गणेश जी का मुख काफी छोटा होता है परन्तु ये हमें दो संकेत देता है , कि एक तो हमें कम बोलना चाहिए !कम बोलने से तात्पर्य है कि जितनी आवश्यकता हो उतना ही बोलना चाहिए अधिक नहीं ! दूसरा संकेत जो हमें गणेश जी के मुख से प्राप्त होता है वह है ,कि हमें कम खाना चाहिए अर्थात जीवन के लिए भोजन करना चाहिए न कि केवल स्वाद के लिए !

दांत -गणेश जी का केवल एक ही दन्त होता है दूसरा नहीं अर्थात हमें केवल अच्छी वस्तुओं का संग्रह करना चाहिए बुरी वस्तुओं का नहीं !

दूसरा संकेत हमें ये प्राप्त होता है , कि यह शरीर नश्वर होता है जिसे एक दिन अवश्य ही खत्म हो जाना है इसलिए शरीर का अधिक मोह नहीं करना चाहिए लेकिन “शरीर माध्यम खलु धर्मंसाधनं”के विचार को महत्व देते हुए हमें शरीर को नीरोग रखने का पूरा कर्म करना चाहिए क्योंकि शरीर ही संसार में सभी धर्मों को पूरा करने का माध्यम है और मोक्ष का माध्यम है !

सूंड – गणेश जी की सूंड मानव शरीर की adaptibility का सर्वश्रेष्ठ उदहारण है !यह सूंड हमें शरीर में दुसरे परिवर्तनों को सहेजने और उनके साथ उसी कुशलता से काम करने का सन्देश देती है !जिस प्रकार स्वयं गणेश जी ने हाथी की सूंड का सामंजस्य स्वयं के शरीर के साथ करते हुए अपने मुख के सभी कार्य सूंड के साथ निर्विघ्न्तापूर्ण संपन्न किये !

हस्त – गणेश जी का दांया हाथ जो आशीर्वाद देने की मुद्रा में उठा हुआ है ,वो सभी जीवों को सुखपूर्वक जीने का आशीर्वाद दे रहा है !और साथ ही साथ संसार से ईश्वर तक जाने वाले उस दिव्य पथ को भी आलोकित कर रहा है !

मोदक अर्थात लड्डू -मोदक हमें इस बात की सूचना देता है कि यदि आप कोई कर्म करते हैं तो आपको उसका फल तो मिलेगा ही लेकिन यदि आपका कर्म और उसके प्रभाव नश्वर होते हैं तो आपको नष्ट होने वाला फल ही प्राप्त होगा लेकिन यदि आपके कर्म ईश्वर प्राप्ति के मार्ग को प्रशस्त करने वाले हैं तो आपका प्रसाद भी अलौकिक ,दिव्य और गणेश जी के मोदक के समान अनश्वर होगा ! (अर्थात साधना का फल है मोदक)

बड़ा पेट -गणेश जी का बड़ा पेट हमें इस बात की शिक्षा देता है ,कि हमें जीवन में जो कुछ भी हो रहां है उसे शांतिपूर्वक पचा लेना चाहिए!चाहे

वह अच्छा हो रहा है या बुरा !

प्रसाद – गणेश जी सामने रखा हुआ प्रसाद ये बता रहा है  कि सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड आपके कदमों में है और आपके आदेश की प्रतीक्षा कर रहा है !

मूषक(चूहा)- मूषक अर्थात गणेश जी का वाहन !मूषक के द्वारा गणेश जी ये बताना चाह रहे हैं ,कि ऐसी इच्छाएं जो हमारे वश में नहीं होती हैं वो नुकसान पहुंचा सकती है इसलिए इच्छाएं सदैव उस आकार की ही होनी चाहिए कि हम उन पर सवारी कर सकें यदि यदि इच्छाएं हम पर सवारी करना शुरू कर देती है तो मुश्किल हो जाती है !विशालकाय गणेश जी का वाहन छोटा सा मूषक इसी बात की दार्शनिक व्याख्या करता नजर आता है !

जय गणेशा – ॐ श्री गणेशाय नमः – गणेश चतुर्थी

क्यों है ना… गणेश जी का केवल मुख नहीं अंग – अंग भी बोलता है और वो भी लाजवाब !! जय गणेशा !

 

June 1, 2015 By Monica Gupta

बिजली जाने का सुख – बिजली का महत्व

बिजली जाने का सुख

बिजली जाने का सुख … अरे भाई, हैरान होने की कोई बात नही है  बेशक बिजली का महत्व बहुत है पर लगातार लगते कटो से तो मैने यही नतीजा निकाला है कि बिजली जाने के तो सुख ही सुख है.

बिजली जाने का सुख – यदि बिजली न होती तो

बिजली जाने के तो सुख ही सुख है….  सबसे पहले तो समाज की तरक्की मे हमारा योगदान है. भई, अर्थ आवर मे 100% हमारा योगदान है क्योकि बिजली रहती ही नही है.तो हुआ ना हमारा नाम कि फलां लोगो का सबसे ज्यादा योगदान है बिजली बचाओ मे.

चलो अब सुनो, बिजली नही तो बिल का खर्चा भी ना के बराबर. शापिंग के रुपये आराम से निकल सकते हैं. बूढे लोगो के लिए तो फायदा ही फायदा है भई हाथ की कसरत हो जाती है. हाथ का पखां करने से जोडो के दर्द मे जो आराम मिलता है. घरो मे चोरी कम होती है भई, बिजली ना होने की वजह से नींद ही नही आती या खुदा ना करे कि सच मे, चोर आ भी गया और अचानक लाईट आ गई तो आप तो हीरो बन जाऐगे चोर को जो पकड्वा देगे, है ना समाचार पत्रो मे आपकी फोटो आएग़ी वो अलग.

अच्छा, घर में बिजली ना रहने से लडाई ना के बराबर होती है. भई, कूलर या पंखे मे तो अकसर आवाज दब जाती है पर लाईट ना होने पर खुल कर आवाज बाहर तक जाती है. धीमी आवाज मे तो लड्ने मे मजा आता नही इसलिए लडाई कैंसिल करनी पड्ती है. और पता है सास बहू के झगडे कम हो जाते हैं दोनो बजाय एक दूसरे को कोसने के बिजली विभाग को कोसती हैं इससे मन की भडास भी निकल जाती है और मन को शांति भी मिलती है.

पता है बिजली जाने से दोस्ती भी हो जाती है. अब लाईट ना होने पर आप घर से बाहर निकलेगे आपके हाथ मे रुमाल भी होगा पसीना पोछ्ने के लिए. सामने से कोई सुन्दर कन्या आ रही होगी तो आप जान बूझ कर अपना रुमाल गिरा कर कहेगे लगता है मैडम, आपका रुमाल गिर गया है यह सुन कर वो आपकी तरफ देखेगी,मुस्कुराएगी और दोस्ती हो जाएगी.

एक और जबरदस्त फायदा है कि आप विरह के गीत, कविताए लिखने लगेगें क्योकि आप बिजली को हर वक्त याद करेगें जब वो नही आएगी तो आपके मन मे ढेरो विचार उठने लगेगें. यकीन मानो आप उस समय विरह की ऐसी ऐसी कविता या लेख लिख सकते हैं कि अच्छे अच्छो की छुट्टी हो जाएगी.

एक और सुख तो मै बताना ही भूल गई कि आप जोशीले भी बन सकते है बिजली घर मे ताला लगाना, तोड फोड करना, जलूस की अगवाई तभी तो करेगे जब आपमे गुस्सा भरा होगा और वो गुस्सा सिवाय बिजली विभाग के आपको कोई दिला सकता है सवाल ही पैदा नही होता .

बाते और भी है बताने की पर हमारे यहाँ 5घंटे से लाईट गई हुई है और अब इंवरटर मे लाल लाईट जलने लगी है. बिजली विभाग मे मोबाईल कर रही हूँ पर कोई फोन ही नही उठा रहा. गुस्से मे मेरा रक्तचाप बढ रहा है डाक्टर को फोन किया तो वो बोले तुरंत आ जाओ. अब आँटो का खर्चा, डाक्टर की फीस ,दवाईयो का खर्चा सबके फायदे ही फायदे हैं और कितने सुख गिनवाऊँ बिजली जाने के.

बिजली जाने का सुख

हे भगवान !!

June 1, 2015 By Monica Gupta

प्यारी बिटिया

प्यारी बिटिया

एक महिला अपनी लडकी को बहुत प्यार करती थी. आप सोच रहे होंगें तो क्या ??? वो तो सभी करती हैं. अरे !!

एक मिनट पूरी बात तो सुनिए. वो महिला इतना प्यार करती इतना प्यार करती कि शादी के बाद प्यारी बिटिया को हर धंटे फोन करती कि क्या हो रहा है. अब ये रुटीन बन गई . धीरे धीरे काम के बातो की बजाय बेमतलब की बाते ज्यादा होने लगी… बार बार फोन करके और क्या बात होगी… बुराईया करनी शुरु हो गई. सास ऐसी, ननद वैसी पति ऐसे …

कुल मिलाकर प्यारी बिटिया के घर भी तनाव का माहौल बनने लगा. पर ये बात न तो मां को समझ आई और न उसकी प्यारी बिटिया को. आज वो ही बेटी हमेशा के लिए अपनी मां घर आ गई है.और अब मां बेटी के बीच में तनाव चल रहा है. वैसे आप तो अपनी बेटी को” इतना” प्यार नही करती होंगीं अगर करती है तो जरा नही बहुत सोचने की दरकार है. शादी के बाद दखलअंदाजी सही नही.. बिल्कुल सही नही. रिश्ते टूटने में पल नही लगता और जोडने में सदियों बीत जाती हैं इसलिए जरा सम्भल कर प्यारी बिटिया से बात करिए

 

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