Monica Gupta

Writer, Author, Cartoonist, Social Worker, Blogger and a renowned YouTuber

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December 1, 2015 By Monica Gupta Leave a Comment

भारतीय महिलाए और समाज

indian lady photo

Photo by Picture Institute- Bristol Margate Nida London

 

भारतीय महिलाए और समाज

 महाराष्ट्र के शनि शिंगणापुर मंदिर में एक महिला ने शनि महाराज को तेल चढा दिया. इसके बाद बवाल खडा हो गया क्योकि ट्रस्ट का कहना है कि 400 साल की परंपरा में पहली बार किसी महिला ने मंदिर के चबूतरे पर चढकर शनि महाराज को तेल चढाया, यहां ऎसा नहीं होता है। ट्रस्ट की ओर से रविवार को मंदिर का शुद्धिकरण किया गया. इस खबर को बहुत प्रमुखता से दिखाया गया. खबर देखते देखते मेरा मन बहुत साल पीछे उड चला. मैं उन दिनों मे पहुंच गई जब टीवी, मोबाईल या कम्प्यूटर नही हुआ करते थे.

संयुक्त परिवार होते और और नानी ,दादी के घर बिल्कुल अलग माहौल होता. रेडियों ,पत्र, पत्रिकाओ का बोलबाला हुआ करता था. पत्रिकाओं में एक पत्रिका थी सरिता. सरिता पत्रिका में एक कालम आता था हमारी बेडिया. उसे अगर आज के समय में पढे तो हैरान हो जाएगा कि महिलाओ के साथ किस किस तरह का व्यवहार किया जाता था.  किस तरह के आडम्बर और बेडिया थी समाज में.

बाहर की तो बात अलग है घर पर ही ढेरों बंधनों में रहती जैसाकि महीने के तीन दिन उसके साथ अछूत जैसा व्यवहार किया जाता था ( सम्भव है आज भी कुछ परिवारों में यह परम्परा हो) और अगर कोई विधवा हो गई है तो उसके लिए तो बहुत बंधन थे समाज में. लडकियों को बस रसोई घर तक ही सीमित रखा जाता. पढाई तो बहुत दूर की बात थी और अगर फिर भी पढ लिख लेती तो आठवी, दसवी करते ही रिश्ते की खोज शुरु हो जाती. इतना ही नही घरों में अपने ही लोग महिला का शोषण करते और उसे अपनी आवाज दबाने को मजबूर किया जाता और वो ये सब जुल्म सहती रहती. कुल मिला कर उस दौर को पुरुष प्रधान समाज का नाम दिया जाए तो गलत नही.

अब बात आती है आज के दौर की. जहां माता पिता लडकी को पढाना चाहते हैं. शहरों में ही नही गांवों में भी लडकी को पढाने लिखाने के मामले में मानसिकता बदली है. इतना ही नही जो कोई भ्रूण या लिंग की जांच करवाता है कि अगर लडकी है तो गिरवा दो कि भावना रखता है ऐसे डाक्टर को और अविभावकों को  सलाखों के भीतर कर दिया जाता है. महिलाए नौकरी करके कमा रही हैं और अपने पैरों पर खडी हैं आज समाज में बोलने की आजादी, लिखने की आजादी है और टीवी धारावाहिकों  सोशल नेट वर्क आदि के माध्यम से  जानकारी मिलती है कि क्या सही है क्या गलत ? अनेको एप्प मार्किट में आ गए हैं  जिससे चाहे वो बच्ची हो या महिला सचेत और जागरुक रहती है.

अचानक मेरी तंद्रा भंग हुई और देखा उसी मंदिर के पुजारी बता रहे थे कि परम्परा किसने बनाई और क्यो बनाई ये तो पता नही पर 400 साल से भी ज्यादा से यही चली आ रही है इसलिए मंदिर का शुद्धिकरण करना जरुरी था. उस महिला ने सही किया या गलत इस विषय पर बहस चालू हो चुकी है पर कुल मिला कर उन दिनों की तुलना में आज समाज में महिलाओं को लेकर बहुत परिवर्तन आया है बेशक, उन बेडियों से आजाद तो नही हुए पर राहत जरुर मिली है जोकि एक अच्छा संकेत है.

महिलाओं ने अपनी मिली स्वतंत्रता का कितना दुरुपयोग किया है … ये अलग बहस का विषय है जिसके बारे में अगली बार मुद्दा उठाएगें ..

भारतीय महिलाए और समाज के बारे में आपकी क्या राय है …

November 29, 2015 By Monica Gupta Leave a Comment

रिपोर्टर

कार्टून रिपोर्टर ( मोनिका गुप्ता)

कार्टून रिपोर्टर ( मोनिका गुप्ता)

रिपोर्टर

कहना गलत न होगा कि आज जिस तरह से चैंनलों पर न्यूज नमक, मिर्च छिडक कर परोसी जा रही है उसे देखते हुए ब्लड प्रेशर ही बढ रहा है. ऐसे में इन महिला के दिल में भय समा गया है. इनका कहना है कि होने वाली बहू भले ही किसी प्रोफेशन से हो बस रिपोर्टर नही होनी चाहिए क्योकि हर बात को तोड मरोड कर और चटपटा करके बताएगी और घर में कलह बढ जाएगी…..

क्राईम रिपोर्टर

November 28, 2015 By Monica Gupta Leave a Comment

What an Idea

mobile photo

Photo by pedrosimoes7

What an Idea

बात बहुत पुरानी नही है जब टीवी पर  आ रहा आईडिया का विज्ञापन …. ओ हो ओ हो   Get Idea  … Get Idea..  बेहद पसंद था और उसकी धुन थिरकने और गुनगुनाने पर मजबूर कर देती … पर यह थिरकन  तांडव में तबदील होने लगी और  गुनगुनाहट  की जगह ले ली चिल्लाहट ने.. असल में, कुछ महीनों से मोबाईल फीचर के बेवजह बिल लग कर आने लगे .तब कभी कस्टमर केयर  तो कभी लोकल आईडिया आफिस जा जाकर  बार बार  लगातार शिकायत की पर नतीजा शून्य  कोई सुनवाई नही हुई और बिल यथावत  वही लग कर आते रहे. प्लान बदलवाया सारे फीचर हटवा दिए  पर फिर भी ढाक के तीन पात  …. !!!! कुछ नही हुआ बस आश्वासन पर आश्वासन आश्वासन पर आश्वासन ही मिलते रहे कि हो जाएगा …  पर हुआ कुछ नही… माना कि मोबाईल आज के समय की आवश्यकता है रोटी कपडा और मकान से पहले मोबाईल होना जरुरी है. पर इसका यह मतलब भी नही कि कम्पनी वाले ग्राहक को बेवजह तंग करें और तो और  सुनवाई भी न हो …!!!

आज के समय में जब मोबाईल  कम्पनियों का इतना जबरदस्त काम्पीटिशन है तो ऐसे में ग्राहकों की  सुविधा का ध्यान तो रखना ही चाहिए ताकि वो छोड कर न जाए पर … पर … पर … !!! ये  तो है उनकी  सोच पर मैने भी सोच लिया है कि अब और नही …   Get Idea  ओ हो  ओ हो नही बल्कि   Get Out Idea  ओ हो … ओ हो …   GET OUT IDEA   नही चाहिए !!!ओ हो ओ हो !!! अब मैं थिरक भी सकती हूं और गुनगुना भी सकती हूं … फीलिंग रिलेक्स्ड 🙂

 

मैं तीस हजारी से बोल रही हूं जरुर पढिएगा

What an Idea पर अगर आपका कोई अनुभव या विचार हो तो जरुर सांझा कीजिएगा …

 

 idea mobile photo

November 27, 2015 By Monica Gupta Leave a Comment

बदले बदले से सरकार नजर आते हैं

बदले बदले से सरकार नजर आते हैं

आज बहुत दिनों के बाद कुछ खबरे देख कर बेहद खुशी हुई . जैसाकि दिल्ली में 22.5 करोड की चोरी पुलिस ने तुरंत पकडी. चोर प्रदीप शुक्ला गिरफ्त मे.

दूसरी बिहार मे शराब बंदी लागू की जाएगी और तीसरी आज लोकसभा में संविधान पर चर्चा करते हुए प्रधान मंत्री मोदी जी का सुर मध्यम सप्तक मे था जबकि आजकल हम तार सप्तक ही सुन रहे थे. ये तीन खबरे कुछ राहत लाई पर हैरानी इस बात की है कि हमारे न्यूज मीडिया को यह खबरे हज्म नही हो रही कि अच्छा कैसे हो सकता है इसमे भी वो संशय और हैरानी  व्यक्त कर रहे है और इस में भी कुछ  चटपटा खोज रहे हैं. कुरेद रहें हैं कि शायद मसाला मिल जाए

बदले बदले से सरकार नजर आते हैंsearching  photo

 

November 24, 2015 By Monica Gupta Leave a Comment

मोबाईल नम्बर

मोबाईल नम्बर

अरे वाह, बडा अच्छा और मंहगा मोबाईल है . True caller भी है वाह जी वाह !!! ये तो बडी अच्छी बात है. बडे सारे नम्बर है आपकी मोबाईल लिस्ट मे. आपके दोस्तो के, सहेलियो के और जो भी नया पुराना दोस्त मिल जाता है उसका नम्बर फीड कर लेते हो और तो और आपके मोबाईल मे तो नरेंद्र मोदी जी और शाहरुख खान  का भी  नम्बर है.

ये तो अच्छी बात है पर क्या आपके मोबाईल पर एमरजैंसी , पुलिस का ,एक्सीडेंट के दौरान एम्बुलैंस का,  रक्तदाताओ का, ब्लड बैंक का ,शहर के अस्पताल  या फैमली डाक्टर आदि का नम्बर भी है क्या!! मै जानती हूं कि सुनने मे आपको अच्छा नही लग रहा होगा पर यह बात मैं इसलिए कह रही हूं  कई बार घबराहट के समय मे ऐसे नम्बर याद ही नही आते इसलिए यह मोबाईल नम्बर भी जरुर save कर लीजिए को सकता है इसको SAVE करने से आप किसी की जिंदगी ही SAVE कर ले…. है ना !!!

मोबाईल नम्बर के बारे में आपका क्या विचार है !! What an idea !!!

 

mobile  photo

November 24, 2015 By Monica Gupta Leave a Comment

बच्चे और डर

बच्चे और डर

आज बहुत साल बाद एक जानकार से मिलना हुआ. जब हम पहले मिले थे तब तो उनका बेटा सिर्फ 4 साल का था. वो बहुत शरारती  था. वो जब भी  जिस बात के लिए जिद करता या रोता उसे “”हाऊ आ जाएगा” कह कर डराया जाता  वो डर जाता और चुपचाप कहना मान लेता. मम्मी खुश हो जाती कि उनकी तरकीब काम कर गई. वही हाऊ के नाम से उसके हाव भाव बदलने लगते पता नही क्या कल्पना कर बैठा था बालपन हाऊ यानि भूत  की

आज वो सोलह साल का हो गया है पर दिल मे हाऊ का डर घर कर गया है. हाऊ का हौव्वा बन गया है उसके मन में. वो ना रात को अकेले घर पर रह सकता न ही अकेले कहीं बाहर जा सकता है अब उसकी मम्मी बेहद परेशान हैं क्योकि उन्होने सपने में भी कभी नही सोचा था कि कुछ ऐसा हो जाएगा. वैसे,  हम सभी ऐसे ही है. बच्चों मे तरह तरह का डर बैठा देते हैं ताकि बच्चा हमारी बात मान जाए . डराने धमकाने या डर दिखाने से कुछ समय तक तो शांति हो जाती है पर हम यह भूल जाते हैं कि भूत या कुत्ते आदि का डर बैठा कर बच्चे के कोमल मन पर इसका कितना असर होगा. इसलिए अगर आप भी कभी ऐसा देखे या ऐसा करते हों तो प्लीज डराना बंद कीजिए और बच्चों को समझाने या मनवाने के लिए हाऊ या अन्य चीजों का उदाहरण देना बंद करके बस प्यार से समझाईए और मनाइए…

बच्चे और डर लेख पर अगर आप कुछ कहना चहएं तो स्वागत है

 

ghost photo

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