Monica Gupta

Writer, Author, Cartoonist, Social Worker, Blogger and a renowned YouTuber

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June 10, 2015 By Monica Gupta

Once upon a time

Once upon a time

एक समय था जब हम Once upon a time कह कर अपनी कहानी की शुरुआत करते थे. चाहे वो परियों की हो या शैतान जादूगर की. आज मैं अपनी बात भी उसी बात से शुरु कर रही हूं पर दुख इस बात का है कि ये काल्पनिक नही हकीकत है…

वक्त नही है … समय बहुत कम है … मेरे पास चंद मिनट ही शेष हैं…आपके पास बस दस सैंकिंड हैं … .बाते बहुत हैं पर क्या करुं समय इजाजत नही दे रहा …!!! ऐसा, लगभग, सभी चैनल्स पर, बहस के दौरान न्यूज एकंर बोलते मिल जाते हैं !!! क्या वाकई और तेज, फटाफट  सुपर फास्ट खबरें …. !!!

सुनते तो हम अकसर है और इन दिनों ब्रेकिंग न्यूज पर देखने को भी मिल रही है. अक्सर तुरंत या जल्दी दिखाने के चक्कर मे चैनल रिपोर्टरों की situation हास्यास्पद हो जाती है. ( दो चार बार खुद भी अनुभव लिया है) ब्रेकिंग न्यूज देने के लिए सबसे आगे हम के चक्कर में बाईट लेने के लिए ऐसे उतावले हो जाते हैं कि धक्का मुक्की या गुस्सैल शब्दावली से भी परहेज नही करते.. !!!

चाहे कोर्ट से निकलते वकील की हो, नेता की हो या अन्य …!!!!और अगर वो पत्रकारों की मारामारी लाईव हो गई तो … !!(जोकि अकसर हो जाती है) ! बस यही मुहं से निकलता है !!! हे भगवान !!!

Once upon a time जब पत्रकार को बहुत सम्मान के साथ देखा जाता था. पत्रकार होना बहुत गर्व की बात होती थी पर आज के संदर्भ मे बात करे तो ….. !!! एक पत्रकार या रिपोर्टर चार चार पांच पांच चैनल की कवरेज कर रहा है. मुद्दा बस खबर देना है. बात की गहराई तक जाना या न जाना उसका सरोकार नही. किसी खबर की कवरेज के लिए जाने पर जनता को एक शकां रहती हैं वो कौन सी राजनीति पार्टी से हैं किसी कार्यक्रम मे मात्र उसे मुख्य अतिथि या सम्मानित इसलिए किया जाता है ताकि अगले दिन उस कार्यक्रम की खबर मुख्य रुप से छ्प सके. ऐसी बात नही है कि अच्छे पत्रकार नही रहे वो बिल्कुल हैं पर अच्छाई पर बुराई इतनी ज्यादा हावी हो चुकी है कि अच्छे भले पत्रकार भी खुद को पत्रकार कहलाने से कतराने लगे हैं. उफ !!!

 

 

press tv channels photo

Photo by NASA Goddard Photo and Video

 

Once upon a time   जब चैनल पर कोई बहस  में आने वाले लोग शालीनता रखते थे और बिना किसी की बात काटे  सभ्य ढंग से बात करते थे पर आज …. !!!

आधे धंटे के बहस ऐसे ही खत्म हो जाती है आमंत्रित मेहमान एक साथ बोलते हैं और कौन क्या क्या बोल रहा है किसी का सुर समझ नही आता इससे भी ज्यादा दुख और हैरानी की बात तब होती है जब एंकर भी किसी व्यक्ति विशेष के पक्षपात में बोलता है और हंसी भी आती है जब आमंत्रित मेहमान एंकर को ही चुप करवा देते हैं कि आप ने ही बोलना है तो हमे किसलिए बुलाया है !!! एक बार तो सुनने मे आया था कि हाथापाई भी हो गई थी( हालाकिं ये मैं नही देख पाई)

कुल मिला कर ये जो भी हो रहा है ठीक नही हो रहा. कम से कम न्यूज एंकर को अपनी भावनाओ पर, अपने हाथ की भंगिमाओं पर विशेष ख्याल रखना होगा अन्यथा वो खबर बनाते बनाते कही खुद ही खबर बन गए तो ???

तभी तो मैं कह रही हूं कि Once upon a time जब सही पत्रकारिता हुई करती थी !!

 

 

June 10, 2015 By Monica Gupta

Oh My God

Oh My God…कई बार हम कुछ ऐसा पढ या देख लेते हैं कि मन से खुद ब खुद Oh My God निकल जाता है. मैने भी दो प्रसंग ऐसे पढे की मन से बस यही आवाज आई Oh My God !!! ऐसा भी होता है … आपके साथ शेयर कर रही हूं !!!
एक आदमी को यह शंका थी कि उसकी पत्नी को अच्छी तरह सुनाई नहीं देता है शायद उसे एक श्रवण यन्त्र यानि Hearing aid की जरूरत हो सकती है इसलिए उसने अपने परिवार के डॉक्टर से सलाह ली. डॉक्टर ने उसे सबसे पहले एक साधारण अनौपचारिक परीक्षण की सलाह दी और बताया कि आप सबसे पहले 40 फीट दूर से फिर 30 फीट फिर 10 फीट दूर से बात करके देखना फिर ही मैं कोई इलाज कर पाऊंगा.

उसी शाम जब पत्नी रसोई मे खाना बना रही थी तो पति सोचा कि चलो आज ही कुछ परीक्षण करता हूं. दूसरे कमरे से उसने आवाज देकर पत्नी से पूछा कि आज क्या बनाया है. कोई जवाब नही मिला फिर थोडा और आगे आकर फिर वही पूछा पर फिर भी जवाब नही मिला. और आगे आया पूछा फिर भी कोई जवाब नही. इसी बीच वो रसोई मे अपनी पत्नी के पीछे खडा होकर पूछने लगा, अजी मैनें पूछा आज खाने मे क्या बना है.

उसकी हैरानी का कोई ठिकाना तब नही रहा जब पत्नी ने कहा “ मैं आपको पांचवीं बार बता रही हूं कि आज मटर पनीर बनाया है”

यानि …. दूसरो की कमी के बजाय अपनी कमी को खोजे.

 

Oh God photo

Photo by mikecogh

 

 

ये वाला प्रसंग पढ कर भी आप Oh My God  कह उठेंगें
कमरे का रहस्य
एक अस्पताल में ICU वार्ड के एक पलंग पर मरीज हमेशा ही मर जाता था, बहुत ही रहस्यपूर्ण बात थी की मरीज की कैसी भी हलात हो, कितनी भी सावधानी रखी जाये पर उसी पलंग पर हर रविवार सुबह 11 बजे ही मौत होती थी .पूरा अस्पताल प्रशासन परेशान कि कही भूत प्रेत का चक्कर तो नही . मेडिकल साइंस मानने को तैयार भी नहीं पर सच भी लगता था कि .आखिर रविवार को 11 बजे ही मौत क्यूँ होती है?
अगले रविवार 11 बजे से कुछ पहले ही अस्पताल का सारा स्टाफ उस वार्ड के बाहर बहुत ही बैचेनी, उत्सुकता, खौफ के साथ प्रतीक्षा करने लगे कि देखेँ आखिर आज क्या होता है,कोई क्रॉस ,कोई धार्मिक पुस्तक तो कोई पवित्र जल लिए आया हुआ था ताकि बुरी आत्मा के साए से बचा जा सके.
जैसे ही 11 बजे उस वार्ड मे साप्ताहिक सफाई कर्मी प्रवेश करता है अन्दर घुसते ही वो उस पलंग के पास जाकर जीवन रक्षक उपकरण बंद करता है और उस बिजली के प्लग मे वेक्यूम क्लीनर का प्लग लगा देता है ..
सभी आश्चर्य चकित हो कर देखते रह जाते हैं ..बहुत ही गहरा रहस्य बेपर्दा हो जाता है
Oh My God… तो बताईए कैसे लगी अगर इससे भी रोचक  और मजेदार आपके पास हैं जरुर शेयर कीजिएगा !!!

 

June 10, 2015 By Monica Gupta

नया साल और हमारा राशिफल- Your Zodiac-Star-Signs

नया साल और हमारा राशिफल- Your Zodiac-Star-Signs

अगर आपको भी यह जानना है कि नया साल 2016 कैसा रहेगा तो यकीन मानिए ये राशिफल आपके लिए ही बनाया गया है.

आपका राशिफल-Your Zodiac-Star-Signs

अगर आपका नाम A से लेकर Z के बीच मे आता है या अ से ज्ञ के बीच का कोई अक्षर है. Zero या 1- 2 से लेकर 9 अंको Even , Odd number या उसके बीच की आपकी जन्म तारीख है. Monday से लेकर Sunday यानि सप्ताह के 7 days मे, दिन के 12 बजे से रात के 12 बजे के बीच किसी भी समय आपका Birth हुआ है तो फिर आप यकीनन यह राशिफल आपके लिए ही बना है.Your Zodiac-Star-Signs.

और सुनिए !!! आप बहुत ही नेक और अच्छे व्यक्तित्व के इंसान हैं वही दूसरी ओर आप बेहद भावुक, क्रोधित और अक्सर लोग क्या कहेंगे की बातो मे आ जाते हैं. आप यह भली प्रकार जानते हैं कि आपका अंतर्मन आपका सबसे अच्छा दोस्त है,  best friend है पर अक्सर आप उससे बाते करना भूल जाते हैं.

We are lucky ones … इसमे भी कोई शक नही कि आप अपनो का बहुत ख्याल रखते हैं try तो करते है पर अक्सर उन्हें time नही दे पाते. जिसकी वजह से कई बार नाराजगी झेलनी पडती है.

जहां तक पहनावे की बात है Dark Colours  तो कभी Light Colours के dress  आप पर खूब फबेगें.

इस साल खानपान मे सफेद चीजों जैसे नमक, चीनी, मैदा आदि का कम सेवन करें. हां, मीठी बातें जरुर कर सकते हैं. दिन में एक बार सच्चे मन से ईश्वर का जरुर ध्यान करे. काम करने का हर पल शुभ है. अपनी कमियां नही बल्कि खूबियां खोजिए और फिर देखिए आप कहां तक जा पहुंचेगें . 2016 में शुभ परिणामों की बौछारें होगी अगर आप काम सकारात्मक Positive thinking , Smile  और विचार कर के करेगें.

बातें तो बहुत हैं पर आप busy हैं इसलिए अभी के लिए बस इतना ही

Happy New Year 2016 wishes के साथ


 

 lucky photo

 

 

 नया साल और हमारा राशिफल- Your Zodiac-Star-Signs

June 8, 2015 By Monica Gupta

हस्त रेखाएं

हस्त रेखाएं

कुछ देर पहले मैं मणि के घर गई उसके घर मेहमान आए हुए थे. वो एक महिला का हाथ देख कर कुछ बता रही थी. मेरा हैरान होना स्वाभाविक था क्योकि मुझे पता था कि उसे हाथ वाथ देखना नही आता. बल्कि कई बार शौकिया तौर पर मुझे ही कहती है कि हाथ देख कर कुछ भी बता.

मैने देखा वो बहुत गम्भीर मुद्रा में हस्त रेखाएं देख रही थी और फिर कुछ उंगुलियों पर गिन कर और कुछ सोचते हुए कुछ् बाते उस महिला को बताई और वो महिला भी खुश हो गई और वो खुशी खुशी चली गई.

उसके जाने के बाद मैने भी अपना हाथ बढा दिया कि मेरी भी हस्त रेखाएं  देख कर  कुछ बताईए. इस पर वो हंसते हुए बोली धत, मुझे कहा आता है हाथ वाथ देखना . ये हमारी जानकारी में हैं जरा परेशान थी…  बस हाथ देखने के बहाने इसकी कांउसलिंग कर दी. दो चार सकारात्मक बातें बता दी अब ये काफी सहज होकर गई है. अरे वाह ये तो बहुत अच्छी बात है …

Palmistry Money Line – Money Line in Palm, Hand

http://www.speakingtree.in/blog/money-line-in-palmistrySo let’s explore the money lines in our palm… The Money Lines 3 Some markings and configuration of lines present on your palm are very helpful indicators of your financial fate.

Money line is one of the lines present on your palm which demonstrate how your financial fate would be and how can you accumulate the money. Read more…

सच, कई बार दुख दर्द का ईलाज हस्त रेखाएं के माध्यम से भी किया जाए तो क्या हर्ज है.

Image via www.speakingtree.in

June 8, 2015 By Monica Gupta

फ्रिज ने किया फ्रीज

 फ्रिज ने किया फ्रीज

मेरी सहेली मणि का फ्रिज बहुत पुराना और इतना भारी है कि अगर उसे सरकाना हो तो चार आदमियो की जरुरत होती है. आज की तारीख में इतना पुराना हो चला था कि बार बार कहने पर मेरे कहने पर वो नया फ्रिज लेने मार्किट गई कम्पनी के दुकानदार ने गोदाम से फ्रिज मंगवाया तो उनका आदमी अपने कंधे पर फ्रिज लाया. एक अकेला आदमी बडे आराम से फ्रिज लेकर आ रहा था.

मणि के हैरानी से पूछ्ने पर दुकानदार बोला उनका रोज का काम है उन्हें भारी नही लगता पर वो इतनी हल्की क्वालिटी देख बिना खरीदे लौट आई. फ्रिज बेहद हल्का था. मणि का मन ही नही बना कि ऐसा फ्रिज खरीदा जाए. दूसरे शब्दों में कहूं तो मणि को फ्रिज ने किया फ्रीज. वो चुपचाप वापिस आ गई.

fridge photo

वैसे देखा जाए तो यही हाल स्टील के ट्रंक और अलमारी  का भी हैं. कुछ दिन पहले मैं भी मार्किट गई थी. ट्रंक और अलमारी को  खरीदना था. पर इतनी हल्की क्वालिटी देख कर खरीदने का मन ही नही हुआ.कमाल है, बेशक हम प्रगति की राह पर हैं पर ये चीजें सालिड बनने की बजाय इतनी धटिया क्यों बन रही हैं ???

 हैरानी तो तब हुई जब दुकान दार ने भी कहा कि आप के पास जो ट्रंक है  या अलमारी है उसे आप रखिए … ऐसी चीज अब दुबारा नही बन सकती … आजकल वो पुरानी बात नही रह गई है दुकान दार भी मानते हैं कि पहले वाली बात अब नही

सच, मैने तो अब अपना पुराने वाला ही ठीक  करवा लिया और मणि का अभी तक वही फ्रिज चल रहा है 🙂

फ्रिज ने किया फ्रीज

 

 

June 7, 2015 By Monica Gupta

whatsapp ladies

whatsapp ladies   शिक्षा की बात हो तो हम लडकियां नम्बर वन…  परीक्षा परिणामों की हमेशा एक ही  हैड लाईन होती है कि लडकियों ने बाजी मारी … वही जब शापिंग की बात होती है तो भी महिलाओं का नाम पहले लिया जाता है कि महिलाओं को बहुत शौक होता है. पर हाल ही में एक हुए सर्वे ने मुझे हैरान कर दिया सर्वे था… हाउसवाइफ की बड़ी तादाद को ये तक नहीं पता कि इंटरनेट का इस्तेमाल कैसे करते हैं। ये चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं गूगल के सर्वे विमेन एंड टेक्नोलॉजी से।

ladies internet photo

 

whatsapp ladies

सर्वे के मुताबिक देश में 18 से 55 साल की महिलाओं में से करीब 50 फीसदी इंटरनेट से दूर है। इस सर्वे में 828 महिलाएं शामिल थीं। भारत में करीब 24.3 करोड़ इंटरनेट यूजर्स हैं और इंटरनेट की पहुंच पूरी आबादी के सिर्फ 19 फीसदी तक है।

है न हैरानी वाली बात … इंटरनेट  एक ऐसी दुनिया है जिसका इस्तेमाल हर कोई किसी ना किसी रूप में करता ही है. यहां तक की छोटे छोटे बच्चे भी इसका इस्तेमाल करना जानते हैं. ऐसे में महिलाए कैसे पीछे रह गई.

 

News Flicks

 

http://hindi.moneycontrol.com/mccode/news/article.php?id=119700

whatsapp ladies  मेरे सर्कल में जितनी महिलाए हैं  उसमें से ज्यादातर महिलाओं ने  ने वटस अप के माध्यम से इस दुनिया में कदम रख दिया है. कुछ वही तक सिमट कर रह गई हैं  तो कुछ अब शापिंग इत्यादि  पर सर्च भी करने लगी हैं…

बेशक,  समय अभाव के कारण हो या कम जानकारी होने की वजह से वो नेट न इस्तेमाल करती हों पर अगर वो नई  दुनिया के साथ कदम ताल करेगीं उसे समझेगी तो न सिर्फ कुछ नया बल्कि फायदेमंद जानकारी भी पा सकेगी खुद को भी एक नई पहचान दे सकेंगीं.

Photo by Internet Archive Book Images

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