Monica Gupta

Writer, Author, Cartoonist, Social Worker, Blogger and a renowned YouTuber

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September 7, 2017 By Monica Gupta Leave a Comment

बच्चों के लिए अच्छी आदतें – Good Habits Of Children – Good Parenting Skills in Hindi

बच्चों के लिए अच्छी आदतें

बच्चों के लिए अच्छी आदतें – Good Habits Of Children – Good Parenting Skills in Hindi – baccho ke liye acchi aadatein – कल एक जानकार घर आए हुए थे जब उन्हें छोडने बाहर गई तभी उनका आठ साल का बेटा अंदर मुडा और पंखा बंद कर दिया उसकी मम्मी मुसकुराने लगी कि घर पर भी बेवजह पंखा,  टीवी,  लाईंट नही जलने देता तुरंत बंद कर देता है पर मुझे बहुत अच्छा लगा मुझे खुशी हुई कि उन्होनें बच्चों को अच्छी आदत डाली हुई हैं आमतौर पर बहुत parents ये समझते हैं कि नमस्ते कहना सीखा दिया sorry या thanks कहना सीखा दिया तो अच्छी आदत हो गई.. good बच्चा बन गया पर कुछ ऐसी आदतें हैं जो बच्चों बचपन से ही से सिखाएंगें तो यकीन मानिए वो बहुत अच्छे इंसान बनेंगें … जैसाकि

बच्चों के लिए अच्छी आदतें – Good Habits Of Children

पानी और बिजली बचाना का ख्याल रखना की फालतू ना वेस्ट हो जितनी जरूरत हो, उनका उतना ही प्रयोग करें

पैशेंस patience सब्र रखना सीखाना चाहिए आप किसी दुकान पर हैं या चौराहे पर कि अभी red light है … अरे यार निकाल लू क्या … कोई दिख नही रहा … चलो मम्मी कार निकाल लो .. उन्हें सीखाना होगा कि कि patience ,  tolerance रखनी चाहिए … धक्का मुक्की की बजाय अपनी बारी की इंतजार

बच्चों के लिए अच्छी आदतें

अपनी हार स्वीकार करना Learning To Accept Defeat बच्चे को ये समझाना कि जिंदगी में उतार चढाव आते रहते हैं. कभी हमें 100 मार्क्स मिलते हैं तो कभी 50 भी मिल सकते हैं कभी हम फर्स्ट आते हैं तो कभी पीछे भी रह सकते हैं … पर उदास होकर नही बैठना चाहिए.. हिम्मत से सामना करना चाहिए

… Treating Everyone Equally किसी को छोटा बडा न समझना अगर घर पर माली आते हैं या रिक्शा वाला आता है या काम वाली बाई आती है तो उसे सम्मान देना … और तू करके बात न करना … तू से मुझे एक बात याद आई … कुछ दिन पहले एक मेरी जानकर बता रही थी कि उनका चार का बेटा उनसे बहुत नाराज हो गया .. मैंनें पूछा कि किसलिए तो उन्होनें बताया कि मैंने उसे तू करके बोल दिया …  तू सो जा … वो बोला आप गंदी हो तू करके बात करती हो … जब उन्होनें सॉरी कहा तो उसने माफ किया …

अगर कभी गलती हो भी गई तो ईमानदारी से मान लेनी चाहिए पर चलाकी नही … झूठ नही, चोरी नही …

अपनी गलती मानना… मां ने अपनी गलती आराम से मान ली कान पकड कर .. बच्चा भी खुश हो गया … जो बच्चा देखता है वही सीखता है …

बच्चे के साथ आदर के साथ बात करेंगें तो आदर ही मिलेगा .. इसी में एक और सीख है कि ईमानदारी का सबक तो जरुर पढाना चाहिए … चीटिंग नही करनी चाहिए

pocket money जरुर दीजिए और देखिए कि वो कैसे खर्च करता है कितनी आदत है उसे जमा करने की ..या सम्भाल कर रखने की ..

Reading Everyday हर रोज पढने की आदत … अपना जनरल नॉलिज के लिए या तो अखबार की हैड लाईन या फिर जिस तरफ उसका शौक है उस बारे में धीरे धीरे जानकारी  देना … अब तो यू ट्यूब पर सब है बहुत वीडियोज हैं देख सकते हैं और अपनी जानकारी बढा सकते हैं या अपने घर मे अपने कमरे एक बोर्ड लगा कर उस पर आज का विचार लिखना ताकि अच्छी बात सीखे … वैसे ये कई स्कूल में भी  होता है …

शेयर करना सीखना कि अपनी चीज या अपना खाना दूसरों के साथ शेयर करना चाहिए

Being Punctual अच्छी आदतों में एक है समय पर काम करना .. उसके कमरे में घडी हो या उसे घडी दे दीजिए और महत्ता बातईए .. इस पर बहुत कहाँनियां भी हैं ताकि बच्चा सीखें

बच्चों को आदत डलवाए कि हर रोज कैलेंडर की तारीख बदलनी हैं या महीने की या फिर कभी घडी रुक जाए तो तुरंत बताना है …

किसी दूसरों का मजाक नही बनाना भी जरुर सीखाना चाहिए… क्योकि आमतौर पर बडे ही मजाक बनाते हैं तो बच्चे वहीं से सीखते हैं जैसाकि कोई बहुत मोटा है या पतला है या फिर कद छोटा है … बजाय मजाक बननए के बच्चों को सीखना चाहिए कि भगवान ने ही हम सब को भेजा है इसलिए कभी मजाक नही बनाना चाहिए  समय पहले एक बच्चाNot Teasing

मीठा बोलना और मदद करना है बहुत जरूरी 
बच्चे को मीठा बोलना का महत्व जरूर बताएं. उसे समझाएं कि वाणी मधुर हो तो हम किसी भी काम को आसानी से कर सकते हैं. किसी पर चिल्लाना या अभद्र भाषा का इस्तेमाल करना सही नहीं है. बचपन में मैं दो आंटी थी एक राव आंटी और एक नारंग आंटी .. उनके चेहरे पर हमेशा स्माईल रहती थी … कितने साल हो गए उनसे मिले पर याद हमेशा रहती है …

Balanced diet लेने की आदत डलवाना .. असल में कई बार मम्मिया ही आलसी हो जाती है … बच्चा खेल कर घर आया .. भूख लगी है .. चल मैगी बना देती हू .. चल दुकान से पिज्जा मंगवा देती हूं .. ऐसे में अगर बच्चे के लिए कुछ हैल्दी बनाया होता तो कितना अच्छा होता ..

इन के साथ साथ … स्वच्छता रखना बचपन से ही संस्कार देंगें कि कूडा सडक पर नही डालना … डस्ट्बिन में ही डालना है या खाने से पहले और बाद में हाथ धोने हैं तो बहुत फर्क पडता है … ब्रुश करना भी रोज जरुरी है

और मेहनत खूब भाग दौड करना .. और चुस्त दुरुस्त रहना … आमतौर पर बच्चे स्कूल से आते ही थक जाते हैं और सारा समय बैड पर ही रहते हैं … उनसे काम करवाईए … जानबूझ कर उठाईए … खुद ही पानी लाकर देंगें , उठने नही देंगें तो क्या होगा … कभी आपको जरुरत पडेगे तो बच्चे में आलस ही रहेगा ..

 

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qualities of good parents – Good Habits Of Children

ये तो है कुछ अच्छी आदतें … जो जरुरी है बच्चे के विकास के लिए …

 

May 31, 2017 By Monica Gupta Leave a Comment

पेरेंटिंग टिप्स इन हिंदी कितनी जरुरी

अच्छे काम करते रहने चाहिए

पेरेंटिंग टिप्स इन हिंदी कितनी जरुरी – Parenting Tips in Hindi – अगर नेट पर Positive Parenting , पेरेंटिंग या स्मार्ट पेरेंटिंग के बारे में सर्च करें तो आता है स्मार्ट पेरेंटिंग इन हिंदी, इन इंगलिश … इन बंगाली, इन मराठी , इन मलयालम, बहुत भाषाए हैं पर हल एक ही है और वो है प्यार … बच्चे से प्यार से बात करें … patience से ट्रीट करें..

पेरेंटिंग टिप्स इन हिंदी कितनी जरुरी

नेट का संसार बहुत विशाल है एक शब्द खोजो तो दस option मिलते हैं .. कल मैं ऐसा ही कुछ सर्च कर रही थी तभी एक खबर पर ध्यान गया खबर है…

ब्रिटेन की सरकार ने positive parenting कोर्स शुरु किया है

जिसमें सीखाया जा रहा है कि माता पिता बच्चों को कैसे पालें… Etiquette  कैसे सीखाएं ., manners कैसे सीखाएं , असल में पहले joint family होती थी तो दिक्कत नही होती थी पर अब nuclear family हो गए हैं और पेरेंटस को समझ नही होती कि कैसे पालें इसलिए ये कोर्स शुरु किया है और ये कोर्स होस्पीटल हो, चिल्डर्न सेंटर्स , चर्च ग्रुप्स में फ्री संचालित किया जा रहा है

वैसे वहां प्राईवेट कम्पनी भी हैं जो ऐसे कोर्स करवा रही हैं और 30 हजार से 80 हजार तक की फीस भी है जिसमें ऑनलाईन कोर्स भी शामिल हैं …

एक लेडी ने बताया कि जब पहली बार मां बनी तो वो कुछ नही जानती थी कि बच्चे का ख्याल कैसे रखे कैसे पकडे कैसे नैपी बांधें … रात को कैसे सुलाना है रोए तो क्या करना है  पर अब मुझे समझ आ गई है … बच्चों के साथ किस तरह से लाड प्यार करें उन्हें Etiquette  समझाएं manners कैसे दें …

 

 

इन सभी की ट्रैनिंग दी जाती है ताकि वो परफेक्ट पेरेंटस बन सकें और उनके बच्चे परफेक्ट चाईल्ड…

यहां मैंने जब कुछ लोगो से इस बारे में बात की तो क्या बोले कि कि ये क्या है … ये भी कोई सीखने की चीज है … हमें आता है कैसे पालते हैं बच्चों को … चोचलें हैं ये … कुछ ने appreciate भी किया कि हां अच्छा है …

यहां भी होना चाहिए आप कैसे पेरेंटस हैं और आपके क्या विचार हैं इस बारे में … जरुर बताईएगा  स्माईल  रखिए , पोजीटिव  रहिए और पैशेंस भी होनी चाहिए…

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June 9, 2015 By Monica Gupta

परवरिश – Good Parenting Skills in hindi

मोनिका गुप्ता

परवरिश – Good Parenting Skills in hindi – परवरिश – एक कला है बच्चों की परवरिश- परवरिश यानि पेरेंटिंग….. !!! कुछ देर पहले एक जानकार घर आए. उनके साथ उनका छोटा बच्चा भी था जोकि शायद तीसरी क्लास मे था. पेरेंट्स ने बताया कि वो उसे होस्टल मे भेज रहे हैं बहुत जिद्दी हो गया है जरा भी कहना नही मानता. होस्टल मे जाएगा तो अक्ल ठिकाने आ जाएगी. इतने मे वो बच्चा हमारे पडोस में मिलने चला गया.  वहां उसी की क्लास मे पढने वाला बच्चा रहता है.

परवरिश – Good Parenting Skills in hindi

कुछ देर बच्चे के पेरेंटस मेरे साथ रहे और मैनें पूरे विस्तार से बाते पूछी कि बच्चे को होस्टल किसलिए भेज रहे हैं. पहले तो वो यही कहते रहे कि यहां कोई अच्छा स्कूल नही है फिर बोले कि हम समय नही दे पाते. दोनो नौकरी करते हैं और बच्चा बिगड रहा है. बातों बातों मे मुझे यह भी महसूस हुआ कि पति पत्नी मे भी आपस मे बहुत लडाई होती है दोनो एक दूसरे की बात काट रहे थे.

मैने उनसे कहा कि पेरेंटिंग यानि परवरिश आसान नही. बहुत कुछ समझना और समझाना पडता है. ईश्वर ने आपको माता पिता बनाया है आप भाग्यशाली हैं अब बच्चे की पसंद न पसंद का ख्याल रखना उनकी ही जिम्मेदारी है. आखिर इन सब मे हम भी कही न कही जिम्मेदार हैं. दोनों चुपचाप मेरी बात सुन रहे थे.

इतने में बेटे का फोन आया कि क्या वो कुछ देर और बैठ जाए अपने दोस्त के पास. इस पर मम्मी ने बोला .. हां हां क्यो नही … हम खुद ही फोन कर के आपको बुला लेगें… मैं मुस्कुरा दी और बोली देखा … ये तरीका होता है बच्चों से बात करने का .. इसका मतलब पहला सबक  आपने पास कर लिया वो भी फस्ट पोजीशन ले कर. पति पत्नी एक दूसरे को देख कर मुस्कुराए और मेरी तरफ देखने लगे.

 

 

 

parenting photo

 

मैने बोला कि पहले समय मे पेरेंटिंग की ज्यादा आवश्यकता नही होती थी क्योकि संयुक्त परिवार होते थे और बडे लोग दादा, चाचा, ताऊ बच्चों को अपने अनुभव के आधार पर सम्भाल लेते पर आजकल एकल परिवार हो गए हैं और माता पिता दोनो ही नौकरी पेशा. ऐसे मे बच्चा करे भी तो क्या करे..

इसी बीच मैं दोनों के लिए ठंडा बना लाई और सर्व करते हुए पूछा कि अच्छा बताईए कि आप एक दुकान पर है बच्चा एक गेम के लिए मचल जाता है और रोने लगता है ऐसे में आप क्या करेगी.  पत्नी ने जवाब दिया. दो थप्पड मारेगी और दुकान के बाहर खींच कर ले जाएगी.. जिद्दी है न ऐसे ही काबू आता है. मैं मुस्कुराई  और बोली कि लगता है आपको ही शिक्षा की जरुरत है.

Good Parenting Skills in hindi

बच्चे के मन को समझना बहुत जरुरी है. पेरेंटिंग यानि परवरिश एक चैलेंज है. आज के बच्चो को  समझदारी से हैंडल न किया गया तो उनके दिलो-दिमाग पर खराब असर हो सकता है. बच्चे को अच्छा बच्चा बनाने के लिए कुछ ऐसा करने का प्रयास करते रहना चाहिए  जैसाकि बात बात में मीन-मेख न निकालें और न बात-बात पर उसे रोकें-टोकें. अगर उसे कुछ समझाना ही है तो बजाय किसी के सामने, अकेले में प्यार से समझाएं, इससे बच्चा  समझ जाएगा. मेरी बात के बीच में ही वो बोली कि वो तो अक्सर बच्चे को उसके दोस्तों के सामने डांटती रहती है और कई बार तो चांटा भी लगा देती है.
मैं मुस्कुराई और बोली कि अब हाथ से काम नही दिल से लेना  है. बेटा जब भी कोई अच्छा काम करे तो उसकी प्रशंसा जरुर करनी है . उसे शाबाशी दें उसके पीठ थपथपाए । मम्मी पापा की  प्रशंसा से  बच्चो के अंदर नया आत्मविश्वास जागता है पर पर पर  बच्चे की तुलना भूल कर भी उसके दोस्त या अपने परिवार के अन्य बच्चों से नही करनी चाहिए और अपने आप से तो बिल्कुल हे नही. हम अक्सर कहते है कि जब मैं छोटा होता था तो ऐसा नही था मैं ऐसा था. मैं ये करता था  … मैं वैसा था.  इससे बच्चे के मन में दूसरे के  प्रति चिढ और अपने प्रति हीन भावना आ जाती है.

दोनों मेरी बात ध्यान से सुन रहे थे. अचानक  पत्नी बोल पडी कि वो हमेशा अपने बचपन की तुलना  अपने बेटे से करती है क्योंकि उसे इतने ऐशो आराम नही मिले जितने उसके बेटे को मिल रहे हैं यही उलाहना देती रहती है पर अब नही देगी और समझदारी से काम लेगी.

मैने मुस्कुराते हुए अपनी बात जारी रखी और बोला कि बच्चें को  सॉरी और थैंक्यू के साथ साथ घर आए मेहमानों या बडे-बुजुर्गो को  सम्मान देना भी सीखाना चाहिए.  अगर हम खुद ही घर आए लोगों का मजाक बनाएगें तो बच्चों को कैसे समझा पाएगें और अगर हम  भी बात बात पर सॉरी और थैंक्यू बोलेंगें तो बच्चे को जल्दी समझ आएगी.

कई बार बच्चों के साथ बच्चा बन कर जिद या कहना  भी मान लेना  चाहिए। इसमे एक को यानि कभी  मम्मी तो कभी पापा को  बच्चे का साथ देना चाहिए और एक को बात के विपरीत जाना चाहिए . इससे  यकीनन मनोरंजन भी हो जाएगा और बात भी पूरी हो जाएगी.

इसी के साथ बच्चे को मिल बांट कर खिलाना भी सिखाना चाहिए. जैसे अगर आपने अपने लिए चालकेट या पैस्ट्री खरीदी है तो सबसे पहले आप अपने बच्चे को देंगी फिर खुद खाएगीं  और अगर आपका बच्चा सारी चाकलेट खुद खाने  लगे तो आप झूठमूठ से नाराज हो जाएं कि आपको तो पूछा ही नही और झूठ मूठ से रोने लगे .. तब देखिए बच्चा हमेशा आपको पूछेगा खाने से पहले .. !!

कई बार हम बच्चे को बोलने का मौका ही नही देते उसे डांट कर चुप करवा देते हैं. बच्चे को बोलने का मौका देना चाहिए और अगर वो कुछ प्रश्न पूछे तो पूछ्ने देना चाहिए.  टोका टाकी करके उसमे रोष भी पैदा  होगा.

कोशिश यह भी होनी  चाहिए कि बच्चे के सामने पेरेंट्स आपस में लडाई न करें और गाली तो बिल्कुल भी न दे इससे बच्चे के मन में गलत भावना जन्म लेती है और इस सभी बातों से बढ कर ये कि बच्चे के लिए समय निकाले. उसके साथ बैठे, बातें करे हंसी मजाक करें ताकि उसे यह अहसास हो कि ये तो मेरे दोस्त हैं और अपनी सारी बाते शेयर करने लगेगा.

बात के बीच में  दोनों एक साथ बोल  उठे कि हैरानी है इतना सब होता है उन्हें पता ही नही था. जितनी भी बाते उन्होने आज सुनी है उसे जानकर तो ऐसा लग रहा है कि ये तो कुल मिलाकर उन्ही की गलती है. बेटे की गलती तो कही है ही नही … न उसे समय दिया, न उसकी भावनाओं को समझा. हर समय दफ्तर का तनाव घर ले कर आते तो खूब लडाई भी होती और  हमेशा  पैसे रुपये देकर बच्चे की  हर इच्छा को पूरा किया और अब देखो उसे घर से निकाल रहे हैं. कहते कहते उनकी पत्नी भी भावुक हो गई.

 

मैने दोनों से पूछा कि क्या अब आप अपने बेटे को होस्टल भेजेंगें. इस पर दोनो ने एक दूसरे की तरफ देखा. पत्नी बोली इस साल शायद नही क्योकि इस साल वो अच्छे पेरेंटस बन कर दिखाएगें और उसने अपने बेटे को बुलाने के लिए फोन मिला लिया. वही पिता ने भी मन ही मन कुछ निणर्य ले लिया था. अब दोनों मिलकर बच्चे का इंतजार कर रहे थे.

परवरिश यानि पेरेंटिंग के बारे में आपकी क्या सोच या राय है … जरुर बताईएगा !!

 

parenting photo

वैसे आप तो अपने बच्चों की परवरिश बहुत अच्छी तरह कर रहे होंगें अगर आप भी अपने कुछ अनुभव मुझसे सांझा करने चाहेंगें तो मुझे बेहद खुशी होगी … !!! 🙂

परवरिश – Good Parenting Skills in hindi

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