How to be Patient with Children – क्या करें जब बच्चे तंग करें – Patience कैसे रखें – Parent मे patience कैसे आए… Patient कैसे बनें? बहुत सारे कमेंटस मैसेज आते हैं कि जब बच्चा जिद करता है कहना नही मानता गुस्सा करता है हाथ पैर चलाता है तो बहुत गुस्सा आता है ऐसे मे हममे patience कैसे आए..कैसे बने Patient Parent
How to be Patient with Children – क्या करें जब बच्चे तंग करें – Patience कैसे रखें
ये बात तो अच्छी है कि अब आपने इस दिशा मे सोचना शुरु कर दिया है कि गुस्से पर काबू कैसे पाएं
तो सबसे पहली बात… मैं ये नही कहूंगी कि दस तक गिनती गिनो… उसका कारण ये है कि हम आमतौर पर गुस्से में गिनती तक भूल जाते हैं… एक मेरी सहेली की मम्मी को जब भी गुस्सा आता था तो उसे बोलती थी दस मारुगी और एक गिनूगी.. अब बताईए ऐसे कैसे चलेगा.. तो कुछ और उपाय करते हैं
मेरे विचार से जब भी गुस्सा आए खुद से बात कीजिए… कि नही तूने गुस्सा नही होना है तू बहुत अच्छी है प्यारी प्यारी है… शांत शांत .. और ये कहते हुए लम्बी सांस लेनी है तनाव हो चेहरे से हटाना है जो माथे पर बल हैं उसे हटाना है positive सोचना है और चेहरे पर स्माईल लानी है… यानि खुद से Commitment करनी है…
बच्चे के point of view से देखिए…
अगर जिद कर रहा है तो किसलिए कर रहा है क्या बात है अगर उसके नजरिए से देखेगें तो हमें सही कारण मिल जाएगा.. और अगर कारण मिल गया तो हल भी मिल जाएगा.. या अगर आप उसकी जगह होते तो क्या करते..
बहुत ध्यान से सुनना है…
बच्चा कह रहा है असल में हम अपने काम अपनी परेशानी मे उलझे रहते हैं और बच्चे की बात हमें गुस्सा दिला देती है और फिर शुरु होता है हमारा गुस्सा और नाराज होना.. इनसे बचने के लिए अपने काम को एक तरफ रख कर बच्चे को ध्यान से सुनें…
मल्टी टाकसिंग से बचें
मान लीजिए आप खाना बना रही है दाल या कडी और उसी समय बच्चा बोलता है मम्मी potty आई और आप गुस्से मे जाती हैं दनदनाती हुई और उसे pot पर बैठाती है बच्चा भी समझ नही पा रहा कि मम्मी को हुआ क्या… ऐसे में उसे पॉटी आती भी नही … और उधर दाल भी लग गई… और उधर potty भी नही आई .. तो ऐसे में एक समय में एक काम करें … गैस बंद कर दीजिए..
या कई बार ऐसा भी होता है हम जरुरी किसी से फोन पर बात कर रहे हैं और बच्चों ने लडाई शुरु कर दी तो बजाय वही से चिल्लाने के चुप हो जाओ… देख नही रहे कि मैं फोन पर बात कर रही हूं आप बोलिए प्लीज मैं आपको एक मिनट में कॉल बैक करती हूं… फिर उनका झगडा शांत करवा दीजिए और बोल भी दीजिए कि मम्मा अब जरुरी बात कर रही हैं प्लीज लडाई मत करना…
Visualize कीजिए ..
कल्पना कीजिए जरा सोचिए कि आपने किस तरह से रिएक्ट किया या आप इसके इलावा यानि आप मार पिटाई के इलावा इसे कैसे सुलझाया जा सकता है.. अगर सोचेगें तो बहुत सारे ऑबशन मिल जाएगें इसलिए जरुरत है सोचने की.. मारा तो क्या होगा और आराम से समझ कर बात की तो क्या होगा …
कोई देख रहा है
जब बहुत गुस्सा आए तो ये सोचिए कि कोई देख रहा है… कोई भी आपका बच्चा या कोई बडा.. घर मे कैमरा लगा है और आपको अच्छे बनना है…
ब्रेक लीजिए…
जैसे मान लीजिए आपको बहुत गुस्सा आ गया और आप बोलिए एक मिनट मैं अभी आई और आप बेशक बाथरुम में चली जाईए वहां खुद को चुप रहने के लिए बोलिए, बेशक लम्बी सास लीजिए और एक स्माईल दीजिए.. फिर बाहर आ जाईए… देखिए शुरु शुरु में समय लगता है पर जब आप इसे आदत बना लेंगें तो दिक्कत नही आएगी.. बोल लीजिए.. खुद से बड बड कर लीजिए … शीशे के सामने खडा होकर..
रोल मॉडल बनना है.
जब भी गुस्सा कर रहे हैं या चिल्ला रहे हैं हम बच्चों को वैसा ही सीखा रहे हैं बच्चा भी वैसे ही रिएक्ट करेगा.. जब बच्चे एक दूसरे को मारते हैं तो हम किस अधिकार से कहते हैं कि मारना बुरी बात है मारना नही चाहिए… मना किस अधिकार से करते है हमे एक एग्जामलप सेट करना चाहिए …
खुद पर विश्वास रखिए..
हर बात पर गुस्से से रिएक्ट करने की बजाय प्यार से रिएक्ट कीजिए.. अपने आप को सिखाईए कि प्यार से ही रिएक्ट करना है…. यही इसका best solution है..
चेहरे पर स्माईल और पॉजीटिव रहिए और बच्चों के साथ खूब एंजाय कीजिए.. ये समय दुबारा नही आएगा…
How to be Patient with Children – क्या करें जब बच्चे तंग करें – Patience कैसे रखें