निराशा कैसे दूर करें – How to Deal with Disappointments – प्रेरक कहानी – Nirasha ko Kaise dur karey – Self Motivation – कल एक जानकर घर आए हुए थे. उनका बेटा 10 क्लास में है … उसने कुछ समय पहले बहुत अच्छी अच्छी कविताएं लिखी थीं और मैंने तब उसे सुझाया भी था कि स्कूल मैगजीन में दो इसे … आज जब वो आए तो उससे पूछा कि और कितनी कविताएं लिखीं ..
निराशा कैसे दूर करें – How to Deal with Disappointments – प्रेरक कहानी
इस पर वो बोला कि नही लिख रहा … अरे !! हैरानी इसलिए हुए कि वो वाकई में अच्छी लिख रहा था … वो बोला कोई बोलता ही नही अच्छी लिखी है कोई appreciate नही करता … तो सोचा कि शायद अच्छी नही लिखता हूंगा शायद इसीलिए … मैंनें उसे समझाया जरुरी नही है कि हर कोई हमारी प्रतिभा को समझे .. अगर कोई नही सोच रहा तो ये उसकी सोच है पर उसकी सोच की वजह से अपनी प्रतिभा को कटघरे में खडा करना सही नही है … बिल्कुल भी पीछे नही हटना चाहिए … चुपचाप मन लगा कर, दिल लगाकर लिखते रहना चाहिए …
वैसे ऐसा ही होता है जब हमें कही से मोटिवेशन नही मिलती, लोगो की negativity मिलती है तो हम demoralize , disappointed हो जाते हैं निराश हो जाते हैं जबकि हमें इन बातों पर ध्यान न देते हुए बस जो सोचा है उस पर बढ़ते रहना चाहिए …
इसी बारे में एक बहुत ही अच्छी प्रेरक कहानी भी है कि
प्रेरक कहानी
एक बार एक सीधे पहाड़ में चढ़ने का competition हुआ बहुत लोगों ने हिस्सा लिया. प्रतियोगिता को देखने वालों की सब जगह भीड़ जमा हो गयी. चढ़ाई बहुत खडी थी यानि मुश्किल थी …जमा हुए लोग यही सोच रहे थे कि ये लोग चढ ही नही पाएगें नामुमकिन है बहुत मुश्किल है … इसलिए चिल्लाने लगे … अरे क्या कर रहे हो लौट आओ … वापिस आ जाओ … कभी भी सीधे पहाड़ पर नहीं चढ़ पाओगे.. सफलता का तो कोई सवाल ही नहीं, भीड़ चिल्लाये जा रही थी, ये नहीं हो सकता, असंभव और वो उत्साहित प्रतियोगी भी ये सुन-सुनकर हताश हो गए और अपना प्रयास धीरे धीरे करके छोड़ने लगे
लेकिन उन्हीं लोगों के बीच एक participant था, जो बार -बार गिरने पर भी उसी जोश के साथ ऊपर पहाड़ पर चढ़ने में लगा हुआ था ….वो लगातार ऊपर की ओर बढ़ता रहा और वह सीधे पहाड़ के ऊपर पहुच गया और इस प्रतियोगिता का विजेता बना. उसकी जीत पर सभी को बड़ा आश्चर्य हुआ, सभी लोग उसे घेर कर खड़े हो गए और पूछने लगे, तुमने ये असंभव काम कैसे कर दिखाया, ये विजय कैसे की ?
किसी ने बोला कि ये बहरा होगा तभी उस व्यक्ति ने कहा हां कि हर नेगेटिव बात के लिए हमेशा मैं बहरा था, बहरा हूँ और बहरा रहूँगा .
वो तो समझ गया था … पर अगर आप के साथ भी कुछ ऐसा हो तो कि कोई मोटिवेट नही कर रहा … आपको समझ नही रहा और नेगेटिव हो रहा है तो बहरे बन जाईए … फिर देखिए
निराशा कैसे दूर करें – How to Deal with Disappointments – प्रेरक कहानी –