हैप्पी दीपावली
दीपावली के पावन पर्व की हार्दिक शुभकामनाए…
हैप्पी दीपावली
दीपावली है तो छुट्टी है छुट्टी है तो मौज मस्ती है… मौज मस्ती है तो धूम धडाका है.दीपावली की बहुत बहुत बधाई और शुभकामनाएं !!
बाजार में भी खूब रौनक छाई हुई है .बेशक, धमाकेदार सेल जनता को आकर्षित कर रही है पर बाजार में जेब कतरों से सावधान रहना.. इसके इलावा चौराहों पर जादू टोना भी बहुत किया होता है उससे भी बच कर रहना बाकी हैप्पी दीपावली.. दुकानों पर मिठाईयां ऐसी सजाई होती हैं कि देखते ही मुहं में पानी आ जाए पर उन्हें खाने से बचना क्योंकि वो मिलावटी हो सकती हैं बाकी हैप्पी दीवाली..
तरह तरह के पटाखे फोडने में बडा मजा आता है पर बच्चों को जरा दूर ही रखना क्योंकि एक तो उनकी आवाज बच्चों के कानों को नुकसान पंहुचा सकती है दूसरा उनके हाथ जल सकते हैं और तीसरा पटाखे बाद जो धुंआ निकलता है उससे सांस लेने में दिक्कत हो सकती है बाकी हैप्पी दीपावली…
हैप्पी दीपावली
अंधविश्वास या आस्था
अंधविश्वास या आस्था
थोडी देर पहले मैं अपनी सहेली मणि से बात कर रही थी कि अचानक उसकी हथेली मे खारिश होने लगी. वो परेशान हो गई और मैं खुश क्योंकि खारिश का मतलब था कि पैसा आएगा.फिर बाते छिड गई छोटे मोटे अंधविश्वासो की. जहां बचपन मे चप्पल उल्टी रखी जाती या चाबी बजाने पर अक्सर डांट पडती थी. वही नमक गिरने या छिपकली के उपर गिरने को अच्छा नही मानते थे.
मंगल या शनिवार को नाखून काटना हो या पीछे से टोकना अच्छा नही माना जाता था. बाहर जाते वक्त अगर सडक पर झाडू लगाता यानि सफाई कर्मचारी यानि जमादार दिख जाता तो शुभ माना जाता पर आजकल कहां इन बातो को मानते हैं बाते करते करते अचानक मुझे छींके आनी शुरु हो गई .
मणि ने कहा कि वो अभी रुमाल ले कर आती है इस पर मैने कहा अरे नही रुमाल लूंगी तो हमारी लडाई हो जाएगी … ह हा हा !! यानि कही न कही हम आज भी इन अंधविश्वासों मे ज्यादा तो नही पर थोडा बहुत जरुर गिरफ्त में हैं !!!
अंधविश्वास या आस्था पर आपके क्या विचार हैं ?? जरुर बताईएगा !!!
धूल और प्रदूषण
धूल और प्रदूषण
अगर आपको ये कार्टून न नजर आए तो कोई हैरानी नही होनी चाहिए क्योकि आज वातावरण ही ऐसा है उसके मिजाज को कोई भी जान नहीं पा रहा . कभी लगता है धूल है कभी लगता है धुंध है तो कभी लगता है शायद कोहरा या बादल ही हैं . सूरज देवता तो बस एक धुंधले गोले जैसे नजर आ रहे हैं
मौसम का हाल बेहाल
समझ से बाहर है कि ये मौसम का परिवर्तन है या जो हम समाज में प्रदूषण नेताओ की अंट शंट बयान बाजी से माहौल खराब हो रहा है उसका असर है सब कुछ धुंधला धुंधला नजर आ रहा है.
दीपावली से पहले अगर ये हाल है तो दीपावली के बाद क्या हाल होगा … सोच कर ही दम फूले जा रहा है
फिलहाल तो बस अगर हैं तो सांस की दिक्कत, आक्छी और सिर दर्द !!
शायद देखने के लिए नजरिया सुधारना होगा !!!
धूल और प्रदूषण
सेना
चुनाव पुराण
चुनाव पुराण
चुनाव आते नही कि नेता हम वोटरो को सिर आखों पर बैठा लेते हैं तरह तरह के प्रलोभन दिए जाते हैं अच्छे दिनों का सपना दिखाया जाता है और जैसे ही चुनाव के चरण समाप्त हुए फिर तू कौन …. शुरु हो जाता है…
अरे भई यही है चुनाव पुराण … सदियों से यही होता आया है … होता आया था और होता रहेगा … !!!
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