Monica Gupta

Writer, Author, Cartoonist, Social Worker, Blogger and a renowned YouTuber

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October 26, 2015 By Monica Gupta

हैप्पी दीपावली – दीपावली की खरीदारी

हैप्पी दीपावली - दीपावली की खरीदारी

हैप्पी दीपावली- दीपावली है तो दीपावली की खरीदारी तो बनती ही है हर तरफ् सेल का बोर्ड लगा है तो मन का ललचाना हो ही जाता है अब ऐसे में क्या हो… महिलाए जहां खुश हो जाती है वही पुरुषों के लिए तनाव हो जाता है क्योकि जेब का सवाल जो होता है…

हैप्पी दीपावली - दीपावली की खरीदारी

हैप्पी दीपावली – दीपावली की खरीदारी

हैप्पी दीपावली – दीपावली की खरीदारी

दीवाली दीवाली, पटाखे पटाखे. दीए दीए, मोमबत्ती मोमबती, लाईटे लाईटे, पूजा पूजा, उपहार उपहार, शापिंग शापिंग,मिठाई मिठाई, लक्ष्मी जी लक्ष्मी जी, खुशी खुशी, मेहमान मेहमान, पताशे पताशे, खील खील, शुभ लाभ शुभ लाभ, छुट्टी छुट्टी, राम राम, कार्ड कार्ड, शुभकामनाएं शुभकामनाएं, डाईटिंग डाईटिंग , फ्लिपलार्ट फ्लिपकार्ट, अमेजन, अमेजन आन लाईन शापिंग, और और और दीपावली पर सफाई!!!

अरे बाप रे !!! सफाई, सफाई, सफाई, सफाई सफाई, सफाई, सफाई, सफाई,सफाई, सफाई, सफाई, सफाई,सफाई, सफाई, सफाई, सफाई, सफाई, सफाई, सफाई, सफाई !!! उफफ !!! दीवाली और सफाई बाकि अब सब भूल गया

 आक्छी आक्छी !!!
फीलिंग …. सफाई अभियान जिंदाबाद बनाम आक्छी !!!

हैप्पी दीपावली ( मोनिका गुप्ता)

दीपावली की कहानी – पांच पर्वों का प्रतीक है दीवाली – Monica Gupta

दूसरे दिन चतुर्दशी को नरक-चौदस मनाया जाता है। इसे छोटी दिवाली भी कहा जाता है। इस दिन एक पुराने दीपक में सरसों का तेल व पाँच अन्न के दाने डाल कर इसे घर की नाली ओर जलाकर रखा जाता है। यह दीपक यम दीपक कहलाता है। एक अन्य दंत-कथा के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण ने इसी दिन नरकासुर राक्षस का वध कर उसके कारागार से 16,000 कन्याओं को मुक्त कराया था। read more at monicagupta.info

दीपावली की रात्रि में टोने-टोटके – दीपावली की सफाई – Monica Gupta

दीपावली की रात्रि में टोने-टोटके – दीपावली की सफाई दीपावली आती नही कि टोने टोटके से ना सिर्फ सडक, चौराहा बल्कि हमारा इंटरनेट भी टोने टोटके की पोस्ट से भर दीपावली की रात्रि में टोने-टोटके – दीपावली की सफाई – Monica Gupta

 

हैप्पी दीपावली

हैप्पी दीपावली दीपावली है तो छुट्टी है छुट्टी है तो मौज मस्ती है… मौज मस्ती है तो धूम धडाका है.दीपावली की बहुत बहुत बधाई और शुभकामनाएं !! बाजार में भी monicagupta.info

पर्यावरण प्रदूषण के कारण – दीवाली पटाखों से प्रदूषण – Monica Gupta

पर्यावरण प्रदूषण के कारण क्या हैं और उसे रोकने के उपाय क्या होने चाहिए. पटाखों का भी प्रदूषण बहुत हो जाता है जिससे सांस लेने में परेशानी होती है. इस समस्या read more at monicagupta.info

 

 

October 25, 2015 By Monica Gupta

Bihar Election

Modi ji by Monica Gupta

Modi ji by Monica Gupta

 

Bihar Election

बिहार इलेक्शन 2015

मेरा प्रिय बिहार
बिहार तो सदा से ही मेरा प्रिय रहा है …  ये  शून्य जरुर नीतीश के लिए ही होगा मेरे  भाईयों बहनों….!!!

अफसोस … चुनाव रोचक हो चले हैं… असल मुद्दे गायब और बे फालतू के मुद्दों को तूल दिया जा रहा है… जोकि अच्छा संकेत नही है…

October 24, 2015 By Monica Gupta

तंत्र मंत्र की राजनीति

तंत्र मंत्र की राजनीति मोनिका गुप्ता

तंत्र मंत्र की राजनीति
मोनिका गुप्ता

 

तंत्र मंत्र की राजनीति

तंत्र मंत्र बहुत मजेदार विषय है और जब पता लगा कि तंत्र मंत्र का ये विषय राजनीति से जुडा है तो स्वाभाविक है रोचक लगना था. जैसे ही टवीटर और न्यूज चैनलों पर वीडियों देखी और सुनी कि नीतीश कुमार जी किसी बाबा से मिल रहे हैं और वो उनके कान मे कुछ कह रहे हैं और लालू जी इस बात पर कह रहे हैं कि सबसे बडे तांत्रिक तो वो खुद है … मैं जुट गई कि इस सोच में कि इस विषय पर कोई कार्टून होना ही चाहिए … सोचते सोचते न्यूज चैनल भी बदल बदल कर देखने लगी… बहस भी हो रही थी अलग अलग चैनलो पर उसी विषय को लेकर … इस सोच मे बाबा का स्कैच बना चुकी थी … और ज्यादा डिटेल में जब खबर सुनी तो बस मन से यही निकला हे भगवान !!


असल में, ये वीडियों एक साल पहले की थी जब नीतीश बाबू चुनाव हार गए थे और जिस मित्र के घर गए वहां से बाबा आए हुए थे जो लालू मुर्दाबाद और नीतीश जिंदाबाद बोल रहे थे… पर ये न्यूज चैनल वाले इस तरह से दिखा रहे थे कि मानों आज की ही खबर हो और हैरानी इस बात की भी थी कि बहस का मुद्दा भी बनाया हुआ था. दिमाग खराब हो गया ये सोच कर कि आखिर चैनल वालो को हो क्या गया है … बाबा बनाए भी परेशान है और कह रहे है कि जंत्र मंत्र तो इन चैनल वालो की करना पडेगा ताकि कुछ अक्ल तो आए !!!

तंत्र मंत्र की राजनीति

October 24, 2015 By Monica Gupta

हिंदी साहित्य और साहित्यकार

सिरसा जनपद

सिरसा जनपद

हिंदी साहित्य और साहित्यकार

हिंदी साहित्य , साहित्यकार और हरियाणा

आज के समय में जहां न्यूज चैनलों ने साहित्यकारों का साहित्य  सम्मान लौटाना सुर्खियों बनाया हुआ हैं वही हरियाणा के सिरसा के साहित्यकार इन सब बातों से दूर  कुछ हट कर दिखाने में जुटे हैं. जिसका ताजा उदाहरण है “सिरसा जनपद की काव्य सम्पदा” नामक किताब .

इस किताब में सिरसा जनपद के 115 लेखकों का परिचय है और दो उनकी दो दो रचनाए. इस किताब के बारे में मैने प्रोफेसर रुप देवगुण जी से बात की तो उन्होने बताया कि कुछ समय पहले राज्य कवि उदय भानु हंस सिरसा आए हुए थे. उन्होने कहा कि हरियाणा के सिरसा में इतने लेखक है ऐसा लगता है मानो सिरसा हरियाणा की साहित्यिक राजधानी है… बस ये बात उनके दिल के कोने मे कही घर कर गई. रुप जी ने सोचा कि “हंस” जी ने बहुत सही कहा बेशक, साहित्यिक राजधानी है सिरसा पर इसे सिद्द कैसे किया जाए और इसी बात को और पुख्ता करने के लिए उन्होनें योजना बनाई कि एक किताब बनाई जाए जिसमें लेखकों का परिचय और उनकी दो दो रचनाओं को सम्मलित किया जाए.
आज उनकी वही सोच पुस्तक रुप मे हमारे सामने हैं. इस पुस्तक को तीन खंडों में बांटा गया है. पहले खंड “स्मृति” में सिरसा के दिवंगत कवि , दूसरे खंड में समकालीन कवि व लेखक तथा तीसरे खंड में “नई कलम“हैं जिन्होनें हाल ही में लेखन आरम्भ किया है.
115 लेखकों की रचनाए और उनका परिचय सिलसिलेवार लिखने में लगभग एक साल का समय लगा. पुस्तक के सम्पादक मंडल में तीन लेखकों ने अपनी भूमिका बहुत अच्छी तरह निभाई.

उनका इस तरह का काम देख कर बेहद खुशी हुई और मैने सोचा कि क्यों ना इसे” लिम्का बुक आफ रिकार्डस” के लिए भेजा जाए. पूरे विश्वास के साथ, मैनें इस किताब के बारे में लिम्का बुक आफ रिकार्डस में विस्तार से जानकारी भेज दी है. रुप जी से पूछ्ने पर कि किताब छपने पर कैसा महसूस हो रहा है उनका कहना था कि टीम ने मिलकर मेहनत की और वो किताब रुप में छ्प कर मेहनत सफल हुई. जिसकी खुशी शब्दों में बयान नही की जा सकती. इस किताब का विमोचन पहली नवम्बर को होगा.

 

हिंदी साहित्य और साहित्यकार

October 20, 2015 By Monica Gupta

हे न्यूज चैनल्स

कार्टून ( मोनिका गुप्ता )

कार्टून ( मोनिका गुप्ता )

  हे न्यूज चैनल्स

 

बचपन में हम एक खेल खेलते थे. गाय उड, चिडिया उड, फल उड, आज शायद यही खेल न्यूज चैनल खेल रहा है. एक खबर बनती है और दूसरी फुर्र करके उड जाती है… किसान आत्महत्या की खबर उड. इंद्राणी उड, रेप उड, विवादित बयान उड, अकादमी सम्मान उड…

कल मणि से बात होते होते बहस में तबदील हो गई. असल में, बात हो रही थी न्यूज चैनल की. जिस तरह से खबरें परोसी जा रही हैं… अंतहीन बहस हो रही है उस का क्या प्रभाव हो रहा है समाज पर. मेरी राय यह थी कि  न्यूज चैनल आतंक फैला रहे है जहां उनकी भूमिका निष्पक्ष होनी चाहिए पर उससे उलट वो टीआरपी बढाने के चक्कर मे कुछ भी परोसे जा रहे हैं जबकि उनके उपर बहुत बडा दायित्व है समाज के प्रति. उसके क्या पूछ्ने पर मैने बताया चाहे हिंदू मुस्लमान के झगडे हो या बडबोले नेताओ के विवादित बयान… अरे !!! जो जरुरी ही नही है वो किसलिए दिखाए जाएं… ना दिखाने की बात तो दूर वो तो तोड मरोड के पेश किए जा रहे हैं फिर उस पर लोगो के टवीट दिखाते हैं और एक घंटा बहस करवाते हैं और नतीजा … गई भैंस पानी में …यानि शून्य…

इस पर उसका कहना था कि कई खबरे जरुरी होती है दिखाना चाहिए कि समाज में क्या क्या हो रहा है  !!! और हिंदू मुस्लमान के झगडे ??? मैने बीच मे ही बात काटी… ये क्या है इससे क्या भला होगा समाज में बल्कि बार बार दिखा कर आपसी नकारात्मकता और हिंसा को ही बढावा मिलेगा… बिल्कुल गलत ट्रैक पर चले गए हैं न्यूज चैनल..बस अपने 24 घंटे पूरे करने हैं जिसमें मार काट, दंगे, विवादित बयान और विज्ञापन ही मकसद रह गया है. एक तरफ कैंसर की बात करेंगें दूसरी तरफ पान मसाला उस  कार्यक्रम को प्रायोजित करता है !!  बहुत उलझा हुआ मसला है ये !!

ऐसा नही था हमारा देश.. !! अचानक मैं इमोशनल हो गई. हिंदू ,मुस्लमान को हमने कभी नही अलग समझा. बचपन मे भी यही पढा था कि भारत में भिन्नता होते हुए भी एकता का देश है और वाकई था … पर जिस तरह से घर वापिसी और बीफ, मार काट के मुद्दे उठे मानों खबरों का पूरा संसार ही बदल गया. बीफ गौ वध सुन सुन कर कान ही पक गए. मेरे एक मित्र बता रहे थे कि आजकल न्यूज चैनल लगाने मे एक डर सा लगने लगा है..पता नही क्या झेलना पड जाए. और तो और साहित्य अकादमी को लेकर सम्मान लौटाने के मुद्दे को भी इन्होने बेवजह बहुत तूल दे दिया और भिडा दिया साहित्यकारों को …!!! राजनीति डाल दी उनके लेखन में !!! बेशक, जिस तरह से साहित्यकारों में अपवाद हैं ठीक वैसे ही न्यूज चैनल्स में भी अपवाद हैं …

पर फिर भी समझ नही आता कि बेसिर पैर की खबरे दिखा कर क्या मकसद पूरा करना चाह्ते हैं.

अरे भई !!!दिखाओ पर दोनो पहलू तो दिखाओ … सकारात्मक दिखाते नही बस नकारात्मकता के पीछे ही पडे हुए हैं. मैं खुद भी दस साल ज़ी न्यूज से जुडी रही हूं पर यकीनन तब इतना बुरा हाल नही था खबरों का…!!! शायद इसलिए कि तब टवीटर और सोशल मीडिया इतना तेज नही था..

आज इंसानियत उड, संवेदनशीलता उड…. गम्भीरता उडन छू हो चली है और बिना किसी निष्कर्ष के हमारी भी बह्स गर्म चाय पर समाप्त हो गई.

ऐसा प्रतीत हो रहा है कि मानों ये न्यूज चैनल रावणी हंसी हंस रहे हों और हम दर्शक सीता के समान हाय राम हाय राम चिल्ला रहे हो … कि आओ हमे इससे बचाओ …!!!( राम लीला का मौसम  है न इसलिए ये डायलाग लिखना जरुरी है)

हे न्यूज चैनल्स जरा रहम करो !!! ईश्वर आपको सदबुधि प्रदान करे!!!

 

 

 

 

October 19, 2015 By Monica Gupta

साहित्य सम्मान

साहित्य सम्मान ( मोनिका गुप्ता)

साहित्य सम्मान ( मोनिका गुप्ता)

      साहित्य सम्मान

साहित्य अकादमी अवार्ड लौटाने का जिम्मा जिस तरह से न्यूज चैनल वालो ने लिया हुआ है वो कमाल है …

हद तो तब हो गई जब वो घर घर घुस कर साहित्य अकादमी सम्मान आन लाईन लाईव लौटाने की बात कर रहे हैं … भई हम तो नही लौटाने वाले ये बात तो पक्का है .

 

BBC

उर्दू के जाने माने शायर मुनव्वर राना ने एक लाइव टीवी कार्यक्रम के दौरान अपना साहित्य अकादमी अवॉर्ड लौटाने का ऐलान किया है.

राना से पहले चालीस से ज़्यादा साहित्यकार अपने साहित्य अकादमी अवॉर्ड लौटा चुके हैं.

बीबीसी संवाददाता दिलनवाज़ पाशा से बात करते हुए मुनव्वर राना ने कहा कि वे ये अवॉर्ड मौजूदा हालात के विरोध में लौटा रहे हैं.

कुछ दिन पहले ही मुनव्वर राना ने फ़ेसबुक पर पोस्ट किया था कि अवॉर्ड लौटाने से हालात नहीं बदलेंगे, साहित्यकारों को अपनी क़लम उठानी होगी.

लेकिन अब अपने अवॉर्ड लौटाने के फ़ैसले का बचाव करते हुए उन्होंने कहा, “लोग ये समझते हैं कि या तो मुनव्वर राना डर गए हैं या बिक गए हैं, अगर मुझे बिकना होता तो मैं चालीस बरस पहले बिक गया होता, अब कौन मेरी क्या क़ीमत देगा. मेरे लिए ये अवॉर्ड बोझ बन गया था. बस वो बोझ उतारा है.” Read more…

वैसे न्यूज चैनल जिस तरह से इन दिनों अपनी भूमिका निभा रहे हैं अत्यंत दुखद है

साहित्य सम्मान

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