नेता बनने की चाह
नेता बनने के गुण भले ही न हो पर चाह हम सभी मे होती है. लाल बत्ती की कार सरकारी बंगला, 24 घंटे सुर्खियों में रहना कितना थ्रिलिंग होता है ना
मणि से बात करते हुए मैनें उससे कहा कि तुम चुनाव के मैदान में आ जाओ. इस पर उसने मुझी से पूछा कि क्या मैं तैयार हू अपना इंटरव्यू देने ले लिए!
मैने कहा अरे नही नही … मैं अपनी नही तुम्हारी बात कर रही हूं इस पर वो बोली कि देखो ना , अगर वो राजनीति मे आ गई तो आजकल मीडिया इतना एक्टिव हो गया है कि अच्छी बाते दरकिनार करके मेरी अन्य बातों को कुरेदने पर ज्यादा ध्यान देगा कि मैं क्या करती हूं कहाँ जाती हूं किससे मिलती हूं किससे कितना झगडा करती हूं. मेरा दोस्त कौन और दुश्मन कौन है
अब उसके सबसे नजदीक मित्र तो वो ही है तो कभी भी कोई बात होगी तो वो अगर न भी अपना साक्षात्कार दे पाए तो वो तुमको बुलाएगें और सारी बातें कुरेद कुरेद कर पूछेगें… मुद्दों पर बहस करने के लिए चैनल पर उसे ही आमंत्रित किया जाएगा. इसलिए अगर मैं हां करु तो वो आ जाएगी राजनीति में.
उफ्फ्फ!!!ये तो सोचा ही नही था.मैने कहा चल चाय पीते है उस बात पर फिर कभी मंथन करेंगें. और हम चाय पीने लगे 🙂
नेता बनने की चाह