भूमाता ब्रिगेड और मीडिया की भूमिका
शनि शिंगणापुर और नासिक के त्र्यंबकेश्वर मंदिर के प्रवेश मे मिली भारी सफलता के बाद तृप्ति देसाई यानि भूमाता ब्रिगेड आज मुम्बई में हाजी अली दरगाह पर प्रवेश पाने के लिए मार्च निकालेगीं. कारण तो पता नही पर जितना समझ आया वो है पहले उस दरगाह पर महिलाओं को पहले जाने की आज्ञा हुआ करती थी पर 2011 से जब से नया ट्रस्ट बना. महिलाओ को रोक है. इस बारे में मैने बहुत महिलाओं से बात करके उनके विचार लिए और कुल मिलाकर यह निष्कर्ष निकाला कि मंदिर, मस्जिद या गुरुद्वारा जैसे पूजा स्थलों पर महिलाओं के लिए रोक नही होनी चाहिए और समान अधिकार मिलने चाहिए पर इसके लिए कानूनी लडाई लडी जाए तो बेहतर है क्योकि अलग अलग जगह जाकर मार्च निकालना और हक के लिए लडना भी सही नही क्योंकि हर बार मीडिया साथ नही देगा…
(तस्वीर गूगल से साभार)
आज भूमाता ब्रिगेड बोल्ड इसलिए भी है क्योकि मीडिया साथ खडा है, लाईव टेलीकास्ट हिम्मत बढाने और लोगो को आकर्षित करने का काम कर रही है..
बेशक, आज मीडिया भूमाता के साथ खडा है पर धीरे धीरे न्यूज चैनल भी ऐसी खबरों से बोर हो जाएगें और ये खबर भी ब्रेकिंग न्यूज की बजाय तेज रफ्तार खबरों में आखिरी खबर में कही दब कर रह जाएगी और आज जैसे रेप या महिलाओं से बदसलूकी जैसी की धटनाए आखिरी पेज पर ही बामुश्किल छोटी सी जगह बना पाती है कही ऐसा न हो कि मीडिया भी अपने कदम खींच ले फिर आपका जाना न जाना कोई महत्ता नही रखेगा इसलिए बेहतर यही है कि जब तक आप मीडिया को खींच सकती हैं उसमें गम्भीर मुद्दे जैसे महिला असुरक्षा, रेप , सुस्त न्याय प्रणाली महिला हक आदि को लेकर आवाज बुलंद करिए ताकि पूरे देश की महिलाए एक जुट होकर आए और समाज में एक बदलाव ला सकें
इससे पहले शनि शिंगणापुर, और नासिक के त्र्यंबकेश्वर मंदिर के गर्भ गृह में पूजा-अर्चना कर चुकी हैं जोकि निसन्देह एक अच्छी पहल है पर पहनावे को लेकर अगर मार्च निकाला जाता है तो मैं उसके पक्ष में में नही हूं क्योकि हर पूजा स्थल की अपनी गरिमा अपने नियम कानून होते हैं और हमें उनका पालन करना चाहिए.
conflict over ban on womens in haji ali dargah 13937147
नई दिल्ली। मुंबई में हाजी लगी दरगाह के गर्भग्रह में महिलाओं के प्रवेश की इजाजत को लेकर तृप्ति देसाई और हाजी अली ट्रस्ट के लोगों के बीच विवाद खड़ा हो गया है। दरगाह मैनेजमेंट का कहना है कि शरिया कानून के मुताबिक महिलाओं का कब्रों पर जाना गैर इस्लामी है, हालांकि साल 2011 तक महिलाएं हाजी अली दरगाह में प्रवेश करती रहीं हैं लेकिन 2011 के बाद से दरगाह में महिलाओं के प्रवेश पर रोक लगा दी गई थी। यही नहीं मुंबई में 20 में से 7 दरगाहों पर महिलाओं का प्रवेश प्रतिबंधित है। जिस हाजी अली दरगाह पर प्रवेश को लेकर विवाद हो रहा है आइए हम आपको उसका इतिहास बताते हैं।
छोटे से टापू पर बनी है हाजी अली की दरगाह
Will throw ink if Tripti Desai enters Haji Ali – Navbharat Times
अंधविश्वास , महिलाएं हमारा समाज और विवादित बयान जरुर पढिएगा
फिलहाल मीडिया की नजर है भूमाता पर और हमारी भी ….