स्कूली बच्चे और शारीरिक दंड
मुर्गा बनाना मना है … कुछ देर पहले मेरी सहेली मणि का फोन आया वो खुशी खुशी बता रही थी कि आज 30 साल के बाद उसे वो टीचर मिली जो स्कूल में उसकी बहुत पिटाई करती थी. उन्हे देख कर और मिलकर बहुत अच्छा लगा. आज वो जो भी है उन्ही की वजह से है क्योकि ना स्कूल में वो पिटाई करती न वो पढाई मे ध्यान लगाती और ना वो फर्स्ट डिवीजन में पास होती … !! वाकई मॆंं, थोडी बहुत सख्ती और डर जरुरी होता है मुझे भी याद आ गया जब क्लास में बोलने और गणित में सवाल हल न करने पर क्लास से बाहर दोनो हाथ उपर खडा होने की सजा मिलती और फिर वो सवाल ऐसा याद हुए … ऐसे याद हुए कि जिंदगी भर नही भूले … मैं सोच ही रही थी तभी अखबार में एक खबर पर नजर गई कि अगर बच्चे को मुर्गा बनाया तो टीचर को होगी 3 महीने की जेल और एक लाख रुपया जुर्माना …
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जस्टिस जुवनाइल एक्ट में हाल में ही संशोधन किया है। देश में जेजे एक्ट यानि जस्टिस जुवनाइल एक्ट को लागू हुए कई साल हो गए, लेकिन अब इसमें कई बदलाव कर नए सेक्शनों को शामिल किया है। सेक्शन 77 के तहत अध्यापक स्कूल में बच्चे को किसी तरह की सजा देता है और बच्चा उसकी शिकायत खुद जुवनाइल अदालत या जिला प्रोबेशन अधिकारी के माध्यम से अदालत में याचिका दायर करता है तो सजा व जुर्माना दोनों हो सकते हैं….. read more at bhaskar.com
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कई बार देखने में आया है कि विद्यार्थी सजा से इतने भयभीत हो जाते हैं कि काफी दिनों तक विद्यालय जाने की हिम्मत नहीं जुटा पाते। मनोविज्ञानियों के अनुसार शारीरिक दंड का बच्चों के दिल और दिमाग पर गहरा असर पड़ता है। हीन भावना से ग्रस्त बच्चे इसी वजह से पढ़ाई में पिछड़ जाते हैं। कई बच्चे आत्महत्या जैसा कदम उठाने को मजबूर हो जाते हैं, जिसे देखते हुए किशोर न्याय अधिनियम-2015 लागू किया है। बच्चों या अभिभावक की शिकायत पर पुलिस को संबंधित शिक्षक के खिलाफ मामला दर्ज करना होगा। क्रूरता बरती तो 10 साल की सजा ‘आरटीई की धारा 17 के अनुसार शिक्षक द्वारा बच्चे को प्रताडि़त करने और जांच में सही पाए जाने पर कड़ी सजा का प्रावधान है। धारा 82 (1) में अनुशासन सिखाने के नाम पर यदि बच्चे जान-बूझकर शारीरिक दंड दिया गया तो पहली बार दोष सिद्ध होने पर 10 हजार रुपए जुर्माना, दूसरी बार में तीन माह की सजा तथा धारा 82 (2) में दोषी शिक्षक को बर्खास्त करने का प्रावधान है।Ó धारा 75 के तहत बच्चे के साथ शारीरिक दंड के नाम यह क्रूरता बरती गई तो आरोपित के खिलाफ 10 वर्ष तक की सजा पांच लाख रुपए जुर्माने का प्रावधान भी है। read more at rajasthannews.net
इतना ही नही सेक्शन 75 के तहत अगर घर पर माता पिता बच्चे के साथ मारपीट या अभद्र भाषा बोलते हैं तो उन्हें भी 3 साल जेल और 1 लाख रुपया जुर्माना हो सकता है..
चाहे स्कूल हो या घर बच्चे में थोडा डर तो रहना ही चाहिए पर अब बच्चा बिल्कुल बेखौफ हो जाएगा जोकि कही न कही सही नही भी है वैसे आपका इस बारे मे क्या विचार है जरुर बताईएगा …