Spend Time With Your Children – Parent Child Relationship – बच्चों के संग समय बिताएं – Time is the most valuable thing a man can spend. परिवार को समय देना कितना जरुरी है … जब परिवार को समय देने की बात आती है तो हम अक्सर कहते मिल जाते हैं कि परिवार के साथ तो सारा दिन ही रहते हैं या उन्ही के लिए तो कमा रहे हैं … क्या उतना काफी नही है … वहीं कुछ कहते हैं कि भई तो समय देते हैं बाहर धूमने भी जाते हैं … पर क्या वाकई … हम समय देते हैं ?? spend time with your children
Spend Time With Your Children – Parent Child Relationship – बच्चों के संग समय बिताएं
बात कुछ दिन पहले की है
जब एक जानकर अपने परिवार के साथ हिल स्टेशल पर धूमने गए हुए थे और खूब सारी फोटो अपलोड की हुई थी फेसबुक पर और साथ ही साथ लाईव भी चल रहा था.. जहां जा रहे थे वहां की फोटो डाल रहे थे … उनके दोस्त भी कमेंटस लिख रहे थे और वो भी जवाब दे रहे थे …तीन दिन बाद जब वो वापिस आए और मेरा उनसे मिलना हुआ तो उनका बेटा जो दस 11 साल का मैंने पूछा कि कैसा लगा हिल स्टेशन … वो बोला एकदम बोर … अब मैं कभी नही जाऊंगा पापा मम्मी के साथ …
मेरे हैरानी से पूछ्ने पर उसने बताया कि सारा समय फेसबुक पर ही लगे रहे फोटो डालते रहे … लाईव वीडियो बनाते रहे … फिर हर किसी के कमेंट का जवाब भी देते रहे … बहुत बोर हुआ मैं …
इससे अच्छा तो जाता ही नही …
हैरानी इस बात की हुई कि पैरेंटस अपनी गलती मानने की बजाय उल्टा बेटे को गुस्सा करने लगे … कि आगे तो हमें भी नही जाना … एक तो इतने पसे खर्च करके घुमाने ले जाओ और ऊपर से सुनो भी … बच्चा गुस्सा होकर अंदर कमरे में चला गया… मैं भी चुपचाप घर लौट आ
और मुझे एक अपने मित्र की याद आई वो शाम को जब भी घर जाते हैं मोबाइल स्विच ऑफ कर देते है … जो बहुत खास है जिन्हें उनके घर का नम्बर पता है वो तो बात कर लेते हैं बाकि दूसरे नही … वो इसलिए कि उनका कहना है कि परिवार की तरफ ध्यान मेरा मेरी प्रमुखता है … उनही के लिए कमा रहे हैं तो उनके लिए समय तो निकालना ही निकालना है और आज जब भी बच्चों के साथ मिलते हैं ऐसा लगता है कि वो चारो दोस्त है … उनके दो बच्चे हैं भाई बहन … तो जरुरत इस बात की है कि हम अपने परिवार के साथ समय बिताए …
जितना मिले उसी में … देखिए हम सभी जानते हैं आज सभी बहुत बिजी हैं इसलिए दिन में बेशक दस या 15 मिनट ही सही जरुर समय बिताना चाहिए.. ब्रेक फास्ट या लंच में तो सम्भव नही पर डिनर पर तो समय निकाल ही सकते है
या फिर डिनर से पहले …
आपके सुविधा अनुसार … वीकेंड पर परिवार के साथ घूमने जा सकते हैं पर पर मोबाईल का विशेष ख्याल रखें उसे एक हद में रह कर ही इस्तेमाल करें तो अच्छा रहेगा …
अब बात आती है कि फायदा क्या होगा परिवार के साथ समय बिताने से क्या लाभ होगा …
देखिए पैरेंटस अपने बच्चों को एक अच्छा भविष्य देना चाह्ते हैं अच्छा इंसान बनाना चाह्ते हैं
समय देंगें तो बच्चेंं अपने अनुभव अच्छी बुरी बातें शेयर करेंगें … देखिए अगर हम बच्चों के साथ नियमित समय बिताएगें तो बच्चे भी खुल कर अपनी बात शेयर करेंगें उससे उनके माईनस या प्लस पोईंट सामने आयेगें और उनकी हैजीटेशन खुल जाएगी ..तो पैरेंटस का समय उन्हें एक बहुत अच्छा इंसान बना सकता है … क्योकि जितना अच्छा वो बच्चे के बारें मे सोच सकते हैं उतना कोई नही सोच सकता …
और एक अच्छी बात ये कि स्ट्रेस हॉर्मोन्स का स्तर कम होता है … शोधकर्ताओं से पता चला है कि परिवार के लोगो का एक साथ बैठ कर बात करने से स्ट्रेस हॉर्मोन का स्तर कम हो जाता है और हैप्पीनैस वाले कैमिकल का स्तर बढ जाता है
खाने की आदत में बदलाव होगा एक सर्वे के मुताबिक लोगों का मानना है कि परिवार के साथ समय बिताने वालों की लाइफ़स्टाइल अधिक सेहतमंद होती है। उनमें पोषक तत्वों से भरपूर भोजन करने की आदत का विकास होता है।
संकोची नहीं बनेंगे
हमारी नेचर में सुधार होता है… मानसिक सेहत अधिक बेहतर होती है.. खुल कर बात करेंगें
बच्चा आपको और आप बच्चे को अच्छा समझ सकेंगें … कुछ मदर्स सोच रही होगी क हम तो देते ही हैं क्ववालिटी टाईम सारा दिन घर पर ही रहते हैं … पर ऐसा टाईम नही बल्कि ऐसा टाईम जब आप और बच्चे ही हों न टी न मोबाईल न कोई और ऐसा करने पर आप बच्चों में छिपी खास बात या टेलेंट को भी परख पाएगें … और उन्हें उत्साहित कर पाएग़ें …
कई बार नेट पर भी बहुत अच्छा कुछ पढने को मिल जाता है..
एक मदर पार्टी में जाने के लिए तैयार हो रही थी बहुत छोटी सी बच्ची ने अपनी मम्मी से पूछा, “क्या वो कभी अपना रुपयों से भरा पर्स maid के पास छोड सकती हैं”. मम्मी ने लिपस्टिक लगाते हुए बोला पर्स और maid के पास !!! बिल्कुल नही! मतलब ही नही! सवाल ही नही! फिर बच्ची ने बहुत मासूमियत से पूछा, ” फिर “मुझे” maid के पास कैसे छोड सकती हो!!
जरुर सोचिएगा इस बारे में… वैसे आपके क्या विचार हैं इस बारे में जरुर बातईएगा आपके कमेंटस का इंतजार हमेशा ही रहता है…
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बेवक़्त अगर जाऊँगा, सब चौंक पड़ेंगे इक उम्र हुई दिन में कभी घर नहीं देखा.
ये पक्तियां बताती हैं हमारी व्यस्तता को कि हम कितने व्यस्त हैं .. पर निकलिए … अपने बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए …
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