सास बहू का रिश्ता कैसा हो – Saas Bahu Relationship – सास बहु की लड़ाई – सास बहू का रिश्ता कैसे सही हो. अगर आप ये सोच रहे हैं कि मैं आठ दस टिप्स बताऊंगी और आपके रिश्ते में प्यार भर जाएगा.. तो ऐसा कुछ नही है और अगर आप ये सोच रहे हैं कि मैं बहू की साईड हू या सास की साईड हूं तो कुछ भी कहने से पहले मैं बता दूं कि ना मैं बहू की साईड हूं और न सास के… मैं दोनों के साथ हूं और दोनो को सही ठहरा रही हूं दोनो ही बहुत अच्छी हैं…
सास बहू का रिश्ता कैसा हो – Saas Bahu Relationship
बस कई बार ego के चक्कर में बहुत छोटी छोटी बातों को बडा कर देती हैं…
या इधर उधर बात करके बात बिगाड देती हैं
या फिर कई बार किसी दूसरे की बात में आ जाती हैं
जबकि आमने सामने बैठ कर खुल कर बात करें तो हल भी जरुर निकल आएगा.
चलिए एक कहानी सुनाती हूं. ये कहानी नेट पर पढी..
एक लडकी की शादी हुई और वो नए घर आ गई. पर उसने लगने लगा कि उस की अपनी सास के साथ नही बैठ रही.. वो पुराने ख्याल की .. उनकी सोच पुरानी … सूट नही पहनने देना.. कुछ समय बाद जब वो घर गई तो पापा से बोली कि मुझे वो जरा भी पसंद नही मन करता है उन्हें मार दूं .. पापा डाक्टर थे बोले मार देगी तो तू भी तो जेल चली जाएगी …
तो क्या करुं … इस पर उसके पापा कहते हैं कि एक काम करता हूं एक दवाई बना कर देता हू तू उसे हर रोज खाने में मिलाकर खिलाना 6 महीने तक … दवाई असर करेगी और वो मर जाएगी लोग समझेंगे कि वह स्वाभाविक मौत मर गई. और तुझ पर शक भी नही जाएगा…
वो खुश हो गई पर उसके पापा ने बोला कि एक काम ये करना कि आज के बाद से 6 महीने तक सास से अच्छा व्यवाहर रखना न लडना न झगड़ना , प्यार से बात करना न पलट कर जवाब देना… ताकि शक न जाए किसी को बोलो कर पाओगी ये सब ?
लडकी ने सोचा, छ: महीने अरे बाप रे … फिर सोचा कि चलो 6 ही महीनों की ही तो बात है, फिर तो छुटकारा मिल ही जाएगा.
उसने पिता की बात मान ली और दवाई की पुडिया लेकर ससुराल चली आई.
ससुराल आते ही अगले ही दिन से उसने सास के भोजन में एक दवाई मिलाना शुरू कर दिया
साथ ही सास के प्रति अपना बर्ताव भी बदल लिया. अब वह सास के किसी भी ताने का जवाब नहीं देती बल्कि गुस्सा पीकर मुस्कुराते हुए सुन लेती
रोज़ उसके पैर दबाती और उसकी हर बात का ख़याल रखती
सास से पूछ-पूछ कर उसकी पसंद का खाना बनाती, उसकी हर आज्ञा का पालन करती….
2 महीने बीतते सास के स्वभाव में भी परिवर्तन आना शुरू हो गया. जब बहू नही बोलती तो सास भी चुप हो जाती … अब तो कई बार वो उसे आशीर्वाद भी देने लगी …
धीरे-धीरे चार महीने बीत गए. दवाई वो बिना नागा दे रही थी…
किन्तु उस घर का माहौल अब एकदम से बदल चुका था. अब तो सास दस जगह जा कर बहू की तारीफ ही करती … और बहू को भी उनके अपनी मम्मी दिखाई देने लगी…
अब शुरु हो गया दवाई का पांचवा महीना … बहू को तनाव हो गया कि जो वो द्वाई दे रही है उससे उसकी सास कुछ ही दिनों में मर जाएगी
इसी तनाव में एक बार फिर वो अपने पापा के घर और बोली पापा मुझे उस दवाई के असर को ख़त्म करने की दवा दीजिये क्योंकि अब मैं अपनी सास को मारना नहीं चाहती … !
वो बहुत अच्छी हैं और अब मैं उन्हें अपनी माँ की तरह चाहने लगी हूँ!
पापा बोले कि दवाई तो अपना असर दिखाएगी ही .. विटामिन जो दिए थे … फिर पापा ने बताया कि हां, उन्हें विटामिन दिए थे…
तो इस रिश्ते में समझदारी से काम लेने की जरुर है… सास बहू दोनो अच्छी होती हैं पर एक बात जरुर जहन में रखनी चाहिए कि ताली एक हाथ से नही बजती कहीं न कही जाने अनजाने कुछ न कुछ ऐसा हो जाता है कि झगड़ा हो ही जाता है… पर प्यार और संयम से जीता जा सकता है…
जो झुक सकता है वो पूरी दुनिया को झुका भी सकता है… वैसे आप क्या सोचते हैं इस बारे में
सास बहू का रिश्ता कैसा हो – Saas Bahu Relationship