बच्चे और कार्टून चैनल
बहुत सारे बच्चे पार्क में खेलते हुए बतिया रहे थे कुछ स्कूल की तो कुछ होम वर्क की बाते कर रहे थे और एक बच्चों का समूह शायद थक हार कर बैठ गया था और उनके बीच शुरु हो गया कार्टून का वार्तालाप. सभी अपनी अपनी पसंद के कार्टून बता रहे थे. किसी को डेक्स्टर किसी को पावर पफ गर्ल तो किसी क शिन चैन पसंद है…
शिन चैन का नाम लेते ही मुझे याद आया कि कुछ दिनों पहले जब शिन चैन देख अतो उसकी शब्दावली ऐसी थी कि अगर बच्चे बोले तो …. अच्छा नही लगेगा. वैसे एक ये भी महसूस की कि अगर कोई मूवी डब हो हिंदी में या कार्टून हिंदी मे डब हो तो भाषा बहुत गंदी इस्तेमाल करते हैं जबकि आम बोल चाल मॆं ऐसा नही होता.
इसी की कुछ और बाते सर्च करने के लिए मैनें पर देखा.
आजकल कार्टून की दुनिया भी अपनी सोच और हास्य में बॉलीवुड फ़िल्मों की तरह हो गई है. फ़िल्मों पर ‘क़ैंची’ चलनी तो आम बात थी ही अब बच्चों के कार्टूनों पर भी क़ैंची लगने लगी है.
BBC
आजकल कार्टून की दुनिया भी अपनी सोच और हास्य में बॉलीवुड फ़िल्मों की तरह हो गई है. फ़िल्मों पर ‘क़ैंची’ चलनी तो आम बात थी ही अब बच्चों के कार्टूनों पर भी क़ैंची लगने लगी है.
जिन कार्टूनों को देखकर बच्चे हँसते हैं, ख़ुश होते हैं उन पर भी ‘कैंची’ चलने का दौर शुरू हो गया है.
भारत में पिछले एक दशक में ‘जापानी’ कार्टूनों ने अपना दबदबा बनाया है. जो बच्चे ‘टॉम एंड जेरी’ और ‘टेलस्पिन’ जैसे कार्टून देखा करते थे. वहीँ आज ‘डोरेमोन’, ‘शिनचैन’ जैसे कार्टून चरित्रों के दीवाने हैं.
बी.सी.सी.सी, यानि ‘ब्राडकास्टिंग कंटेंट कम्प्लेंट्स काउंसिल’ एक संस्था है. यहां टेलीविज़न पर दिखाए जा रहे कार्यक्रम के ‘आपत्तिजनक’ दृश्यों के विरोध में कोई भी शिकायत दर्ज करा सकता है.
हाल ही में बी.सी.सी.सी में बहुत से माता पिता ने शिकायतें दर्ज कीं. इन शिकायतों में कहा गया कि कार्टून चैनल ‘अनुचित’ दृश्य दिखा रहे हैं. बी.सी.सी.सी ने तुरंत इन कार्टून चैनलों को हिदायत दी की वे ऐसा कोई दृश्य न दिखाए जो बच्चों के लिए ठीक न हों.
अब कार्टून चैनल आपत्तिजनक दृश्यों को हटा कर उन्हें बिलकुल ही नए रूप में ढाल रहे हैं.
डबिंग इंडस्ट्री के निर्देशक या क्रिएटिव एक्सपर्ट ऐसे कार्टूनों पर अपनी पैनी नज़रें जमाए रखते हैं. उन्हें बदल कर वे ऐसे कार्टून तैयार करते हैं जिसके चाहने वाले देश भर के बच्चे होते हैं.
कार्टून किरदारों को डब करते वक़्त छोटी मोटी तब्दीलियाँ अक्सर हर विदेशी कार्टून और प्रोग्राम में करनी पड़ती है. क्योंकि उनके विचार स्थानीय दर्शकों के विचारों से मेल नहीं खाते.
पर कई बार कार्टून की तब्दीलियाँ काफ़ी अजीब और मज़ेदार होती हैं.
अलका शर्मा अरसे से शिनचैन की आवाज़ रही. ‘शिनचैन’ जापानी कार्टून है. वह एक पांच साल का बच्चा है और अपने माता पिता और बहन के साथ रहता है.
शिनचैन बेहद नटखट किरदार है और बच्चों में ख़ासा लोकप्रिय है.See more…
amitabh bachchan to play superhero cartoon in tv series: :
एक सूत्र ने कहा कि 72 साल के महानायक ने ‘एस्ट्रा फोर्स’ कार्टून के लिए एंटरटेनमेंट कंपनी ग्राफिक इंडिया और डिजनी से हाथ मिलाया है. इस सुपरहीरो की रचना अमिताभ और ग्राफिक इंडिया के सीईओ और सहसंस्थापक शरद देवराजन को करनी है. अमिताभ बच्चन के सुपरहीरो अवतार वाली इस काटूर्न सीरीज को डिजनी चैनल लॉन्च करेगा. यह कार्टून हंसी-मजाक, मारधाड़ , रोमांच और रहस्य से भरपूर बताया गया है.
अमिताभ छोटे पर्दे पर इससे पहले रियलिटी शो ‘कौन बनेगा करोड़पति’ के सूत्रधार के रूप में और धारावाहिक ‘युद्ध’ में मुख्य भूमिका में नजर आ चुके हैं. Read more…
कार्टून साफ सुथरी हों प्रेरक हों तो बहुत कुछ हम इनसे सीख सकते हैं जैसाकि बचपन में हम अमर चित्र कथा पढ कर सीखते थे. अगर सुधार नही होगा हर बच्चा बहुत शान से शीन चैन जैसे किरदार बोलता नजर आएगा और हमारी आखॆ शर्म से झुकती चली जाएगी …
वैसे आपके क्या विचार हैं इस बारे में …