Monica Gupta

Writer, Author, Cartoonist, Social Worker, Blogger and a renowned YouTuber

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June 19, 2015 By Monica Gupta

Dreaming

Dreaming
सैर सपनों की दुनिया की …. आईए !! आज आपको सपनो की दुनिया की सैर करवाते हैं. सपनों की दुनिया का यह शहर किसी अजूबे से कम नही है. यहाँ आकर कभी हम बच्चे बन जाते हैं तो कभी बूढे. कभी नेता बन जाते हैं तो कभी हीरो बन कर जनता को ओटोग्राफ दे रहे होते है. कुल मिलाकर इस दुनिया मे आने पर हम कोई भी रुप धारण कर सकते हैं या कुछ भी अनहोनी होते देख सकते हैं.
सपनो की इस लाजवाब दुनिया के सफर मे सबसे पहले हमे अनु मिली. 40 साल की अनु सर्विस करती हैं और दिन भर बहुत व्यस्त रहती है. जाहिर है कि घर पहुंच कर बिस्तर पर जाते ही नींद की आगोश मे चली जाती होगी. अनु ने भी मुस्कुराते हुए बताया कि यकीनन उन्हें लेटते ही नींद आ जाती है और फिर Dreaming…

वैसे तो ज्यादातर सपने उठने के साथ ही भूल जाते हैं पर एक सपना है जो उसे अभी भी अक्सर दिखाई देता है. सपना है कि वो स्कूल की परीक्षा देने जा रही है और देर हो गई है. पेपर शुरु हो चुका है और वो घबराहट के मारे रोने लगती है तो उन्हे परीक्षा मे बैठने की इजाजत मिल जाती है पर समय कम होने की वजह से घबराहट मे उनकी स्याही की दवात गिर जाती है और सारी उत्तर पुस्तिका खराब हो जाती है. जब उनकी नींद खुलती है तो पसीने पसीने होती है. खुद को संयत करने मे उन्हे थोडा समय लग जाता है पर फिर खुद पर हंसी आती आती है कि इस उम्र मे ऐसे सपने कैसे आ जाते है.
सपनो की ही दुनिया मे एक और पति पत्नी कुसुम और विनोद का जोडा मिला. जोकि दस साल से विवाहित हैं. सपने की बात सुन कर दोनो मुस्कुराने लगे. कुसुम ने बताया कि पिछ्ले दो चार बार से उनकी आखं खुलती है रात को पति के चिल्लाने की वजह से. वो सोते सोते हाय, हाय बचाओ, बोल रहे होते हैं. कई बार तो उन्होने ध्यान ही नही दिया क्योकि वो खुद भी नींद मे होती थी सुबह उठ कर जब इस बारे मे बात करते तब विनोद को याद भी नही रहता कि वो किस वजह से चिल्लाए थे. खैर, एक रात विनोद के चिल्लाते समय कुसुम की आखं खुल गई. उन्होने तुरंत अपने पति को उठाया पहले तो वो गहरी नींद मे थे पर कुछ पल बाद उन्होने नींद मे ही बताया कि वो एक सूनसान रास्ते मे जा रहे थे और अचानक कोई बुढिया आकर उनका बैग खिंचने लगी. इसलिए वो डर के मारे चिल्ला रहे हैं. बताते बताते वो फिर से सो गए. बात बता कर कुसुम हंसने लगी तो पति महोदय ने कहा कि अपनी बात भी तो बताओ जब एक बार तुम भी चीखी थी. इस पर कुसुम ने तुनक के कहा कि शायद वही बुढिया उनके सपने मे भी आ गई थी.
इससे पहले की उनकी नोक झोंक और आगे बढती. हमने ही आगे बढने मे अपनी भलाई समझी. सपनो की दुनिया मे आगे हमे मिली 10 साल की मणि. मणि ने बताया कि बहुत सपने आते है. सपने मे कभी वो स्टेज पर गाना गा रही होती है तो कभी क्लास मे फर्स्ट आती है तो कभी दोस्तो के साथ जंगल मे खेल रही होती है. पर एक सपना भुलाए नही भूलता वो है कि एक रात वो सो रही है. कमरे मे घना अंधेरा है. अचानक दो तीन चोर आ गए. उसकी आंख खुल गई और वो डर के मारे पलंग के नीचे छिप गई. चोर वही घूम रहे हैं. वो चिल्लाना चाह रही है पर उसकी आवाज ही नही निकल रही. वो पूरे जोर के साथ मम्मी, पापा…!! चोर आए हैं चिल्लाए जा रही है पर मानो वो गूंगी हो चुकी है. उफ!! और जब आखं खुली तो इतनी राहत मिली कि बस!! बहुत डरावना सपना था वो. यह सपना शायद जिंदगी भर नही भूलेगा.
सपनो की दुनिया मे और आगे बढे तो 20 वर्ष की नाव्या मिली. उनसे पूछा तो एकदम से खुश होकर बोली कि सपने मे वो मिस इंडिया चुनी गई और अमिताभ बच्चन जी ने उन्हे क्राउन पहनाया. इतना ही नही रणबीर कपूर के साथ उन्होने फिल्म भी साईन की. शूटिंग भी शुरु हो गई थी. सब कुछ इतना अच्छा चल रहा था सब लोग उसके काम की उसकी खूबसूरती की इतनी तारीफ कर रहे थे कि उसी समय अलार्म बजा और वो गहरी नींद से जाग गई. बताते बताते वो उदास हो गई.
उनको शुभकामनाए देते हुए हम आगे बढे तो सामने से 30 वर्ष की दर्शना चली आ रही थी. उन्होने बताया कि बचपन मे एक सपना बहुत आता था. उनके घर के ड्राईंग रुम मे शो केस मे बहुत बडी गुडिया थी. कई बार उन्हे रात को सपना आता अब पता नही कि वो सपना था या सच्चाई थी कि वो गुडिया शो केस से बाहर निकलती और पूरे घर का चक्कर लगाकर वापिस शो केस मे चली जाती. सुबह उठ कर जब वो उस शो केस वाली गुडिया को देखती तो उन्हे लगता कि वो उन्हे देखकर मुस्कुरा रही है. यह सब देख कर उन्हे बहुत डर लगता पर उन्होने अपनी मम्मी को यह बात कभी नही बताई कि कभी उनका मजाक की ना बन जाए. अरे बाप रे! उनका सपना या हकीकत जो भी थी सुनकर तो हम भी डर गए और वहां से खिसकने मे ही भलाई समझी.
Dreaming ….  45 वर्ष की सुनीता मिली. सुनीता ने जो बताया वो भी काफी हैरान कर देने वाला था. उन्होने बताया कि करीब 4-5 साल पहले की बाता है. रात को जब वो सो रही थे तो सपने मे उनके स्वर्गवासी पिता नजर आए. वो गेट के बाहर हाथ मे कोई तोहफा लिए खडे थे.सुनीता ने बताया कि उन्हे देख कर वो बाहर आई उनसे वो तोफहा लिया और गले मिल कर बहुत रोई. फिर अचानक आखं खुल गई. अगले दिन उन्हे खबर मिली कि जो जायदाद का जो काम इतने सालो से अटक रहा था. वो फैसला उनके हक मे रहा और वो जीत गए. बताते बताते सुनीता भावुक हो गई.

Dreaming
सपने की दुनिया मे ऐसे और भी बहुत लोगो से मिले और उन्होने बहुत बाते शेयर की.कोई कहता सुबह का सपना सच होता है तो कोई कहता कि किसी मरे हुए इंसान को देख लो तो उसकी उम्र बढती है.किसी ने बताया कि सपने मे मोटी गाय को देखो तो फायदा और पतली गाय को देखो तो नुकसान होता है. सपने मे कोई बडी इमारत देख लो तो भाग्य उदय होता है इत्यादि इत्यादि!!सच, सपनो की दुनिया ही निराली है.
वैसे इस बात मे भी कोई दो राय नही कि सपने में सपने जैसा कुछ लगता ही नही. बिलकुल ऐसा महसूस होता है जैसे यह सचमुच में घटित हो रहा है. कोई हमेशा हमेशा के लिए इसी दुनिया मे रहना चाह्ता है तो कोई इससे तुरंत बाहर निकलना चाह्ता है. दुनिया भर के अनेकों मनोवैज्ञानिको ने भी सपने की इस दुनिया में झाँकने की कोशिश की, लेकिन इस रहस्यमयी दुनिया को जितना भी समझने की कोशिश की उतनी ही यह उलझाती रही.
इसी बारे मे जब हमने जाने माने मनोचिकित्सक से बात की तो उन्होने बताया कि सपने आना एक सहज प्रक्रिया है. अब सपने किस तरह के आते हैं ये हमारे मन पर निर्भर करता है. असल मे, कोई ना कोई बात हमारे दिलो दिमाग मे कही दब कर बैठी होती है जिसका हमे पता भी नही चलता और देर सवेर कभी ना कभी हमे सपने के रुप मे दिखाई दे जाती है.
जाने माने मनोविश्लेषक सिग्मंड फ्रायड के अनुसार हम अपनी अतृप्त एवं अधूरी इच्छाओं की पूर्ति सपनो के माध्यम से करते है. कोई जो भी कहे पर सपनों का संसार वाकई मे अनूठा, अदभुत और आश्चर्यजनक है … 🙂

Dreaming

dreaming photo 5 Astro tips to overcome bad, horrible dreams-5

अक्सर हमें नींद में सपने आते हैं। कई बार ये सपने इतने डरावने होते हैं कि आंखें खुल जाती हैं और हम डर से पसीने-पसीने हो जाते हैं। इन सपनों में कई बार हम परेशान बच्चे, भटकती आत्माएं, जंगली जानवर, अंधेरे रास्ते या किसी खतरनाक संकट को देखते हैं जिससे हमें भयंकर डर लगने लगता है। ज्योतिष के कुछ साधारण से उपाय करके आप इन डरावने सपनों से बच सकते हैं।

प्रतिदिन रात को सोते समय हनुमान चालीसा का एक बार पाठ करके सोएं, आपको बुरे सपने आना बंद हो जाएंगे।

यदि रात में किसी भी तरह का डर लगता हो तो अपने सिरहाने के नीचे एक पीपल की जड़ तथा उसकी टहनी का छोटा सा टुकड़ा रखें। ये दोनों ही सूर्यास्त से पहले तोड़े, सूर्यास्त होने की स्थिति में अगले दिन ही पेड़ की जड़ और टहनी तोड़े।

कभी भी उत्तर तथा पश्चिम दिशा में सिर करके नहीं सोना चाहिए। ऎसा करने से शरीर के मैग्नेटिक करंट में बाधा पहुंचती है और दिमाग बैचेन हो जाता है। अक्सर इन दिशाओं में सिर करके सोने वाले चौंक कर उठ जाते हैं। पूर्व को सोने के लिए सबसे अच्छी दिशा माना जाता है। इस दिशा में सिर तथा पश्चिम में पैर करके सोने से अच्छी नींद आती है और बुरे सपनों से भी निजात मिलती है।

सपने में यदि बार-बार नदी, झरना या पानी दिखाई दे तो यह पितृ दोष की वजह से हो सकता है। इसके लिए अमावस्या के दिन सफेद चावल, शक्कर और घी मिला कर पीपल के पेड़ पर सूर्यास्त के बाद चढ़ाने से आराम मिलता है। See more…

Dreaming

June 2, 2015 By Monica Gupta

Mother Daughter Relationships

Mother Daughter relationships… ग्यारहवीं  क्लास मे पढने वाली दीपा सुबह सो कर उठी और हमेशा की तरह अपना फेसबुक चैक किया . उसे देखते ही उसका पारा सातवें आसमान पर चढ गया. असल में, उसके दसवीं क्लास में मार्क्स  बहुत कम आए थे. इस वजह से तनाव मे चल रही थी और  उसकी face book wall पर मम्मी ने कमेंट कर दिया कि कोई बात नही कम ज्यादा तो होते रहते हैं इस बार ज्यादा मेहनत करना. इसी के साथ साथ उसका घर का नाम भी लिख दिया. चिल्लाते हुए दीपा कमरे से बाहर आई और बहुत बुरी तरह अपनी मम्मी से बात करने लगी. पहले पहल तो मम्मी चुपचाप सुनती रही . फिर उन्होनें भी चिल्लाना शुरु किया कि तुम भी तो सारा दिन फेसबुक पर लगी रहती हो अगर मैने लिख  दिया तो क्या पाप कर दिया..थोडी ही देर में बात मरने मराने तक पहुंच गई.

मेरे विचार से जहां किशोर या युवा बच्चे रहते हैं वहां ऐसी बाते आमतौर पर होती रहती हैं. आज के बच्चे बहुत तनाव में रहने लगे हैं हर घर की अपनी अपनी  वजह है. अगर हम सारी गलती मम्मी पर डालेंगें तो भी सही नही होगा और सारी गलती बच्चों पर डालेग़ें तो भी अन्याय होगा तो क्या करनां चाहिए. जी बिल्कुल सही … क्या करना चाहिए… बात का हल निकालना चाहिए . बच्चो के साथ बच्चा बन कर भी झगडा शुरु नही कर देना चाहिए. समझादारी से काम लेना चाहिए आखिर आप मम्मी है मम्मी !!!

कुछ ऐसी ही परेशानी मेरी सहेली मृदुला और उसकी बेटी गौतमी के साथ थी. गौतमी अभी 16 साल की हुई है. दोनों को कौंसलिंग की जरुरत थी. मैने एक दिन मृदुला को घर बुलाया और उसकी सारी बाते ध्यान से सुनी. सुनकर लगा कि बात इतनी ज्यादा नही है जितना बनाया जा रहा है. उसे समझाया कि सबसे पहले तो एक अच्छी मां होने के नाते अपने गुस्से पर काबू करना सीखों. उसकी जगह खुद को रख कर बात करो कि अगर तुम उसकी जगह होती तो कैसा बर्ताव करती. बच्चों को टोका टाकी पसंद नही होती इसलिए बजाय बात बात पर टोकने के बच्चों को विश्वास में लेकर उनसे बात करनी चाहिए. उनकी पसंद ना पसंद का भी ध्यान रखना चाहिए  और अगर बच्चे का पहनावा पसंद नही आया तो कुछ इस तरह से बोले कि आप अपनी बात भी कह दें और बुरा भी न लगे. उसकी बातों में  मुझे दो कारण और मिले. पहला तो ये कि जब भी उसका आफिस मॆं किसी बात पर तनाव होता है या फिर जब भी पति से किसी बात पर लडाई होती है तो माध्यम बच्चे बन जाते हैं उन पर सारा गुस्सा उतारा जाता है जबकि बच्चों  क्या दोष है इसमें.  एक कमी और भी मैने मृदुला में महसूस की कि वो अपने बच्चे की बुराई अपने रिश्तेदार या सहेलियों से अक्सर  करती रहती . जबकि ये सही बात नही है और खास तौर पर बच्चों को यह पसंद नही होता.  घर परिवार की बाते घर परिवार मे ही निबटाई जाए तो ही बेहतर होता है.

बच्चों को प्रोत्साहित करके  उनके कार्य की कद्र करनी चाहिए और शापिंग के बहाने ही सही उनके साथ समय बीतना चाहिए इससे आत्मीयता बढती है और आपसी बातो से विचारों का आदान प्रदान होता है. मृदुला मेरी बाते सुनकर बहुत कुछ सोच रही थी शायद उसे लग रहा था कि कि कही न कही वो भी गलत है. उसने वायदा लिया कि वो कोशिश करेगी कि अपने गुस्से पर कंट्रोल करने का और बच्चों से बेवजह बहस न करने का. और रही बात मोबाईल और नेट पर रोक लगाने की तो वो इस विषय में भी ज्यादा नही टोकेगी …

मैने बस इतना कहा कि हफ्तें दस दिन यह करके तो देखो और  वही उसको कहा कि गौतमी को भेजना पर इस बारे मे कोई बात नही बतानी कि हमारी क्या बात हुई है इस पर वो हंस कर बोली ” कौन सी बात ” ???

अगले दिन चावलों की खीर लेकर उनकी  बेटी गौतमी घर आई. हमारे यहां वाई फाई है इसलिए वो कुछ देर बैठ कर नेट पर कुछ करने लगी. अब अगर मे उससे सीधा बात करती तो शायद उसे अच्छा नही लगता मैने अपनी कजिन का उदाहरण देख कर बात शुरु की  कि वो भी उसकी उम्र की है  और उसके विचार जानती रही. उसे मैने दिखाया कि मैने नेट से बहुत काम की वेबसाईट सेव की है ये उसे भेजने वाली हूं ताकि वो कुछ सीखे  और उसे दिखाने  लगी …

 

 

maggi

How to Be a Good Daughter – 14 Easy Steps (with Pictures)

How to Strengthen the Bond Between You and Your Mom See more…

उसे पढ कर बहुत अच्छा लगा. उसने कहा कि ये लिंक तो उसे भी मेल कर दो ताकि वो भी इसे पढ सके. फिर बातो ही बातों मे बोली कि कई बार वो मम्मी के सामने गुस्सा हो जाती है तेज बोल जाती है वो भी इसे सुधारने की कोशिश करेगी … बस मैं भी यही चाह्ती थी मैने उसे समझाया कि ऐसी कोई बात लगती तो नही  पर अगर है अगर  तुम ऐसा सोच रही हो तो ये तो और भी अच्छी बात है …मम्मी बेटी के रिश्ते मॆ सबसे बडा होता है विश्वास … बस दोनों को ईमानदार रहना चाहिए और एक दूसरे पर सहेली की तरह विश्वास करके सच बताना चाहिए.

अपने समय का सही इस्तेमाल करना चाहिए. हमे क्या  बनना है हमारी भीतर क्या potential है उसे खोज निकलाना चाहिए और पढाई के साथ साथ  extra curricular activity मे भी  ध्यान  लगाना चाहिए क्योकि उससे हम स्मार्ट बनते हैं  खुद को challenge करना चाहिए और हमेशा  be positive वाली सोच हो तो क्या कहने…

मैने उसे एक दो लिंक और दिखाए …

उसकी बातों से लग रहा था कि वो खुद को सुधारने की कोशिश करेगी और ये लिंक वो मम्मी के साथ भी शेयर करेगी. record break by monica gupta

15 Insights on Improving Mother-Daughter Relationships |

Mother-daughter relationships are complex and diverse. Some mothers and daughters are best friends. Others talk once a week. Some see each other weekly; others live in different states or countries. Some spar regularly. Some avoid conflict. Others talk through everything. And undoubtedly, there’s a hint of all these things in most relationships. See more…

 

How to Improve Your Mother Daughter Relationship: 15 Steps

Face it. You don’t always bond with your daughter. She might be busy on the computer, the phone, with her friends, or schoolwork. When you try to talk to her, she doesn’t listen, or just leaves the room. She thinks that you are embarrassing, and you don’t know how to change that.

You may be busy as well, with work, family, money, and so much more. Do either of these situations sound like you? If so, you need to improve your mother-daughter relationship and overall bond. See more…

वैसे आप अपने बच्चों के साथ तो झगडा नही करते होंगें अगर करते हैं तो आप भी इसे जरुर पढिएगा … और अपने विचार मुझसे  सांझा करना नही भूलिएगा … हो सकता है आपके पास भी कोई बहुत अच्छा आईडिया हो …

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