Teenage Dream
कल शाम मणि के घर कोई आए हुए थे वो अपने बच्चे के बारे मे डिस्कस करने आए हुए थे और उसे कह रहे थे कि वो उनके बेटे से बात करे और समझाए कि मेडिकल न लेकर आर्टस ही ले. मुझसे मेरी राय जाननी चाही तो मैने बिल्कुल स्पष्ट कहा कि वो गलत कर रहे हैं अपने बच्चे को हमसे बेहतर कौन समझ सकता है अब उसकी उम्र ऐसी है कि आप दोस्ताना व्यवहार रख कर खुल कर सारी बात करे. आप इधर उधर बात करेंगें, बच्चा कुछ और कहेगा,आप तक कोई और बात पहुचेगी, इस तरह दूरियां भी बढती हैं इसलिए सोच समझ कर ठंडे दिमाग से खुद ही बात करे और इसका हल निकाले.उस समय तो वो उठ कर चले गए शायद उन्हें मेरी बात अच्छी नही लगी पर अभी कुछ देर पहले मेरे पास उन्ही का थैक्स के लिए फोन आया.
उन्होने बताया कि कल रात बेटे से खुल कर बात हो गई है जो उनके मन में कंफ्यूजन था वो दूर हो गया है और वो मेडिकल ही लेगा और उसके निणर्य से वो भी सहमत है. 🙂 आज बच्चे बेहद संवेदनशील हैं इसलिए बजाय उधर उधर बात करके राय लेने से मित्रवत व्यवहार करते हुए, पेरेंटस को बच्चे से स्वयं ही खुल कर बात करनी चाहिए .
Teenage Dream हमें बच्चों के महत्वाकांशी सपनों को अहमियत देनी चाहिए और वो बजाय इधर उधर के बात करने के बच्चॉ से ही बात करनी चाहिए…