Thankless People
आज सुबह मणि का मूड खराब था. उसके एक जानकार को कानूनी सलाह की जरुरत थी.तो उसने अपने एक मित्र से मुलाकात करवा दी और लिहाज से उसका काम भी बहुत जल्दी हो गया. पर थैक्स के लिए एक बार भी फोन नही आया. काम न होने से पहले दिन में दस दस बार उसका फोन आता था पर अब इतना भी नही हुआ कि एक बार फोन करके यह ही कह दे कि काम हो गया है … हुह .. मणि को बहुत गुस्सा आ रह अथा उसने मुझे कहा कि आगे से वो कभी भी किसी की भी मदद नही करेगी.
Thankless People. वैसे ऐसा तो मेरे साथ भी बहुत बार हुआ है. अगर एक उदाहरण दूं तो वो है रक्तदान के लिए … बहुत बार जब किसी को रक्त की जरुरत हुई रात बे रात तुरंत फोन करके बहुत लोगों को तुरंत रक्त उपलब्ध करवाया पर बहुतों ने थैक्स नही किया. बाद में खुद ही पता करती थी कि सब ठीक है न रक्त उपलब्ध हो गया था ना. कोई दिक्कत तो नही आई ना … तब लोग थैक्स बोल देते… तब मेरे मन में भी यही विचार आता कि कितने अकृतज्ञ लोग हैं पर फिर दुबारा जब भी किसी को रक्त की जरुरत होती और फोन आता तो मैं अपनी नाराजगी भूल कर मदद के लिए तैयार हो जाती.
देखा जाए तो समाज में हर तरह के लोग हैं . कुछ बहुत ज्यादा अच्छे होते हैं और कुछ बस मतलब निकल जाने पर तू कौन .. मैं खामखाह …!! !!! .वैसे, हममें जितना सामर्थ्य है उतनी मदद तो निस्वार्थ भाव से करनी ही करनी चाहिए. वैसे पेड भी तो अपनी छांव निस्वार्थ भाव से ही देते हैं ना… Thankless People
वैसे आप सभी ने मेरा लेख पढा इसके लिए मेरी तरफ से बडा सा थैक्स तो बनता ही है 🙂 थैक्स 🙂