जीवन में इंटरनेट की भूमिका – पहचान बनाने का सशक्त माध्यम है नेट – जिंदगी मे भी अक्सर ऐसा होता है जो हमारे पास होता है हम उसकी परवाह नही करते कद्र नही करते उसकी वेल्यू value ही नही करते … अब इंटर नेट inter net को ही लीजिए … कितना कुछ है यहां कर दिखाने के लिए बस आप मे इच्छा शक्ति या स्पार्क spark चाहिए … कुछ कर दिखाने का हुनर होना चाहिए फिर sky is the limit है … पर हमारे पास बहाने तैयार रहते हैं क्योकि हम कुछ करना ही नही चाह्ते …
जीवन में इंटरनेट की भूमिका – पहचान बनाने का सशक्त माध्यम है नेट
मैं अक्सर नेट पर thoughts search करती रहती हूं कल भी सर्च कर रही थी और सर्च करते करते बहुत साईटस sites देखी. देखते देखते एक विचार बहुत पसंद आया.मैं उसने नोट note करने ही वाली थी फिर सोचा चलो और आगे सर्च कर लूं शायद इससे भी अच्छा मिल जाए …..और बेहतर और भी बेहतर के चक्कर में मैं आगे बढती रही पर कोई पसंद ही नही आया फिर सोचा चलो वैसे पहले वाला ही विचार अच्छा है वही नोट कर लेती हूं पर ओह … वो गायब हो गया.
बहुत सारी साईटस sites खोल रखी थीं, सर्च कर रही थी scroll भी कर रही थी वो उसी में कही गुम हो गया. खोजा… खोजा उसे बहुत खोजा पर !!! पर मिला नही और याद भी नही था कि क्या लिखा था. बस इतना याद था कि जिंदगी के बारे मे था और बहुत ही अच्छा था वैसे
जिंदगी मे भी अक्सर ऐसा होता है जो हमारे पास होता है हम उसकी परवाह नही करते कद्र नही करते उसकी वेल्यू ही नही करते … अब इंटर नेट को ही लीजिए … कितना कुछ है यहां कर दिखाने के लिए बस आपमे इच्छा शक्ति या स्पार्क चाहिए … कुछ कर दिखाने का हुनर होना चाहिए फिर स्काई इज द लीमिट है … पर हमारे पास बहाने तैयार रहते हैं
एक फेसबुक पर मैसेज आया कि मैं भी कुछ करना चाह्ती हूं पर मैं हाऊस वाईफ हूं … अरे मैने लिखा कि आज के समय में हाऊस वाईफ होना लक्की है क्योकि घर के समय से समय निकाल कर हम बहुत कुछ कर सकते है .. और लेखको के लिए तो Dream come true है … ना सम्पादक की इंतजार न पब्लिशर की लिखो और पब्लिश करो और तो और अपनी book भी पब्लिश कर सकते हैं पर टालना और बहाने बनाना अच्छी बात नही है …वैसे आप कैसे हैं ??
इसलिए जो हमारे पास है उसी की वेल्यू value करनी चाहिए और उसी मे खुश रहना सीखना चाहिए नही तो फिर परेशान ही होना पडेगा जैसे मै हो रही हूं वैसे वो विचार कब मिलेगा.. मिलेगा भी या नही पर एक विचार मुझे बहुत ही पसंद है वो मैं आप सभी से जरुर शेयर करना चाहूंगी वो है … सुनाऊंं… जी सुनाती हूं
मंजिल मिले ना मिले..ये तो अलग की बात है
हम कोशिश भी ना करे…ये तो गलत बात है..
आपके क्या विचार हैं इस बारे में … !!!
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