मेरी माँ प्यारी माँ – मां के साथ कैसे बर्ताव करेंं – How to deal with mothers …बहुत अजीब लगा न सुनकर कि How to deal with mothers यानि मां के साथ कैसे डील करेंं … हम पढते हैं बच्चों के साथ कैसे डील करें पेरेंटस … आफिस में बॉस के साथ कैसे डील करें …. गर्ल फ्रेंड या बॉय फ्रेंड के साथ कैसे डील करें पर … मदर … अपनी मम्मी के साथ कैसे डील करें …
मेरी माँ प्यारी माँ – मां के साथ कैसे बर्ताव करेंं
ये बात आज कहने की जरुरत इसलिए आई है कि बदलते समय में बच्चे जरा भी महत्ता नही देते और ना ही उन्हें कुछ समझते …अकसर उल्टा बोलते या जवाब देते नजर आते हैं..
How to deal with mothers …
मेरी सहेली ममता ने नई कार चलाना सीखा और 15 दिन की ट्रेनिंग के बाद जब अपने बच्चों और पति को कहा कि जरा देखो मेरे ड्राईविंग कैसी है तो हंसने लगे बच्चे बोले हमें मरने का शौक नही है … आप ही जाओ … कुछ हो जाए तो फोन कर देना … उस समय उस मां की क्या फीलिंग होगी क्या आप सोच सकते हैं … ये वही मां है जिसने रात रात भर जाग कर आपकी देखभाल की … अपनी उंगली पकड कर चलना सीख्या … फिर वॉकर और फिर ट्राय साईकिल पहले दिन स्कूल लेकर गई .. उसके साथ इतना रुखा व्यावहा
या फिर हम हम ये सोच ले कि मदर्स सिर्फ कि सिर्फ मदर्स डे पर ही या फेसबुक पर लिखने से ही प्यार का इजहार हो जाता है बहुत है.. … मैंं आपको एक बात बताती हूं जब मदर्द डे गया तो मेरी सभी सहेलियों ने एक से एक मैसेज और ढेर सारी फोटो डाली हुई थी कोई गले मिलते पांव छूते बस एक सहेली की वॉल खाली थी उसने कुछ भी नही लिखा … अगले दिन जब वो आई तो सब हंंसने लगी कि कहा थी उसने बताया कि कल उसकी मम्मी की तबियत ठीक नही थी बस उन्ही के साथ रही पूरा दिन उन्हें उसकी जरुरत थी …
अब मैं आती हूं अपने विषय पर कि How to deal with mothers
तो अगर आप ये सोच रहे हैं कि मैं बताऊगी कि मम्मी के साथ कैसे डील करे तो … जी नही मैं ये नही बताऊंगी कि कैसे डील करें क्योकि मुझे जरुरत ही नही है बताने की मुझे पता है कि आप जानते ही हो … आपकी मम्मी किस बात पर मुस्कुराती है किस बात पर खिलखिलाती है …उनका पसंद का खाना क्या है … क्या चीज उन्हें अच्छी नही लगती … मैं तो बस याद दिलाने आई थी कि … तो यही छोडे जा रही हूं इस विश्वास के साथ कि मम्मी की फीलिंग को समझोगें appreciate करेंगे … उन्हें जातएगे कि हम भी आपसे उतना ही प्यार करते हैं प्यार देंगें समय दोगे जिसका उन्हें हमेशा से इंतजार था है और रहेगा …
दिनभर काम करती है जब भी हमें उनकी जरुरत होती है वो साथ खडी होती है … और मांगती क्या है जरा सा प्यार हल्की सी मुस्कान और पूछ्ना कि कैसी हो मां …
पहला कदम पहली मुस्कान – एक अविस्मरणीय अनुभव – Monica Gupta
पहला कदम पहली मुस्कान एक अविस्मरणीय अनुभव टेलिविजन पर एक विज्ञापन आता था. वो पहला कदम पहली मुस्कान…. जिसमे मम्मी अपने नन्हे से बच्चे को चलना सीखाती है और एक दिन उसे उसी के नन्हे नन्हे पैरो से डगमगाते हुए चलते देख कर भावुक हो जाती है. read more at monicagupta.info
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