Ways to Encourage
अच्छी, प्रेरित करने वाली बातें हमेशा हमारा हौंसला बढाती हैं. गूगल सर्च के दौरान एक प्रेरक प्रसंग पढा और उसने बहुत कुछ सोचने पर मजबूर कर दिया.
प्रसंग पढा कि एक स्कूल मे सांस्कृतिक कार्यक्रम होना था.सभी बच्चे उसमे हिस्सा लेना चाह्ते थे. एक बच्चे का तो बहुत ही ज्यादा मन था कि वो भी उसमे हिस्सा ले. टीचर ने बच्चो को ओडिशन के लिए बुलाया. बच्चे ज्यादा थे और कार्यक्रम कम थे.
खैर, सभी बच्चे अपने अभिभावकों के साथ पहुंचे. एक बंद हॉल में टीचर बच्चों का आडिशन ले रहे थे. बाहर बैठे माता पिता परिणाम की प्रतीक्षा कर रहे थे. थोडी देर बाद कुछ बच्चे चहकते हुए और बाक़ी चेहरा लटकाए हुए, बाहर आए. वो बच्चा जिसका बहुत ही ज्यादा मन था हिस्सा लेने का वो दौड़ता खुश होता हुआ अपनी मां के पास आया. मां बच्चे को देख कर खुश हुई और सोचा कि बच्चा खुश होकर बाहर आया है जरुर वो भी किसी मे हिस्सा ले रहा होगा. तभी बच्चा बोला ‘जानती हो मां, क्या हुआ?’ मां ने चेहरे पर अनजानेपन के भाव बनाए और उसी मासूमियत से बोली, ‘नही , पता नही बताओ क्या हुआ???
बच्चा उत्साह से बोला, ‘टीचर ने सभी से अभिनय कराया. वो जो रोल चाहता था, वह तो किसी और बच्चे को मिल गया. लेकिन जानती हो, उसकी भूमिका तो नाटक के किरदारों से भी बड़ी मजेदार है।’ मां को बड़ा आश्चर्य हआ कि ऐसा क्या रोल मिला है । बच्चा बेहद उत्साहित होकर बोला, ‘अब मैं ताली बजा कर प्रोत्साहित करुंगा …
पढ कर बहुत अच्छा लगा. वाकई, अगर हम जिंदगी के रंगमंच की बात करना करें तो हम सभी किसी न किसी किरदार मे दिखना चाह्ते हैं पर किसी को शाबाशी देना या प्रोत्साहित करना हमे नही सिखाया जाता जबकि जिंदगी में आगे बढने के लिए दूसरों को प्रोत्साहित करना भी बेहद जरुरी है.
अगर हम दूसरों की प्रशंसा करते हैं तो बहुत अच्छी बात है और अगर नही करते तो करनी चाहिए !!!
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