We Care for you
पहले समय मे घडी किसी के पास नही होती थी पर समय सभी के पास होता था और आज घडी सभी के पास है पर समय ही नही है. अरे भई…. भला ये क्या बात हुई… इसमे इतना सोचने की क्या बात है…. .अब आप समझदार हैं और जानते ही होंगे कि समय परिवर्तन शील है बदलता रहता है. पहले नई नई खोज नही हुई थी.जागरुकता नही थी समझ नही थी कि क्या, कब और कैसे करना है. आज का समय देखो. कैसे हो सकती है किसी के पास फुर्सत. सभी व्यस्त, अति व्यस्त बल्कि ये कहिए कि महा व्यस्त है तो गलत नही होगा. है ना….
मैने तो बहुत लोगो को ये भी कहते सुना है कि भई इतना काम है कि मरने तक ही भी फुर्सत ही नही है और आप बात करते है समय की.ये क्या बात हुई भला.काम के बारे मे तो मैं क्या बात करु. काम या कमाने के चक्कर मे पति महोदय दूसरे शहर मे उनकी श्रीमति जी अन्य शहर मे और बच्चे होस्टल मे.
महीने मे एक या दो बार मिलना हो जाता. बस बहुत है और क्या. भई,आज के समय मे नौकरी मिलनी आसान है क्या. दूसरे लोग गिद्द की तरह नजरे गडाए बैठे रह्ते है कि कब किसकी काट करे और नौकरी हथियाए और मंहगाई जो सिर पर खडी होकर ता ता थैया और ब्रेक डांस कर रही है उससे भी तो दो चार होना है, नजरे मिलानी है या नही.
हाँ, तो मै कह रही रही थी कि परिवार, दोस्त, जोश और हमारा स्वास्थ्य अजी इनकी चिंता छोडिए.
चिंता किसलिए करनी है.ये लोग कही भागे थोडे ही ना जा रहे हैं.आखिर ये क्या बात हुई पर नौकरी चली गई तो सब चला जाएगा रुपया पैसा होगा तो ये सभी लोग हमारे साथ होंग़े.क्यो है ना . है ना..
आखिर हम सभी यही तो कर रहे हैं. काम के चक्कर मे इतने उलझ गए हैं कि सुबह काम पर जल्दी निकल जाना देर रात को लौटना.परिवार का ध्यान देने का तो समय ही नही है. पत्नी की अलग दुनिया है और पति पत्नी दोनो के चक्कर में बच्चों का किसी को ध्यान ही नही. जबकि आमतौर पर सुनने मे तो यही आता है कि यह सब बच्चो के लिए ही तो कर रहे हैं हमने कौन सा साथ लेकर जाना है. पर इस बारे मे बच्चो की या घर वालो की राय लेने की कभी जरुरत नही समझी.
पता नही, पर सच पूछो तो ऐसा महसूस होता है कि ये क्या बात हुई???? .शायद कही ना कही कुछ गलत हो रहा है. सच पूछो तो यकीनन काम से बढ कर है स्वास्थ्य ,परिवार, दोस्त और हमारा जोश.
काम तो एक रबड की गेंद की तरह है जो उछ्ल कर वापिस आ ही जाएगी पर… पर…. पर…. हमारा परिवार, हमारा शरीर, हमारे दोस्त, हमारा जोश उस कांच की गेंद की तरह है कि उछालते समय अगर एक बार हाथ से छूट गई तो बिखर जाएगी और जिसे सम्भालना या जोडना नामुमकिन हो जाएगा.सच मे,अब यही कहना पडेगा कि वाह ये क्या बात हुई !!
कोई शक नही है कि जिंदगी में काम बहुत जरुरी है और इसे दिल लगा कर करना भी बहुत जरुरी है पर जब हम काम करके बाहर निकले तो बस फिर हम हमारा परिवार, हमारा जोश और हमारे दोस्त ही होने चाहिए. आज के समय मे इन सभी को अहमियत देना बहुत ही ज्यादा जरुरी हो चला है.
वो कहते भी है ना उसे कभी नजर अंदाज मत करो जो आपकी बहुत परवाह करते हैं वरना किसी दिन आपको अहसास होगा कि पत्थर जमा करते करते आपने हीरा गवां दिया…. वाह!!! अब तो यही कहना पडेगा कि यह हुई ना बात !!!! और ये क्या खूब बात हुई !!!!! We Care for you ….
कैसा लगा आपको ये लेख … जरुर बताईएगा !!!