When You Get Angry at Your Child – क्या करें जब बच्चों पर गुस्सा आए – पेरेंटिंग एक तरह का चैलेंज ही है.. हर रोज कुछ न कुछ नया चैलेंज सामने खडा हो जाता है… अब जैसे बात करुं कि जब बच्चे कहना नही मानते तो पेरेंंट्स को खासकर मम्मी लोग को कितना गुस्सा आता है और इसका क्या इलाज क्या करें…
When You Get Angry at Your Child – क्या करें जब बच्चों पर गुस्सा आए –
चलिए आज इसी बारें में बात करती हूं क्योकि ये बहुत जरुरी है
सबसे पहले मान लीजिए दो बच्चे हैं झगडा कर रहे है आपने बार बार मना किया वो कहना ही मान रहे… तो आपकी सांस तेज चलनी शुरु हो गई.. चेहरे के हाव भाव बदल गए.. मसलस खिंच गए तो जान लीजिए कि आपको गुस्सा आ रहा है…
तो सबसे पहले जानना जरुरी है कि आपको इस समय गुस्सा आ रहा है… अब आप ये सोच रहे होंगें कि हा भई ठीक है ये तो पता ही है अब आगे बताओ..
तो पैशेंस रखिए.. जोकि मैं हमेशा बोलती हूं कि संयम रखे..
तो अब बात आती है कि पहले हमने पहचान लिया कि हमें गुस्सा आ रहा है.. बहुत लोग जानते ही नही कि ये गुस्सा है तो मन ही मन स्वीकार कीजिए कि ये गुस्सा है..
पता लग गया कि ये गुस्सा है तो अब बात आती है self-control की
इसके लिए इससे पहले हाथ उठ जाए तो बेहतर यही होगा कि आप बच्चे से दूर हो जाईए या तो आप कमरे से बाहर निकल जाए या बच्चे को बोल दीजिए कि मुझे गुस्सा आ रहा है कि आप कमरे से बाहर चले जाओ… कुछ देर के लिए…
दस मिनट खुद को दीजिए… टाईम आऊट
या तो बाथरुम में जाकर हाथ मुंह धो लीजिए.. या बाहर नेचर के पास चले जाईए – अपनी पसंद का कोई गाना या कोई सीरियल.. कुछ भी करिए बस खुद को समय दीजिए.. रिलेक्स कीजिए.. एक मैंने पढा था कि अगर बहुत गुस्सा आ रहा हो या हाथ उठाने का मन हो तो ताली बजाना शुरु कर दीजिए… अलग अलग तरीके हैं.. How to Release Anger – गुस्सा शांत कैसे करें पर वीडियो भी बनाई हुई है..
जब शांत हो जाएं तो सोचिए कि क्या हुआ था.. ?? गुस्सा किसलिए आया था..
कारण क्या था ? क्या कारण वाकई में बच्चे ही थे या आपकी कोई फैमली प्रोब्लम पति से या सास से झगडा या आपकी खराब तबियत, आपको किसी बात का तनाव, घर में आर्थिक तंगी… बातें बहुत है पर आप सच्चे मन से सोचिए कि गुस्सा उसी वजह से आया कि या किसी और वजह कोई और बनी और निकल किसी और बात पर रहा है..
अब आप ये भी सोचिए कि अगर आपने गुस्से पर कंट्रोल नही किया होता तो इसके आफ्टर इफेक्ट क्या हो सकते थे..
बच्चे की पिटाई करते उसे कही लग भी जाता वो रोता या उसे चोट भी लग सकती थी या फिर बिना बात किर रोता रोता सो जाता या घर के बाहर गुस्से में निकल जाता या कमरा बंद कर लेता दरवाजा नही खोलता.. उससे घर का माहौल भी टेंस हो जाता..
तो जरुरी है उसे कंट्रोल करना. गुस्से पर काबू करना… तो जब गुस्सा आए तो क्या करें..
पहले तो अपनी लिमिट सेट कर लेनी चाहिए कि मुझे क्या एक्शन लेना है करना क्या है… यानि हाथ तो बिल्कुल नही उठाना इसे तो मान कर चलिए…
एक सर्वे जो सालों साल से चला आ रहा है बताता है कि पिटाई का बच्चे पर नेगेटिव असर पडता है बहुत बार ये भी देखने में आता है कि पेरेंटस बोले चले जा रहे हैं और बच्चे फिर भी नही मान रहे यानि अनसुना कर रहे है यानि असर ही नही हो रहा .. ये और भी बुरा साईन है ये ये दिखाता है हमे आपकी कोई वेल्यू नही… आप बोले जाओ… बच्चे पेरेंटस के against हो जाते हैं और उन्हे उपाधि मिलती है बुरी मम्मी गंदी मम्मी की… पेरेंटस अपनी रिस्पेक्ट खुद ही खो देते हैं गुस्सा आने पर बात बात पर धमकी नही देनी – हम धमका देते हैं
चल तुझे अंधेरे कमरे में बंद करती हूं / अभी डॉकटर के पास ले कर जाती हू / हाऊ आजा इसे उठा कर ले जा..
अपनी टोन का ख्याल रखना है
बोलने का तरीका और शब्दों का चयन सही करना है जैसा कि अंधा है क्या.. बहरा है क्या सुनाई ही दे रहा कितनी देर से बुला रही हूं… अक्ल तो है ही नही तुझमे… ठहर जा अभी हाथ पैर तोडती हूं ऐसे नही बोलना..
जिस समय गुस्सा आ रहा हो एक्शन नही लेना बल्कि pause देना है कुछ देर ठहरना है और मैं कुछ देर बाद बात करती हूं .. हम शाम को बैठ कर बात करेंगें अभी मुझे काम है जरुरी.. कुछ भी कहिए पर एकदम से रिएक्ट नही करना..
शांत माहौल जब घर का हो… तो आप बच्चे से बात कीजिए कि आज ऐसा हुआ .. आगे से न हो तो हम दोनो को क्या करना चाहिए.. मेरी भी गलती है और आपकी भी कि आपने मुझे गुस्सा दिलाया.. आराम से बैठ कर बात कीजिए और ऐसे स्थ्तिई दुबारा आने पर क्या किया जाए इस पर विचार करके उस पर अमल कीजिए…
आप रोल मॉडल बनिए आप मम्मी है मैच्योर हैं तो आप रोल मॉडल बनिए.. बच्चे जो देखते है फिर वैसे ही बनते हैं तो हमें उनके सामने अच्छा उदाहरण रखना चाहिए.. दो बहुत छोटे से शब्द हैं सॉरी और आई लव यू… आपने भी गलती की तो माफी मांग लीजिए और जताईए कि आप उनसे कितना प्यार करती हैं… हिट करने से हग करने तक का सफर..
और अलग अलग इस तरह की वीडियो देखते रहिए या आर्टिकल पढते रहिए कि बच्चे से कैसे प्यार से पेश आएं.. कैसे पिटाई न करें… कूल और काम पेरेंटस कैसे बने..
और अपना ख्याल रखिए.. कई बार वजह कुछ भी नही होती बस हलका सा सिर दर्द है और बच्चे ने शोर किया तो चांटा.. खुद एक्टिव रहेगी तो खुश रहेगी खुश रहेंगी तो अमर पिटाई मन मे नही आएगी.. मन में विचार भी अच्छे ही आएगें
ये तो मां की द
और अगर फिर भी नही क्लीयर हो रहा फिर भी हाथ उठ ही जाता है… तो एक बार काऊंसलिंग की जरुरत है..
When You Get Angry at Your Child – क्या करें जब बच्चों पर गुस्सा आए –
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