Youth and depression
सुनकर आपके मन में भी बहुत बातें आ रही होगीं. क्या होता जा रहा है आज के युवा को !! सोच कर ही धबराहट होने लगती है. सोनम शर्मा का बेटा पढाई में बहुत अच्छा है. हाल ही में उसका 12वी क्लास का नतीजा आया और उसने खुद को कमरे में बंद कर लिया. नतीजा मेरे हिसाब से बहुत अच्छा था 89.6 % अंक आए थे पर इस शर्म के मारे की लोग क्या कहेंगें. इतने कम अंक लाया है. आगे अच्छे कालिज मे दाखिला कैसे होगा इसी चिंता में खुद को कमरे मे बंद कर लिया और मोबाईल भी स्वीच आफ कर दिया. अगले दिन जब तक उसने दरवाजा नही खोल दिया. सोनम की जान अटकी रही उसे डर सिर्फ इसलिए कि उनका बेटा कुछ गलत कदम न उठा ले.
इसके बहुत कारण हो सकते हैं जिसमे से एक है माता पिता की बच्चों से बह्त ज्यादा उम्मीदें वो सोचते हैं कि बच्चे पर बहुत पैसा खर्च किया है अच्छी से अच्छी कोचिंग दिलवाई है इसलिए अच्छे अंक तो आने ही चाहिए. बच्चा उस उम्मीद को पूरा नही कर पाता और निराशा में चला जाता है. एक बात यह भी हो सकती है कि एकल परिवार का होना और माँ-बाप, दोनों का कामकाजी होना. यही बात बच्चों को एकांकी और चिड़चिड़ा बना देती है आखिर विचार-दर्शन उन्हें कौन करायेगा, माता पिता अपने आफिस कार्य मे व्यस्त हैं और युवावर्ग चौराहे पर खड़ा है. वे जायें तो किधर जायें । अपनी जीवन-गति का निर्माण करें, तो किस प्रकार करें कौन बतायेगा कौन सही राह दिखाएगा.
एक बात यह भी हो सकती है कि पेरेंटस हद से ज्यादा जरुरत से ज्यादा बच्चे का ख्याल रखते हैं पर इसी के साथ साथ बच्चे की इच्छा जाने बिना वो बच्चे पर अपनी इच्छा लादने या थोपनें की कोशिश करते हैं जिससे बच्चा अपना शत प्रतिशत नही दे पाता और जिंदगी मे ईम्तेहान में लगातार फेल होता जाता है.
फिर बात आती है हमारे समाज की. परीक्षा के दौरान नकल, रिश्वत खोरी, पेपर लीक आदि का होना भी युवा मे depression ,आक्रोश भर देता है और ईमानदारी से मेहनत करने वाला युवा सिस्टम को देख कर अपना हौंसला छोड देता है.
इन सब के साथ साथ संगत बहुत ज्यादा असर डालती है. बिगडे हुए रईसों के साथ दोस्ती करके और नशे में डूब कर अपना जीवन बर्बाद कर लेते हैं. खुद को स्मार्ट और मार्डन दिखाने के चक्कर में नशा करना वो जिंदगी का अभिन्न अंग मानने लगते हैं और इसके साथ साथ सबसे बडा फेक्टर है धैर्य की कमी और यही आज के युवाओं की सबसे बड़ी कमजोरी है. धैर्य की कमी के कारण आज का युवा सब चीज बस जल्द से जल्द पाना चाहता है. आगे बढ़ने के लिए वे कड़ी मेहनत करने की बजाय शॉर्टकट्स यानि आसान रास्ता ढूंढने में लगे रहते हैं. कम समय में सारी आधुनिक चीजों को पाने के लालच में उनमें समझदारी की कमी नजर आती है। भोगविलास के आदी युवा में लगन, मेहनत, जोश, उमंग और धैर्य की कमी हो गई है.
Youth depression में होता है तो पूरा परिवार मानों depression मे चला जाता है. बहुत जरुरी है आज के युवा के साथ समझदारी से बात करना. उसकी मन की भावनाओं को समझते हुए उसके हिसाब से बात करना.
Youth depression a concern for counselors
Substantial levels of “loneliness, anxiety and depression” among Cayman’s youth, identified in a series of health surveys came as no surprise to counselors in the territory. Read more…
New Strategies to Treat Depression in Youth
Two new strategies have been developed by Johns Hopkins researchers to treat depression in young patients using serotonin reuptake inhibitors (SSRIs) while mitigating the risks and potential negative effects such as increased suicidal thoughts. The strategies are published in Translational Psychiatry. See more…
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समय प्रबंधन की विशेषज्ञ एवं चर्चित किताब ‘व्हाट द मोस्ट पीपल डू बिफोर ब्रेकफास्ट’ की लेखक लौरा वंदेरकम लिखती हैं कि अगर आप किसी चीज को करना चाहते हैं तो आप उसे सबसे पहले करिए। हमारे बीच के लोग जो आज सफलता की सीढ़ियां चूम रहे हैं एवं जिंदगी की सफलता का जमकर लुत्फ उठा रहे हैं वे इसी फिलॉसफी पर चलते हैं See more…
Youth and depression में कुल मिला कर बात का निचोड यही है कि बजाय चिंता मे जाने मे अपने भीतर गुणों को विकसित करें. पीपल स्किल यानि नेतृत्व का गुण, अपना व्यवहार और दूसरों को प्रेरित करने की कला खुद में डालिए. खुद को एक शानदार पैकेज बना डालिए और भेड चाल और भीड से हट कर चलने का प्रयास कीजिए. समय को महत्व देते हुए आप अपने प्रयासों मे जुटे रहिए … और वो फिल्मी डायलाग है ना कि किसी चीज को शिद्दत से चाहो तो पूरी कायनात उसे आपसे मिलवाने में जुट जाती है तो भागाईए डिप्रेशन विप्रेशन को क्या बला है ये और नए उसाह, नए जोश और नई उमंग से उठ खडे होईए
Images via empr.com, picvend.com
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