एक उपलब्धि ऐसी भी
स्कूली शिक्षा और उपलब्धि
परीक्षा समाप्त हुई और अब तैयारी है नई क्लास में जाने की. कुछ बच्चों के रिजल्ट आ गए और कुछ के आने वाले हैं. कोई खुश है तो कोई उदास है पर सबसे ज्यादा ध्यान देने वाली बात ये है कि अगर नम्बर कम आए हैं तो ज्यादा उदास होने की जरुरत नही. नई क्लास में शुरुआत से ही आप खूब मेहनत करो, नियमित रहो और अगले साल नतीजा खूब अच्छा लाओ ..
वैसे नियमित रहने की बात से मुझे अमन की याद आ गई. क्या ?? अमन कौन ?? आप अमन मिढ्ढा को नही जानते. अरे !! चलिए कोई बात नही … मैं आपको अमन के बारे मे विस्तार से बताती हूं. अमन मिढ्ढा हरियाणा के सिरसा में रहते हैं सैंट जेवियर्स स्कूल में पढ रहे हैं और अभी दसवीं क्लास की परीक्षा दे रहे हैं. आपको पता है कि अमन की सबसे बडी खासियत क्या है !!!
अमन लगातार 6 साल से बिना छुट्टी लिए नियमित स्कूल जा रहे हैं… अरे ?? आप खडे क्यों हो गए ??? बैठ जाईए आराम से !! वैसे बात तो है ही हैरानी की…!!! जब मुझे पता चला था तो मैं भी हक्की बक्की रह गई थी … !! 6 साल !!! आज जहां हम बच्चे नए नए बहाने खोजते हैं sick leave हमारी जेब में हमेशा तैयार रहती है कि किस तरह स्कूल से छुट्टी करें पर वही अमन स्कूल जाने के बहाने खोजता है.
अमन ने बताया कि जब वो पांचवी क्लास के बाद जब क्लास 6 में गए तब महसूस किया कि उन्होनें तो दो साल में एक भी छुट्टी नही ली. अमन की इस शानदार उपलब्धि देखते हुए स्कूल ने सम्मानित किया गया. जहां स्कूल के सभी टीचर बेहद प्रभावित थे वही कुछ बच्चे परेशान भी थे क्योकि उन्हें शायद कही न कही डर था कि अमन की इस नियमित उपलब्धि से कही उनके माता पिता भी उन्हें हर रोज स्कूल जाने के लिए टोकना न करना शुरु कर दें इसलिए वो कई बार अमन से बोला करते कि अगर वो छुट्टी करेगा और स्कूल नही आएगा तो उसे फलां उपहार देंगें … पर अमन ने यह होने ही नही दिया और आज इस बात को 6 साल जी हां 6 साल हो गए हैं और अमन नियमित स्कूल जा रहा है उन्होनें एक भी छुट्टी नही की .
इस उपलब्धि के लिए स्कूल से तो सम्मानित हुए ही हैं साथ ही साथ उनकी इस शानदार उपलब्धि पर जिला प्रशासन ने भी सम्मानित किया.
मुझसे बात करते हुए अमन ने विस्तार से बताया कि स्कूल उनका दूसरा घर है और उन्हें हर रोज स्कूल जाने में बहुत खुशी मिलती है. अमन अपनी मम्मी और अपने दादू को खासतौर पर इस बात का श्रेय देते हैं कि वो हमेशा प्रोत्साहित करते रहे और 6 साल नियमित स्कूल जाते जाते कैसे बीत गए पता ही नही चला… !!
बातों बातों में अमन ने यह भी बताया कि शायद लगातार स्कूल जाने की वजह से वो क्लास में भी प्रथम स्थान प्राप्त कर रहा है. ओह !! एक और उपलब्धि !!! वैसे लगातार चार साल प्रथम आना भी कोई कम उपलब्धि नही. मेरा विचार था कि जो बच्चा रोज स्कूल जाता हो. पढाई में प्रथम आता हो वो तो co curricular activities यानि सह पाठ्यक्रम गतिविधियां पर तो ध्यान दे ही नही पाता होगा. इस पर अमन ने मुस्कुराते हुए बताया कि स्कूल की सांस्कृतिक गतिविधियों में वो अक्सर एंकरिग किया करता है और उसे क्रिकेट खेलना बेहद पसंद है.
अमन का अभी 10 क्लास बोर्ड का एक पेपर बाकी है मेरे पूछ्ने पर कि परीक्षा का डर लगता है उन्होनें बताया कि बहुत डर लगता है कई बार ऐसा लगता है कि कुछ नही आता पता नही क्या होगा पर इस बार एक बहुत अच्छी बात हुई वो ये कि प्रधान मंत्री मोदी जी ने मन की बात मे परीक्षा की बात की थी जोकि बहुत काम आई क्योकि उन्होने बात को इस तरीके से कहा कि अब की बार परीक्षा का डर बहुत कम लगा…!!
इतने मे अमन की मम्मी रिम्पी मिढ्ढा अमन की पसंदीदा घी वाली परौंठी ले आई और अमन खाना खाकर पढाई में जुट गया.अमन की मम्मी ने बताया कि अमन की देखा देखी नमन अमन का छोटा भाई भी उसी के नक्शे कदम पर चल रहा है और वो भी नियमित रुप से बिना छुट्टी लिए स्कूल जा रहा है.
वाकई, अमन और नमन सभी बच्चों के लिए प्रेरणा हैं. अमन के माता पिता और उसके दादा जी बधाई के सच्चे हकदार हैं… !
…अरे .. आप क्या सोचने लगे … नई क्लास में नए उत्साह और नई उम्मीदों को लेकर जाईए. नियमित रहिए और नियमित रुप से पढिए फिर देखिए उसका नतीजा इतना अच्छा आएगा इसका आप अंदाजा ही नही लगा सकते. वो कहते भी है ना कि आप हर उस काम को कर सकते हैं जिसे आप वाकई करना चाहते हैं.
ढेर सारी शुभकामनाएं !!!
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