खेल के नाम – मन की बात
खेल के नाम – मन की बात
पीवी सिंधु, ओलंपिक्स, साक्षी मलिक, रियो ओलम्पिक 2016 , Rio Olympics 2016 ,पुलेला गोपी चंद, मैडल,नरसिंह ,दीपा कर्मकार ओलंपिक ,क्वालीफ़ाई , पहली भारतीय महिला जिमनास्ट , डोप, साज़िश ,सिल्वर, कांस्य, बधाई, शुभाकामनाएं आजकल बस यही ब्रेकिंग न्यूज बनी हुई हैं
बात ज्यादा पुरानी नही बस एक दिन ही पुरानी है जब मैनें सिधु का नाम पहली बार सुना और मन मे आया कि अरे !! कौन हैं ये … किसी से पूछा इसलिए नही कि कोई ये न कह दे कि अरे सिंधु को नही जानती … वैसे दूसरा कारण यह भी था कि बैडमिंटन के इस खेल में तो मैने बस सायना नेहवाल का नाम ही सुना था यकीनन गोपी चंद का नाम जरुर जहन में था पद्म भूषण से सम्मानित पुलेला गोपीचंद भारत के एक शीर्ष बैडमिंटन खिलाड़ी व कोच हैं पर देखते ही देखते ज्यादा सर्च करने की जरुरत नही पडी और न्यूज चैनल और सोशल मीडिया के माध्यम से सिंधू के बारे में जानकारी मिलती चली गई
टीवी पर टॉक शो के दौरान मैने यह भी सुना कि उसे बार बार मोबाईल चैक करने का बहुत शौक था बस दो मिनट बस एक मिनट कह कर वो बार बार खेलने से पहले चैक करती रहती थी …. पर फिर उसके हाथ से मोबाईल छीन लिया गया कि पूरी तरह से अपना ध्यान केंद्रित करो और खेलो वहीं उनकी मम्मी ने बताया कि उनके खाने पर कंट्रोल करना पडा.
बेशक, कुछ पाने के लिए बहुत कुछ बलिदान करना पडता है खोना पडता है, त्यागना पडता है … इतना आसान नही होता सम्मान मिल जाना देश में अपनी अलग पहचान मिल जाना… आज रजनी कांत से लेकर राष्ट्रपति तक उन्हें संदेश दे रहें हैं….
निसंदेह सिंधु एक प्रेरणा बन कर उभरी है कुछ समय पहले तक जब देश के नाम कोई पदक नही आया था तब कोई ट्वीट करके मजाक बना रहा था तो कोई इसमें भी राजनीति खोज रहा था, कोई वहां सैल्फी लेने के लिए कोसा जा रहा था तो कोई सिर्फ वहां धूमने जाने के कारण निशाने पर था. … सोशल मीडिया पर कमेंटस की भरमार थी.
वहीं तो बार बार यही आवाज निकल रही थी कि हे भगवान ये क्या हो “रियो” है. एक तरफ ओलंपिक में हमारे पदक नही आ पा रहे और दूसरी तरफ हमारे खेल मंत्री को ही चेतावनी मिल गई ज्यादा हैरानी तो तब हुई जब चीनी मीडिया ने ओलंपिक में भारत के निराशाजनक प्रदर्शन के छह कारण बता दिए कि भारत में मूलभूत ढांचे की कमी, स्वास्थ्य की कमी, ग़रीबी, लड़कियों को खेलों से दूर रखना, लड़कों पर अच्छे डॉक्टर और इंजीनियर बनने का दबाव, क्रिकेट की लोकप्रियता और ओलंपिक के बारे में ग्रामीण इलाक़ों में जानकारी की कमी है. चीनी मीडिया में ये भी कहा गया है कि भारत चीन के बाद दूसरा सबसे ज़्यादा जनसंख्या वाला देश है लेकिन ओलंपिक में बहुत कम पदक जीत पाता है.
बेशक बात पूरी तरह से गलत भी नही है… हमें बच्चों को खेलों के प्रति उत्साहित करना होगा.. और गंभीरता से, एकाग्रचित्त होकर खेल खेलना होंगा जैसाकि सिंधु ने किया जिसे अभी तक कोई नही जानता था आज वो ब्रेकिंग न्यूज बन चुकी है…
और आज वो देश के लिए सिल्वर मैडल लाई हैं निसदेह गर्व की बात है ..
बधाई की सच्ची हकदार हैं पर सिर्फ बधाई या शुभकामनाएं देने से बात नही बनेगी सच्ची बधाई तब होगी जब हम उनसे कुछ सीखें जैसाकि मैने अभी ये सीखा कि जब तक मेरा ये आर्टिकल पूरा नही होगा मैं मोबाईल नही देखूंगी … (बेशक बात बहुत छोटी सी है पर इसने काम किया )
वही नेताओ को भी दूर दराज के क्षेत्रों में ज्यादा से ज्यादा खेलो में सुविधाएं देनी होगीं ताकि ज्यादा से ज्यादा बच्चे इस ओर आकर्षित हो सकॆं क्योकि हमारे देश में प्रतिभा की कोई कमी नही है … !!
और रही बात मीडिया की कि स्टूडियों में हाथ में बैडमिंटन लिए अपनी खबरे दिखाने के डोप से जुडी व ऐसी ही अन्य खबरें भी ज्यादा से ज्यादा खबरें दिखाए ताकि नरसिह जैसे खिलाडी को खेलों से वंचित न रहना पडे.
खिलाडियों के लिए एक संदेश ये है कि खेल और सिर्फ खेल पर ध्यान लगाएं पूरी तरह से पागल हो जाए उठते बैठते, सोते जागते बस खेल ही खेल नजर आए हर जगह अपना खेल का चेहरा ही नजर आए ठीक वैसे जैसे अपने प्रियतम का आता नजर आता है … …
Rio Olympics 2016: I’m on Cloud Nine, says Olympic silver medalist PV Sindhu – Navbharat Times
रियो में सिल्वर जीतकर सिंधु ने कहा, ‘मैं सातवें आसमान पर’ ‘मैं क्या कहूं?’ गले में पड़ा सिल्वर मेडल लहराते हुए भारत की बैडमिंटन स्टार पीवी सिंधु ने कहा है, ‘मैं सातवें आसमान पर हूं। यह हफ्ता आश्चर्यजनक तौर पर अच्छा रहा। मैंने अच्छा खेला। मेरे कुछ मैच शानदार रहे और अब मैं ओलिंपिक की सिल्वर मेडलिस्ट हूं।’ read more at navbharattimes.indiatimes.com
Rio Olympics 2016: I’m on Cloud Nine, says Olympic silver medalist PV Sindhu – Navbharat Times
रियो में सिल्वर जीतकर सिंधु ने कहा, ‘मैं सातवें आसमान पर’ ‘मैं क्या कहूं?’ गले में पड़ा सिल्वर मेडल लहराते हुए भारत की बैडमिंटन स्टार पीवी सिंधु ने कहा है, ‘मैं सातवें आसमान पर हूं। यह हफ्ता आश्चर्यजनक तौर पर अच्छा रहा। मैंने अच्छा खेला। मेरे कुछ मैच शानदार रहे और अब मैं ओलिंपिक की सिल्वर मेडलिस्ट हूं।’ read more at navbharattimes.indiatimes.com
‘दादा को देख, 7 साल की साक्षी ने कुश्ती की ठानी’ – BBC हिंदी
उन्होंने बताया, “साक्षी ने बहुत मेहनत की थी. उसने दिन रात एक कर दिया था. साक्षी ने मुझसे कहा था ‘पापा मैं मेडल जरूर लाऊंगी’. रूस की पहलवान से हारने के बाद भी हमने आस नहीं छोड़ी थी क्योंकि साक्षी पहले भी ऐसा करती रही है. वो दूसरे खिलाड़ी को भांपने नहीं देती है कि वो कौन सा दांव लगाएगी और कौन सा नहीं.”
वो कहते हैं कि जीत के बाद जब साक्षी से उनकी बात हुई तो उसने कहा- ‘पापा ये मेडल मैं आपको गिफ्ट करती हूं.’ साक्षी के पिता उसकी उपलब्धी की पीछे उसकी मां का बड़ा योगदान मानते हैं और कहते हैं कि वो तो दिल्ली में नौकरी करते रहे, लेकिन साक्षी के खाने पीने और उसकी ट्रेनिंग का ध्यान उसकी मां ने ही रखा. read more at bbc.com
रियो ओलंपिक में हरियाणा की साक्षी मलिक ने भारत को कुश्ती में कांस्य दिलाकर इतिहास रचा. क्या कहते हैं उनके पिता? read more at bbc.com
मुझसे मेरा सपना बेरहमी से छीन लिया: नरसिंह – BBC हिंदी
सीएएस के फ़ैसले के बाद नरसिंह ने कहा, ”मेरा सपना था कि मैं ओलंपिक पदक हासिल कर देश का मान बढ़ा सकूं, लेकिन मुझसे इस सपने को बड़ी बेरहमी से छीन लिया गया.”
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार नरसिंह का मानना है कि उन्हें साज़िशन फंसाया गया है. उन्होंने आरोप लगाया कि उनके विरोधियों ने उनके खाने-पीने में कुछ ‘मिलाया’ था.
भारतीय ओलंपिक संघ ने भी कहा ‘अपनों’ ने ही पहलवान नरसिंह को हराया. read more at bbc.com
पुल्लेला गोपीचंद – विकिपीडिया
गोपीचंद के जीवन का सबसे गौरवपूर्ण क्षण वर्ष 2001 में आया जब उन्होंने लन्दन में एक बार फिर से प्रतिष्ठित 2001 ऑल इंग्लैण्ड ओपन बैडमिन्टन चैम्पियनशिप जीतने के इतिहास को दोहराया. इस चैंपियनशिप में, उन्होंने क्वार्टर फाइनल राउंड में डैनिश खिलाडी ऐन्डर्स बोएसन को हराया. सेमी फाइनल राउंड में उन्होंने दुनिया के पहले नंबर के खिलाडी पीटर गाडे को दो मुश्किल सेट्स में हराया.[14] अंत में, उन्होंने चीन को 15-12, 15-6 चेन होंग से हराया. इसके साथ उन्होंने वह उपलब्धि हासिल की जो अब तक एक ही भारतीय माननीय प्रकाश पादुकोण ने हासिल की थी। [15] read more at wikipedia.org
खिलाडी चाहे हरियाणा का हो या हैदराबाद का … नाम देश का ही उंचा होता है …
और आज उन्होनें कर दिखाया और देश में अपनी अलग पहचान बनाई …
मैं एक ही बात सभी के लिए बोलना चाह्ती हूं चाहे वो किसी भी क्षेत्र से हों
मेहनत इतनी खामोशी से करो कि सफलता शोर मचा दे…
बहुत बधाई साक्षी और सिंधु को …दीपा कर्मकार ओलंपिक में क्वालीफ़ाई करने वाली पहली भारतीय महिला जिमनास्ट बनीं. उन्होनें भी एक इतिहास रच डाला …
शुभकामनाएं !!!
टवीटर के टवीट और चटपटी खबरों का खेल – Monica Gupta
अरे क्या हुआ अगर अभिनव बिंद्रा निशाना चूक गए ।।।शोभा डे ने जिस तरह से ट्वीटर twitter पर मजाक उड़ाया बहुत गलत किया उनका कहना क़ि रियो जाओ सेल्फ़ी लो और खाली वापिस आ जाओ अवसर और धन की बरबादी हो रही है।।। बेशक अभिनव ने भी इसका जवाब ट्वीटर पर ही दिया पर खुशी इस बात की हुई क़ि जनता को भी शोभा डे का ट्वीट अच्छा नही लगा और शोभा डे को जनता के गुस्से का भागीदार बनाना पड़ा।। सोच समझ कर बोलना चाहिए ।।।खेल की भावना तो होती भी यही है sportsmanship रखनी चाहिए।।। मजाक नही उड़ाना चाहिए।।। read more at monicagupta.info
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