पानी- एक गम्भीर समस्या…. कम होता पानी का भंडार … जिस तरह से पानी के भंडार की क्षमता घट रही है 2025 तक भारत पानी की कमी महसूस करने लगेगा
तापमान बढता जा रहा है और जिस तरह से पानी का भंडार कम होता जा रहा है पानी इतना ही आना कम होता जा रहा है. मुश्किल से आधा घंटा पानी आता है वो भी बूंद बूंद टपक कर… और कई नलकों से तो पानी की बजाय हवा ही आती है … ऐसे के क्या होगा … एक गम्भीर समस्या है …
पानी एक गम्भीर समस्या – 2025
नई दिल्ली। भारत में जल्द ही पानी की कमी हो जाएगी। भारत पानी की कमी को 2025 तक महसूस करने लगेगा। यह कहना है पानी के क्षेत्र की अग्रणी परामर्श कंपनी ईए-वाटर का। ईए-वाटर के विशेषज्ञों का कहना है कि भारत में तेजी से पानी के भंडार में कमी हो रही है। Read more…
प्राकृतिक संसाधनों का अन्धाधुंध दोहन यथा वृक्षों की कटाई, अत्यधिक जल दोहन, अनियंत्रित खनन, आदि से पर्यावरण प्रदूषण की समस्या विकराल रूप धारण करती जा रही है । इसी तरह बढ़ती आबादी के कारण सभी जगह की आबोहवा बिगड़ रही है.ऐसे में संकट मुंह बाए खडा है क्या करे या क्या न करें
पानी की समस्या से बचने के लिए श्रम दान
प्राचीन काल से ही श्रमदान का महत्व रहा हैं ब्रज में वर्षा खूब होती थी जिससे यमुना नदी में प्रायः बाढ़ आती रहती थी। ब्रज मैदानी भाग था यहां की अधिकांश भूमि ” गोचर ” थी पर अति वृष्टि के कारण बरसात के बाद तक यह क्षेत्र जल मग्न बना रहता था। एक बार ऐसी बाढ़ आई कि घर सम्पत्ति संभालना कठिन हो गया। लोगों ने गाये हटा दी और घर छोड़कर भागने लगे। श्रीकृष्ण ने इस स्थिति पर गम्भीरता से विचार किया तो मालूम हुआ इस तरह के गम्भीर संकटों का सामना अकेले नहीं हो सकता। उसके लिए सामूहिक श्रमदान और लोक मंगल की भावना से मिल-जुलकर काम करना आवश्यक होता है। उन्होंने वर्षा के जल और बाढ़ से गांव को बचाने के लिए उस क्षेत्र के सभी निवासियों को इकटठा कर सामूहिक श्रमदान की प्रेरणा दी और सबको पत्थर ढोने में लगा दिया। देखते ही देखते 14 मील लम्बा और आधा मील चौड़ा बांध बनकर तैयार हो गया और इस तरह ब्रज को श्रमदान के द्वारा बाढ़ की परेशानी से निजात मिल गयी ।। See more…
पानी बचाओ को के लिए सबसे महत्वपूर्ण है कि शुरुआत अपने आप से करें. फालतू पानी न बहने दे और कम पानी का भरपूर प्रयोग लें . अगर कोई पानी व्यर्थ गिरा रहा है तो उसे टोके अवश्य… क्योकि समझाना हमारा फर्ज है … बाकि आप खुद समझदार हैं … है ना 🙂