ब्लॉग लेखन
एक समय था जब बाजार में ढेर सारी पत्र पत्रिकाओं का बोलबाला था. हर महीने हमें नए अंक का इंतजार रहता और अगर उन जानी मानी पत्रिकाओं में हमारा लेख भी प्रकाशित होता तो फिर तो क्या कहना होता … आज समय बदल चुका है. बेशक, पत्रिकाएं बाजार में बहुत है पर इंटरनेट लिखने और पढने के लिए विशाल और अथाह सागर बन गया है. इसमे मुख्य भूमिका निभा रहा है ब्लॉग लेखन .
कहना गलत नहीं होगा कि ब्लॉग अपनी बात रखने का सबसे अच्छा माध्यम है जिस पर हम अपने मन की बात, अपने विचार, अपने अनुभव सांझा कर सकते हैं और अपनी सोच को नई उडान दे सकते हैं. अपना ब्लॉग बना कर विभिन्न विषयों व लेखो के जरिए अपना ज्ञान, अनुभव सांझा कर सकते हैं जिससे पाठको को फायदा मिल सके.
एक समय ऐसा था जब मुझे भी ब्लॉग की कोई जानकारी नही थी. बस नेट पर इधर उधर सर्च करती. कभी कहीं तो कभी कहीं कमेंट करती रहती. फिर जब मुझे ब्लाग की जानकारी मिली तो मुझे लगा कि ये तो बहुत ही अच्छा आईडिया है. यहां लिख कर मैं अपने विचारों को नया रुप दे सकती हूं और अपने विचार सांझा कर सकती हूं और तब से आज तक मैं ब्लाग में विभिन्न 896 पोस्ट डाल चुकी हूं.
अक्सर ब्लॉग बनाने के बारे में मेरी बहुत लोगों से बात होती रहती है.
ब्लॉग लेखन कौन कर सकते हैं …
उदाहरण के तौर पर एक जानकार से बात की तो उसका कहना था कि उसे तो सिवाय अपने गार्डन और किचेन गार्डन की देखभाल के और कुछ नही आता. उसमे लगभग 100 तरह के फूल खिले हैं और हर रोज छोटे से बागीचे से वो ढेर सारी सब्जियां निकालती है. मैने उसे बताया कि ऐसे बहुत लोग हैं जिनके पास बहुत जगह खाली है और बहुत समय भी है अगर ये सब बातों की जानकारी वो अपने ब्लाग पर डालेग़ी तो बहुत लोगो को फायदा होगा और पर्यावरण पर जो सकारात्मक असर पडेगा वो अलग … इस पर उसे बात जंच गई.
एक अन्य उदाहरण में एक बच्चे की ड्राईंग बहुत अच्छी है वो बस उसे बना बना कर अलमारी मे रख देता है अगर ब्लाग बना कर वो उसमे डालेगा तो और भी उस जैसे नन्हे बाल कलाकारों का मनोबल बडेगा और वो आगे आएगे और धीरे धीरे वो अपना जूनियर ग्रुप भी बना सकते हैं.
और रिटायर हुए लोगों के लिए तो ये वरदान से कम नही. वो अपने अनुभव और जानकारी ब्लाग के माध्यम से आम जन तक पहुंचा सकते हैं. स्वास्थ्य का ख्याल कैसे रखा जाए क्या किया और क्या न किया जाए उनसे बेहतर हमे कोई नही बता सकता.
देखा जाए तो हम नेट पर कुछ न कुछ सर्च करने ही जाते हैं और अगर हम किसी को अपने अनुभव के आधार पर कोई उपयोगी जानकारी कोई सुझाव कोई पठनीय सामग्री दे सकें तो इससे बेहतर और क्या बात हो सकती है. बडे, बुजुर्ग, गृहणियां या कालिज मे पढने वाले छात्र सभी ब्लाग बना कर ना सिर्फ अपनी बात दूसरो तक रख सकते हैं बल्कि ब्लाग को आय का साधन भी बना सकते हैं यानि कि एक पंथ दो काज…
बातें बहुत है और उदाहरण भी बहुत है बस जरुरत है आपको एक रुप देने की और अपनी सोच को एक उडान देने की.
… तो अगर आप भी ब्लाग के माध्यम से अपनी अलग पहचान बनाना चाहते हैं तो Contact करें
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