महिलाओं का वजन की जब बात आती है तो बस एक ही बात जहन में आती है और वो ये कि हम भारतीय महिलाएँ जितना अपने परिवार का ख्याल रखने मे, Care करने में, अव्वल होती है उतनी ही careless अपना ख्याल रखने में होती है.
महिलाओं का वजन – भारतीय महिलाएँ और उनका वजन
डीयर लेडीज, गृहणी, हाउस वाईफ, महिला, मां, मम्मी , माता, बहन जी व अन्य सब महिलाए…
सारी सारी रात बच्चों के लिए जाग सकती हैं बच्चों की पढाई के लिए घर छोड कर बाहर भी रह सकती हैं ताकि बच्चों को दिक्कत न हो पति को तकलीफ हो तो अपनी किडनी देने में पल भर भी नही सोचती …. पर पर पर जब बात अपनी सेहत की आती है उसकी कोई चिंंता नही. फ्रिज में पडा चार दिन पुराना खुद खा लेंगी पर बच्चों को ताजा बना कर देंगी कि कही नुकसान न कर जाए.. सुबह शाम पति को या बीमार ससुर को नियमित रुप से दवाई देंगी पर जब खुद ताकत की दवाई या कैलशियम खाने की बात आएगी तो मुस्कुरा कर कहेंगी … ओह भूल गई
समय, बेसमय कुछ भी अंट शंट खा लेंगी और अपनी फिक्र नही करेंगी पर घर परिवार के लिए सदा सोचती रहेगीं… और जब अपना ख्याल आएगा तब तक बहुत देर हो चुकी होगी.. जागो महिलाओ जागो .. !!
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