मेरे मन की बात
कभी कभी मन मे बात आती है
किसी के पसंदीदा मोदी जी हैं किसी के राहुल बाबा और किसी के अरविंद केजरीवाल. मेरे शायद यह तीनों पसंदीदा इसलिए हैं कि तीनों देश के लिए कुछ करना चाहते हैं किसी का अपना विजन है, किसी का मिशन है कोई युवा शक्ति का समर्थक है तो कोई देश से करप्शन हटाने ,स्वच्छता लाने की मुहिम में जुटे हैं तो कोई महिला के अधिकारों का मुद्दा जोर शोर से उठा रहा है जब इतना जोश, इतना जज्बा इतनी आग है
तो यह पार्टी वाद खत्म करके सभी पार्टी के ,सभी अच्छे लोग एक साथ मिलकर देश को आगे क्यो नही ले जा सकते.
किसी कार्यक्रम, त्योहार् , शादी या किसी के निधन पर सब गले मिल सकते हैं तो देश को आगे ले कर जाने के मामले में मिल जुल कर आगे क्यो नही आते. बहस करने की बजाय एक जुट होकर देश आगे लेकर जाए ताकि दुनिया में भारत की अलग मिसाल बने…
अचानक ध्यान हटा और टीवी चैनल पर यही नेता चिल्लमचिल्ली कर रहे थे… अपशब्द बोल रहे थे… धटिया स्तर पर उतर कर अंटशंट बोल रहे थे और मीडिया भी अपनी टीआरपी बढांने में जुटा था
और भारी मन के साथ मैनें टीवी बंद कर दिया पर कानों मे वही चिल्लमचिली चलती रही और शायद चलती रहेगी …
फीलिंग ????? मेरे मन की बात…..मन में ही दब गई 🙁
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